यमन की जेल में बंद केरल की नर्स निमिषा प्रिया का मामला चर्चा में है। फाँसी की सजा पाने वाली निमिषा प्रिया की सजा फाँसी से 1 दिन पहले आगे के लिए टाल दी गई। इस बीच, लोगों को एक नाम तेजी से सुनाई देने लगा – मौलाना कंथापुरम एपी अबु बक्र मुसलियार का। दावा किया जाने लगा कि मुसलियार ने निमिषा प्रिया की फाँसी रुकवाई है।
ये प्रोपेगेंडा वामपंथी और इस्लामी मीडिया आउटलेट्स ने तेजी से फैलाया। क्योंकि उन्हें लगा कि यही सही मौका है कि लोगों को ये बता जाए कि मुसलियार ने निमिषा प्रिया की फाँसी रुकवाई। इस पूरे मामले को इस्लाम के सॉफ्ट नजरिए से जोड़ते हुए लोगों के जेहन में इस्लाम के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर बनाया जाए। हालाँकि जब सच्चाई सामने आई, तो वामपंथियों और इस्लामी मीडिया आउटलेट्स का भांडा फूटता नजर आ रहा है।
दरअसल, निमिषा प्रिया की फाँसी की सजा टलने और उसकी रिहाई के लिए किए जा रहे प्रयासों में मौलाना कंथापुरम एपी अबूबक्र मुसलियार की कथित भूमिका को विदेश मंत्रालय ने नकार दिया है।
निमिषा प्रिया केस में मौलाना के रोल को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है, “इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, हमें इसकी जानकारी नहीं है।”

दरअसल कई मीडिया रिपोर्ट में निमिषा प्रिया की फाँसी की सजा टालने का श्रेय मौलाना कंथापुरम एपी अबूबक्र मुसलियार को दिया जा रहा है। इसमें कहा जा रहा है कि भारत की यमन की हूती प्रशासन से कोई औपचारिक कूटनीतिक संबंध नहीं है इसलिए मौलाना की मदद ली गई।

यमन से लेकर मित्र देशों तक निमिषा को बचानें में जुटा MEA
लेकिन विदेश मंत्रालय ने उन सभी प्रयासों का उल्लेख किया जो निमिषा प्रिया की फाँसी को टालने और उनकी रिहाई का मार्ग प्रशस्त करने के लिए लगातार किए जा रहे हैं।
#WATCH | Delhi | On the case of Nimisha Priya, MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "… The government of India has been offering all possible assistance. We have provided legal assistance and appointed a lawyer to assist the family… We are also in touch with local… pic.twitter.com/AFEm2CfOBK
— ANI (@ANI) July 17, 2025
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि ये संवेदनशील मामला है। भारत सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है। हम कानूनी सहायता भी दे रहे हैं। हमनें एक वकील को नियुक्त किया है जो परिवार की सहायता कर रहा है। हमने एक काउंसलर को नियुक्त किया है जो नियमित रूप से घर जाकर फैमिली से बातचीत कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा, “यमन के लोकल अथॉरिटी और प्रिया के परिवार के सदस्यों के साथ भारत सरकार लगातार संपर्क में है।” विदेश मंत्रालय के मुताबिक, “पिछले कुछ दिनों से समाधान तक पहुँचने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। पूरे मामले पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। इस मुद्दे पर उस परिवार से भी बातचीत कर रहे हैं जिसने आरोप लगाया है।”
विदेश मंत्रालय ने कहा, “इस मामले पर कुछ मित्र देशों से भी बातचीत चल रही है। यमन सरकार के कुछ लोगों से भी लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। हम सभी जानते हैं कि लोकल अथॉरिटी ने 16 जून को होने वाले फाँसी की सजा को टाल दिया है।”
सरकार ने जितने प्रयास किए हैं इस पर चर्चा करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बार भी मौलाना की चर्चा नहीं की। यहाँ तक कि इस मामले पर सवाल पूछने पर भी उन्होंने ये कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।
मौलाना को क्रेडिट देने की जल्दबाजी
वहीं दूसरी ओर केरल मीडिया समेत देशभर की कई मीडिया संस्थान ने अपनी रिपोर्टिंग में भारत सरकार के प्रयास के बजाए मौलाना मुसलियार की भूमिका की बात की।
केरल बेस्ड न्यूज नेटवर्क एशियानेट ने भी ये प्रोपेगेंडा फैलाया।

