गृह मंत्री अमित शाह का इंटरव्यू

गृह मंत्री अमित शाह ने एएनआई को दिए खास इंटरव्यू में 130वें संविधान संशोधन विधेयक, एसआईआर और चुनाव आयोग और जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे, एसआईआर विवाद और चुनाव आयोग से जुड़े तमाम मसलों पर बात रखी है।

130वें संविधान संशोधन विधेयक को लेकर अमित शाह ने कहा कि एनडीए के चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार विधेयक से सहमत हैं। संसद में हंगामे के कारण कई लोगों को समर्थन करने का मौका नहीं मिल पा रहा है। जेपीसी बनेगी और संसद में चर्चा होगी तो सबको अपनी बात रखने का मौका मिलेगा।

जेल में रहकर सरकार चलाना चाहते हैं नेता

विपक्ष के लगाए जा रहे लगातार आरोपों पर अमित शाह ने कहा, “आज भी वे कोशिश कर रहे हैं कि अगर उन्हें कभी जेल जाना पड़ा, तो वे जेल से आसानी से सरकार बना लेंगे। जेल को ही सीएम हाउस, पीएम हाउस बना देंगे और डीजीपी, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव या गृह सचिव जेल से आदेश देंगे। मेरी पार्टी और मैं इस विचार को पूरी तरह से खारिज करते हैं…इससे संसद या विधानसभा में किसी के बहुमत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एक सदस्य जाएगा, पार्टी के अन्य सदस्य सरकार चलाएंगे, और जब आपको जमानत मिल जाएगी, तो वे आकर फिर से शपथ ले सकते हैं। इसमें क्या आपत्ति है?…”

बीजेपी के वरिष्ठ नेता आडवाणी जी, मदनलाल खुराना और कई अन्य लोगों को याद करते हुए अमित शाह ने कहा, ” इनलोगों ने पहले इस्तीफा दिया था। अभी हेमंत सोरेन ने झारखंड सीएम पद से इस्तीफा दिया। पहले जो भी किसी मामले में आरोपी होता था, वह इस्तीफा दे देता था। बरी होने के बाद, वे फिर से राजनीति में आ जाते थे। लेकिन अभी तमिलनाडु के कुछ मंत्रियों ने इस्तीफा नहीं दिया। दिल्ली के मंत्री और मुख्यमंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया। अगर राजनीति और सामाजिक जीवन की नैतिकता का स्तर इस तरह से गिराया जा रहा है, तो हम इससे सहमत नहीं हैं।”

AAP संयोजक और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा नहीं देने पर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अगर यह कानून लागू होता, तो उन्हें इस्तीफा देना पड़ता। जेल से केजरीवाल के बाहर निकलने के बाद जनता जब सवाल पूछने लगी तब उन्होंने इस्तीफा दिया और आतिशी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया।

राहुल गाँधी के अध्यादेश फाड़ने को किया याद

2013 में जब यूपीए की सरकार थी, उस वक्त राहुल गाँधी ने मनमोहन सरकार के लाए गए अध्यादेश को फाड़ दिया था। इसको याद करते हुए शाह ने कहा कि तब लालू यादव को राहत दी जा रही थी। अगर उस दिन नैतिकता थी तो अब क्या हो गया है? अब पीएम, सीएम समेत सभी मंत्रियों को 30 दिनों से ज्यादा जेल में रहने पर पद से हटाने की व्यवस्था की जा रही है तो राहुल गाँधी क्यों विरोध कर रहे हैं?

आरएसएस से उपराष्ट्रपति के संबंधों पर बोले शाह

एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार राधाकृष्णन को लेकर उन्होंने कहा कि आरएसएस से हम सब जुड़े रहे हैं। प्रधानमंत्री का RSS से संबंध है। उनका भी RSS से संबंध है। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या RSS से संबंध होना कोई माइनस पॉइंट है? अटल बिहारी वाजपेयी, आडवाणी जी RSS से जुड़े हैं। सी.पी. सुदर्शन की उम्मीदवारी का समर्थन करते हुए, अमित शाह ने कहा कि ये स्वाभाविक चयन था। राष्ट्रपति पूर्व से हैं, पीएम उत्तर-पश्चिम से, उपराष्ट्रपति दक्षिण से हों, तो बहुत अच्छा है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु चुनाव 2026 को लेकर राधाकृष्णन की उम्मीदवारी को जोड़ना गलत है।

धनखड़ के इस्तीफे की बताई वजह

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर अमित शाह ने साफ किया है कि पूर्व उपराष्ट्रपति की सेहत ठीक नहीं थी, इसलिए स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने इस्तीफा दिया है। उनकी तारीफ करते हुए शाह ने कहा कि विपक्ष के ‘हाउस अरेस्ट’ वाले आरोप पूरी तरह गलत और निराधार है। एएनआई से गृहमंत्री ने कहा, “धनखड़ साहब का इस्तीफा पत्र खुद स्पष्ट है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है और प्रधानमंत्री समेत सभी के प्रति आभार जताया है। बात का बतंगड नहीं बनाना चाहिए और बेवजह हंगामा नहीं किया जाना चाहिए। विपक्ष के बयान सच से परे हैं।”

इंडी गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार पर साधा निशाना

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए इंडी गठबंधन ने बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार घोषित किया है। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जज बी. सुदर्शन रेड्डी की 2011 के छत्तीसगढ़ के सलवा जुडूम को लेकर की गई टिप्पणी का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि इसकी वजह से नक्सलवाद दो दशक और जिंदा रहा। ऐसी टिप्पणियों ने नक्सलियों को बचाया। ऐसे में विपक्ष ने आखिर ऐसा उम्मीदवार क्यों चुना? उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड में है कि सलवा जुडूम खत्म कर आदिवासियों का आत्मरक्षा का अधिकार छीना गया। उन्होंने कहा कि विपक्ष का सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना वामपंथी सोच का नतीजा है।

Source link