मृत्युंजय शर्मा, साधु यादव

बिहार के कुख्यात ‘जंगलराज’ को उजागर करने की कोशिश अब भारी पड़ती दिख रही है। लेखक मृत्युंजय शर्मा को लालू प्रसाद यादव के साले और पूर्व विधायक साधु यादव ने 5 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस थमा दिया है। वजह? मृत्युंजय ने अपनी किताब Broken Promises और एक पॉडकास्ट में साधु यादव के कथित कुकर्मों का जिक्र किया, जिसे वो अपनी ‘प्रतिष्ठा’ पर हमला बता रहे हैं।

हालाँकि मृत्युंजय डटकर मुकाबला करने को तैयार हैं और कहते हैं, “सच बोलने की कीमत मैं चुकाने को तैयार हूँ, न डरूँगा, न माफी माँगूँगा।”

दरअसल, मृत्युंजय शर्मा ने अपनी किताब और पॉडकास्ट में साधु यादव से जुड़े तीन गंभीर आरोपों का जिक्र किया, जो बिहार के उस दौर की तस्वीर खींचते हैं, जब लालू-राबड़ी की सरकार में गुंडागर्दी और डर का बोलबाला था। साधु यादव ने इन्हीं तीन बयानों को आधार बनाकर नोटिस भेजा है-

  1. शिल्पी-गौतम डबल मर्डर केस (1999): इस हत्याकांड ने पूरे बिहार को हिलाकर रख दिया था। मृत्युंजय ने दावा किया कि इस मामले में साधु यादव की कथित संलिप्तता थी।
  2. जेएनयू छात्रों पर गोली चलाने का आदेश: मृत्युंजय का कहना है कि छात्र नेता चंद्रशेखर की हत्या के विरोध में दिल्ली में बिहार भवन के सामने प्रदर्शन कर रहे जेएनयू छात्रों पर साधु यादव ने गोली चलाने का आदेश दिया था।
  3. रोहिणी आचार्य की शादी में लूटपाट: लालू की बेटी रोहिणी आचार्य की शादी के दौरान साधु यादव और उनके लोगों ने पटना की दुकानों से गाड़ियां, गहने और फर्नीचर तक लूट लिए, ऐसा मृत्युंजय ने अपनी किताब में लिखा।

साधु यादव का दावा है कि इन बातों से उनकी ‘प्रतिष्ठा’ को ठेस पहुँची। लेकिन मृत्युंजय का तंज है, “कौन-सी प्रतिष्ठा? गुंडागर्दी और परिवारवाद की संस्कृति ने बिहार को बर्बाद किया, और अब सच बोलने वालों को डराया जा रहा है।”

बीजेपी नेता मृत्युंजय ने साफ कहा, “मैं न माफी माँगूँगा, न डरूँगा। जिन्होंने अपनी राजनीति डर, धन और दबंगई पर खड़ी की, उन्हें अब सच से डर लगना लाजमी है।” उन्होंने यह भी खुलासा किया कि साधु यादव पहले भी उन्हें फोन कर चुके हैं। मृत्युंजय ने चेतावनी दी, “मुझे या मेरे परिवार को अगर कोई नुकसान हुआ, तो इसके जिम्मेदार साधु यादव होंगे।”

ऑपइंडिया से बातचीत में मृत्युंजय ने कहा, “मैं इस नोटिस का कानूनी जवाब दूँगा। जरूरत पड़ी तो किताब और पॉडकास्ट में कही हर बात के लिए सबूत पेश कर सकता हूँ। मैंने सालों तक गहन अध्ययन के बाद ये किताब लिखी है और इसके एक-एक बात के अडिग हूँ। सच लिखना गुनाह कब से हो गया? मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, और मैं इस केस को पूरी ताकत और सच्चाई से लडूँगा।”

इस मामले से बिहार की सियासत में नई बहस छिड़ने की उम्मीद है। लालू यादव का राजद (RJD) पहले ही ‘जंगलराज’ के आरोपों से जूझता रहा है। साधु यादव भले ही अब राजद से अलग हो चुके हों, लेकिन उनका नाम उस दौर के विवादों से हमेशा जुड़ा रहा। साधु यादव के इस नोटिस को कई लोग सच को दबाने की कोशिश मान रहे हैं। ऐसे में मृत्युंजय शर्मा का कानूनी रूप से लड़ने का कदम उन लोगों के लिए प्रेरणा बन सकता है, जो ‘जंगलराज’ के काले अध्याय को सामने लाना चाहते हैं।



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