केरल के नंबर वन चैनल होने का दावा करने वाले – रिपोर्टर टीवी नाम के मीडिया आउटलेट ने तो मौलाना मुसलियार की गाथा में लंबी-चौड़ी तकरीरें कर दी। वामपंथियों से जुड़े इस मीडिया आउटलेट ने भारत सरकार को नहीं, बल्कि मुसलियार को ही निमिषा प्रिया का रक्षक बता दिया।
'ഓര്മ്മകള് ഉണ്ടായിരിക്കണം' എന്ന തലക്കെട്ടോടെ പങ്കുവെച്ച പോസ്റ്റിലാണ് വിമര്ശനം
Read Story: https://t.co/d7MHsUdk63
Watch Live: https://t.co/O2UxMj9lb6
Download Reporter Live App: https://t.co/Toa9bwlxgk #NimishaPriya #kanthapuramapaboobackermusliyar #advsubashchandran pic.twitter.com/AAlFosxy8X— Reporter Live (@reporter_tv) July 18, 2025
मनोरमा ऑनलाइन ने भी यही झूठ परोसा।
നിമിഷപ്രിയയുടെ വധശിക്ഷ ഒഴിവാക്കാൻ ഇടപെട്ട് എന്തെങ്കിലും ചെയ്യാൻ കഴിയുമെങ്കിൽ ചെയ്യണമെന്ന് യെമനിലെ പണ്ഡിതരോട് ആവശ്യപ്പെട്ടിരുന്നു. #nimishapriya #kanthapuramaboobacker #latestnews
Read : https://t.co/4xGM6hy111 pic.twitter.com/XNDRSrOgJ4— Manorama Online (@manoramaonline) July 15, 2025
हेट डिटेक्टर नाम से इस्लामी प्रोपेगेंडा चलाने वाले एक्स हैंडल ने तो मुसलियार को ही असली रक्षक बता दिया और बताया कि मुसलियार ने ही फाँसी रुकवा दी।
In a significant diplomatic effort, prominent Islamic scholar Kanthapuram A.P. Aboobacker Musliyar has intervened in the case of #NimishaPriya, a Malayali nurse from #Palakkad, #Kaerala who faces execution in #Yemen. pic.twitter.com/lPUz6DhAlS
— Hate Detector
(@HateDetectors) July 14, 2025
खुद मौलाना मुसलियार तक ने इस प्रोपेगेंडा को रोकने की कोशिश नहीं की। बल्कि मौलाना ने समाचार एजेंसी एएनआई से दावा कर दिया कि उन्होंने यमन के सूफी इस्लामी विद्वानों से संपर्क साधा और निमिषा के मामले में दखल देने की अपील की। इस्लामिक शरिया कानून को सामने रखते हुए सजा की जगह रहम को तरजीह देने की वकालत की। केरल से ही यमन के जिम्मेदार स्कॉलर्स से संपर्क किया और उन्हें हालात समझाए।
क्या है मामला?
निमिषा प्रिया केरल की नर्स हैं जो 2008 में यमन चली गई। 2017 में कथित तौर पर उसने यमन नागरिक बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो मेहदी की हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि निमिषा प्रिया की ट्रैवल दस्तावेज उसने जब्त कर लिए थे और लगातार प्रताड़ित कर रहा था। निमिषा ने बेहोश करके मेहदी से अपने कागजात लेने की कोशिश की, लेकिन ड्रग ओवरडोज की वजह से उसकी मौत हो गई। उन पर हत्या का ही मुकदमा चला और मेहदी के परिजनों ने ब्लड मनी के बदले निमिषा को माफ करने से इनकार कर दिया है।
ऐसे में यमन में उन्हें फाँसी की जो सजा मिली है, जिसे टलवाने में भारत सरकार जुटी हुई है। हालाँकि सरकारों के भी दखल की एक सीमा होती है, क्योंकि यमन के बड़े हिस्से पर विद्रोही गुटों का कब्जा है, जिनकी सरकार को भारत सरकार मान्यता नहीं देती, ऐसे में यमन के साथ भारत का कोई सीधा राजनयिक संबंध नहीं है। भारत सरकार यमन के पड़ोसी देशों या फिर ईरानी चैनल के माध्यम से निमिषा को बचाने के प्रयत्न कर रही है।
चूँकि यमन की राजधानी सना पर एक इस्लामी संगठन का कब्जा है। ऐसे में वामपंथियों और इस्लामी प्रोपेगेंडा ग्रुप्स ने निमिषा को बचाने का क्रेडिट मौलाना को देना शुरू कर दिया, जबकि ऐसी मौलवी को लेकर फैलाई जा रही ऐसी मीडिया खबरों को सेव ‘निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ भी खारिज कर चुकी है।
Since this morning, Malayalam media has been spreading fake news, claiming that Kanthapuram A.P. Aboobacker Musliar spoke with the Yemeni victim’s family and secured a pardon for Nimisha Priya.
This is false.!!
Samuel Jerome Baskaran, a key member of the Save Nimisha Priya… pic.twitter.com/C2in0Yylyv— महारथी-മഹാരഥി (@MahaRathii) July 15, 2025
हालाँकि मौलाना मुसलियार की बात को सच भी मान लें, तो अपील करने और सजा रुकने में फर्क होता है। अब तक मेहदी के परिवार ने कोई माफी नहीं दी है। सच सिर्फ इतना है कि अभी तक कानूनी तौर पर निमिषा की फाँसी टली है, जिसके लिए भारत सरकार अपने डिप्लोमेटिक चैनल्स, मित्र देशों की मदद ले रही है। न कि किसी मौलाना की बात भर से, क्योंकि अगर मौलाना की बात से यमन की ‘हूती’ सरकार को मानना होता, तो वो निमिषा को रिहा कर चुकी होती। वहीं, अब विदेश मंत्रालय का आधिकारिक बयान सामने आ चुका है। ऐसे में मौलाना से जुड़े वामपंथी और इस्लामी मीडिया आउटलेट्स के सारे दावों की पोल खुद ब खुद खुलती नजर आ रही है।