ओडिशा पुलिस ने राहुल गाँधी के ‘इंडियन स्टेट से लड़ रहे’ वाले बयान के खिलाफ दर्ज FIR में जाँच आगे बढ़ा दी है। पुलिस की जाँच अब राजीव गाँधी फाउंडेशन (RGF) तक पहुँच गई है। फाउंडेशन को फाइनेंशियल रिकॉर्ड पेश करने का नोटिस भेजा गया है। इसमें इस्लामी कट्टरपंथी जाकिर नाइक और चीन से फंडिंग का ब्योरा माँगा गया है।
ओडिशा की झारसुगुडा पुलिस मामले की जाँच कर रही है। पुलिस ने 03 सितंबर 2025 को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS),2023 की धारा 94 के तहत RGF को नोटिस भेजा है। SDPO उमाशंकर सिंह द्वारा RGF के वित्त निदेशक संदीप आनंद को जारी किए गए नोटिस में माँग की:
- 1991 से विदेशी योगदान का पूरा रिकॉर्ड।
- बैंक खाता विवरण और अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता।
- लेखा परीक्षकों के नाम और संपर्क।
- FCRA लाइसेंस की कॉपी।
- जाकिर नाइक (2011) और चीन से 2005-6 के बीच ₹2.49 करोड़ के कथित दान पर स्पष्टीकरण।
- UPA शासन के दौरान PM राहत कोष के कथित दुरुपयोग पर स्पष्टीकरण।
RGF को 04 नवंबर 2025 तक इन सब जानकारियों के साथ दस्तावेज जमा करने होंगे। नोटिस का पालन न करने पर BNS की धारा 210 के तहत कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी गई है।
मामले की जानकारी देते हुए IG संबलपुर हिमांशु लाल ने बताया, “जाँच अब उस चरण में पहुँच गई है जहाँ राजीव गाँधी फाउंडेशन (RGF) जैसी संबंधित संस्थाओं को रिकॉर्ड प्रस्तुत करने होंगे। यह एक कानूनी प्रक्रिया है। कानून अपना काम करेगा।”
गौरतलब है कि राहुल गाँधी भी राजीव गाँधी फाउंडेशन के बोर्ड सदस्यों में से एक हैं। इस फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गाँधी है। बोर्ड के अन्य सदस्यों में प्रियंका गाँधी वाड्रा, पी. चिदंबरम, सुमन दुबे, अशोक गांगुली, मोंटेक सिंह अहलूवालिया और विजय महाजन शामिल हैं।
राहुल गाँधी के खिलाफ FIR
यह नोटिस राहुल गाँधी पर जनवरी 2025 में दर्ज FIR से जुड़ा है। जब हिंदू संगठनों और BJP नेताओं ने राहुल गाँधी के ‘इंडियन स्टेट’ वाले विवादित बयान पर ओडिशा के झारसुगुडा में पुलिस से शिकायत की थी।
शिकायत में बताया गया कि राहुल गाँधी के बयान से भारत की एकता और अखंडता को खतरा है। शिकायतकर्ता राम हरि पुजारी ने कहा कि गाँधी ने ‘इंडियन स्टेट’ के खिलाफ युद्ध घोषित कर देशद्रोह भड़काया है।
मामले की जाँच के बाद IG हिमांशु लाल ने आरोपों को सही पाया और FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था। यह मामला झारसुगुडा थाने में धारा 152 (भारत की एकता और संप्रभुता को खतरा) और धारा 197(1)(d) (झूठी या भ्रामक सूचना फैलाना) के तहत दर्ज हुआ।
राहुल गाँधी का देश-विरोधी बयान
यह पूरा विवाद राहुल गाँधी के 15 जनवरी 2025 को दिए गए बयान से शुरू हुआ। जब दिल्ली के कोटला रोड स्थित कॉन्ग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन समारोह में राहुल गाँधी ने भाषण के दौरान देश-विरोधी बयान दिया। उन्होंने कहा था कि BJP और RSS ने देश के हर एक संस्थान पर कब्जा कर लिया है और कॉन्ग्रेस, BJP, RSS और ‘इंडियन स्टेट’ के खिलाफ संघर्ष कर रही है।
राहुल गाँधी ने कहा था, “मुझे नहीं लगता कि हम एक निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें कोई निष्पक्षता नहीं है। अगर आप मानते हैं कि हम BJP या RSS नामक किसी राजनीतिक संगठन से लड़ रहे हैं, तो आप समझ नहीं पाए हैं कि क्या हो रहा है। BJP और RSS ने हमारे देश की हर संस्था पर कब्ज़ा कर लिया है। अब हम BJP, RSS और इंडियन स्टेट से ही लड़ रहे हैं।”
#WATCH | Delhi: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi says "Do not think that we are fighting a fair fight. There is no fairness in this. If you believe that we are fighting a political organisation called the BJP or RSS, you have not understood what is going on. The BJP and… pic.twitter.com/wuZRnxDysB
— ANI (@ANI) January 15, 2025
इस बयान का हिंदू संगठनों और बीजेपी ने कड़ा विरोध किया। इसे भारतीय राज्य के खिलाफ और राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा बताया।
जाँच में अब मामला गहराया गया है और राजीव गाँधी फाउंडेशन की फाइनेंसियल हिस्ट्री की भी पड़ताल की जा रही है। विदेशी और विवादित फंडिंग के आरोप साबित होने पर राजनीतिक और कानूनी गंभीर परिणाम हो सकते हैं। फाउंडेशन को नवंबर तक जरूरी दस्तावेज जमा करने के लिए कहा गया है।
अब यह मामला केवल भाषण नहीं, बल्कि गाँधी परिवार से जुड़े संस्थान की जाँच में बदल गया है।