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जिन रेयर अर्थ मिनरल्स को लेकर चीन दुनिया को सता रहा, उन्हीं पर PM मोदी ने की घाना से डील: दोनों देश मिलकर करेंगे खनन, UPI पर भी हुआ MoU


पीएम मोदी और घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा

प्रधानमंत्री मोदी पाँच देशों की ऐतिहासिक दौरे पर हैं। इसकी शुरुआत उन्होंने घाना से की है। पिछले 30 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ये पहली घाना यात्रा है। पीएम ने यहाँ कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें रेयर अर्थ मिनरल्स और माइनिंग से जुड़ा समझौता भी शामिल है।

ये समझौता ऐसे समय हुआ है जब अवैध सोने के खनन को लेकर चीन और घाना आमने-सामने हैं। पीएम मोदी और राष्ट्रपति जॉन ड्रमानी महामा की रेयर अर्थ मिनरल्स के खनन को लेकर सहमति भी बनी है। ये भारत के लिए काफी अहम है क्योंकि चीन ने रेयर मैग्नेट के निर्यात पर लगाम लगा दिया है। चीन में रेयर अर्थ मिनरल्स काफी हैं जिसका भारत में भी निर्यात होता है।

इनका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक गाड़ियों के निर्माण में किया जाता है। चीन के फैसले की वजह से भारत को धक्का लगा है। भारत ने इसका करारा जवाब देते हुए अफ्रीकन देश से रेयर अर्थ मिनरल्स पर समझौता कर चीन के एकाधिकार को चुनौती देने की शुरुआत कर दी है।

इसके अलावा भारत और घाना द्विपक्षीय संबंधों को ‘कॉम्प्रिहेंसिव पार्टनरशिप’ कहा है यानी संबंधों में नए आयाम जुड़ने वाले हैं। पीएम मोदी और राष्ट्रपति महामा के बीच चार अहम समझौते हुए हैं। ये संस्कृति, पारंपरिक चिकित्सा, खनिज संसाधन और रक्षा सहयोग को लेकर है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारत अब केवल एक भागीदार नहीं, बल्कि घाना की राष्ट्र-निर्माण यात्रा में एक सहयात्री है.’

पीएम के बयान से भारत की अफ्रीका नीति की स्पष्टता साफ झलकती है। घाना के साथ भारत अगले 5 सालों में व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है। भारतीय कंपनियों ने अब तक घाना में 17138 करोड़ रुपए का निवेश किया है। पीएम ने कहा है कि भारत घाना के साथ फिनटेक सेक्टर में सहयोग करने जा रहा है। यूपीआई डिजिटल भुगतान सिस्टम को भी साझा करने जा रहा है।

पीएम मोदी ने बताया कि भारत घाना के साथ रेयर अर्थ मिनरल्स की खोज में मदद करेगा। दरअसल रेयर अर्थ मिनरल्स को लेकर पूरी दुनिया में घमासान मचा हुआ है। चीन के एकाधिकार और मनमाने रवैये का असर भारत के ऑटो सेक्टर और डिफेंस पर पड़ सकता है इसलिए पीएम ने अफ्रीका से चीन को संदेश दिया है।

इससे पहले घाना ने पहलगाम आतंकी हमले का कड़ा विरोध किया था और भारत के ऑपरेशन सिंदूर का समर्थन किया था। पीएम मोदी और राष्ट्रपति राष्ट्रपति जॉन ड्रमानी ने बैठक के दौरान यूरोप और पश्चिम एशिया में चल रहे जंग पर चिंता जताई और संवाद के जरिए कूटनीतिक प्रयास से समस्या के समाधान पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी 2 जुलाई से 9 जुलाई के बीच त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया भी जाने वाले हैं। घाना में उन्हें ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से भी सम्मानित किया गया और घाना के बच्चों ने ‘हरे राम हरे कृष्ण’ का मंत्रोच्चार कर स्वागत किया गया।

पीएम मोदी का घाना में शानदार स्वागत हुआ। घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। पीएम मोदी को ‘गार्ड ऑफ ऑनर‘ मिला। 21 तोपों की सलामी भी दी गई। पीएम मोदी की घाना की पहली सरकारी यात्रा थी। वह घाना जाने वाले तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री हैं। उनसे पहले जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी गए थे।



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