प्रधानमंत्री मोदी ने SCO समिट से अलग नेपाल, मालदीव, मिस्र, बेलारूस, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, वियतनाम, म्यांमार, लाओस, तुर्कमेनिस्तान और आर्मेनिया के राष्ट्राध्यक्षों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। इस दौरान व्यापार से लेकर सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया गया।

रविवार (31 अगस्त 2025) को तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के राष्ट्राध्यक्षों के आधिकारिक स्वागत समारोह में पीएम मोदी पहुँचे, तो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी पत्नी ने पूरे जोश ने उनका स्वागत किया।

चीनी राष्ट्रपति ने शिखर सम्मेलन में आए सभी राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों का भी आधिकारिक रूप से स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भव्य रात्रिभोज से पहले विश्व नेताओं से मुलाकात की। शी जिनपिंग के साथ स्वागत समारोह के बाद सभी नेताओं की पारंपरिक सामूहिक तस्वीर ली गई।

इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम स्थल पर कई राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों से बातचीत की। उन्होंने सबसे पहले नेपाली प्रधानमंत्री केपी ओली से मुलाकात की। उन्होंने एक्स पर एक तस्वीर पोस्ट करते हुए कहा, “नेपाल के साथ भारत के संबंध गहरे और बेहद खास हैं।”

इसके बाद उन्होंने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की। करीब एक महीने पहले पीएम मोदी ने मालदीव का दौरा किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, “तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू से बातचीत की। मालदीव के साथ भारत का विकासात्मक सहयोग दोनों देशों के लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन में मिस्र के प्रधानमंत्री मुस्तफा मदबौली से भी मुलाकात की। बातचीत के दौरान उन्होंने कुछ साल पहले की अपनी मिस्र यात्रा को याद किया। उन्होंने कहा कि भारत-मिस्र मित्रता प्रगति की नई ऊँचाइयों को छू रही है।

इसके बाद, उन्होंने बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको से मुलाकात की। मोदी ने एक्स पर लिखा, “जहाँ तक हमारे देशों का सवाल है, हम दोनों ही भविष्य में मिलने वाले अवसरों को लेकर बेहद आशान्वित हैं।” गौरतलब है कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में बेलारूस रूस का एक अहम सहयोगी रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान से भी बात की। उन्होंने कहा कि मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान के साथ भारत के व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध बढ़ रहे हैं।

मध्य एशिया के देश, कजाकिस्तान के राष्ट्रपति तोकायेव से भी प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात की। उन्होंने एक्स पर ट्वीट किया, “हमारे देश ऊर्जा, सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा और फार्मा सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं।”

SCO शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन के साथ संक्षिप्त चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत रक्षा, व्यापार, हरित ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में वियतनाम के साथ संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए उत्सुक है।

म्यांमार के कार्यवाहक राष्ट्रपति, वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से भी पीएम मोदी ने मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने 𝕏 पर एक पोस्ट में कहा, “म्यांमार भारत की एक्ट ईस्ट और नेबरहुड फर्स्ट नीतियों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। हम दोनों इस बात पर सहमत हुए कि व्यापार, संपर्क, ऊर्जा, रेयर मिनरल्स और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएँ हैं।”

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण पूर्व एशियाई देश लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री थोंगलाउन सिसोउलिथ से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि “हमारे देशों के बीच घनिष्ठ मित्रता, विशेष रूप से व्यापार और संस्कृति के क्षेत्र में, अत्यंत लाभकारी है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति सरदार बर्दीमुहामेदोव से भी बातचीत की। उन्होंने अलग-अलग मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।

अर्मेनिया के राष्ट्रपति निकोल पाशिनयान से मुलाकात और वार्ता को प्रधानमंत्री मोदी ने एक ‘बहुत अच्छी बातचीत’ कहा। उन्होंने ट्वीट किया, “भारत और आर्मेनिया के बीच मधुर और प्रगाढ़ संबंध हैं, जो मित्रता और आपसी सहयोग पर आधारित हैं।” अमेरिका की मध्यस्थता से आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच हुए समझौते के बाद, यह भारत और अर्मेनियाई राष्ट्रपति के बीच पहली सीधी बातचीत थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव से मुलाकात के बारे में भी एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा, “भारत और उज्बेकिस्तान एक अहम साझेदार हैं। ये संस्कृति, अर्थव्यवस्था और लोगों के बीच संबंधों के माध्यम से निरंतर आगे बढ़ रहा है।”

इसके अलावा, उन्होंने किर्गिज़स्तान के राष्ट्रपति सदिर जापारोव से भी बातचीत की। इसके बारे में एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा, “तिआनजिन में किर्गिज राष्ट्रपति सदिर जापारोव के साथ बहुत ही अहम बातचीत हुई। हमारे देशों के बीच एक मजबूत साझेदारी है और हम अपने विकास के इस सहयोग को और मज़बूत बनाने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।” दरअसल पीएम मोदी ने व्यक्तिगत रूप से सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात कर आपसी रिश्तों को मजबूत करने पर जोर दिया है। इस मुलाकात से व्यापार, रक्षा, संपर्क, सांस्कृतिक संबंध समेत कई क्षेत्रों में दूरगामी परिणाम सामने आएँगे।



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