जम्मू-कश्मीर में खाने-पीने की चीजों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। यहां सड़ा हुआ मांस, नकली पनीर और एक्सपायर मिठाइयाँ बेची जा रही थीं। कुछ दिन पहले प्रशासन ने भारी मात्रा में सड़ा और बासी मांस जब्त किया था। ये मांस त्योहारों के मौके पर होटलों और रेस्टोरेंट्स में सप्लाई किया जाना था।
अगस्त की शुरुआत से अब तक जम्मू-कश्मीर की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने 12,000 किलो से ज़्यादा एक्सपायर मछली और चिकन पकड़ा है। इन सभी को नष्ट कर दिया गया है। यह मामला सामने आने के बाद लोगों में गुस्सा है और प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं।
इस घटना के बाद खाने की चीजों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो गई है। अब स्थानीय लोग और पर्यटक रेस्टोरेंट में मांस से बनी चीजें जैसे वजवान खाना छोड़ रहे हैं। इसकी जगह लोग अब डोसा, राजमा चावल जैसी शाकाहारी चीजें खाना पसंद कर रहे हैं। पहले होटल वाले मांस वाले खाने से अच्छा मुनाफा कमाते थे। लेकिन सड़े हुए मांस का मामला सामने आने के बाद लोगों में गुस्सा है। अब ज़्यादातर लोग मांस से दूरी बना रहे हैं।
कैसे हुआ सड़े हुए मांस का खुलासा?
कश्मीर में सड़े हुए मांस की सप्लाई पर कार्रवाई अगस्त 2025 की शुरुआत में शुरू हुई। एक मांस कारोबारी ने एक लोकल न्यूज चैनल को इसकी जानकारी दी। उसने बताया कि दिल्ली की गाज़ीपुर मंडी से खराब मांस जम्मू-कश्मीर के बाजारों में भेजा जा रहा है। गाज़ीपुर मंडी एशिया की सबसे बड़ी पशु मंडी मानी जाती है।
इस सूत्र ने बताया कि जो मांस रेस्तरां वाले लेने से मना कर देते हैं, उसे मांस माफिया खरीद लेते हैं। ये मांस FSSAI के नियमों के मुताबिक ठीक नहीं होता। माफिया इस सड़े मांस को केमिकल्स से धोता है। इसमें क्लोराइड, अमोनियम हाइड्रॉक्साइड और नाइट्रेट जैसे खतरनाक रसायन मिलाए जाते हैं। इससे मांस बाहर से ताजा और लाल दिखने लगता है।
इसके बाद उस मांस को आइस बॉक्स में पैक किया जाता है। फिर ट्रकों के जरिए जम्मू-कश्मीर के बाजारों में भेजा जाता है। वहां यह मांस खाने-पीने का सामान बेचने वाले व्यापारियों को दिया जाता है। ये लोग इसे होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों को बेचते हैं। फिर ग्राहक, चाहे वो स्थानीय हों या पर्यटक, बिना कुछ जाने वही मांस खा लेते हैं। उन्हें लगता है कि मांस ताजा और सेहतमंद है, लेकिन असल में वो सड़ा हुआ और केमिकल से रंगा होता है।
जब यह मामला सामने आया तो फूड डिपार्टमेंट हरकत में आया। रेस्टोरेंट, होटल, ढाबों और ठेलों पर छापेमारी शुरू हुई। जाँच में सामने आया कि सड़े मांस का यह धंधा बहुत बड़े स्तर पर चल रहा था।
कुछ ही समय में पुलिस ने हजारों किलो सड़ा मांस बरामद किया। ये मांस बिना किसी लेबल के था और ऊपर से सिंथेटिक रंग चढ़ाया गया था ताकि यह ताजा लगे। जैसे-जैसे कार्रवाई तेज हुई, कुछ दुकानदारों ने सड़ा हुआ मांस पानी में फेंकना शुरु कर दिया, ताकि पकड़े न जाएँ। कई जगहों पर नालों और तालाबों में खराब मांस तैरता मिला। पुलिस की सख्ती से घबराकर दुकानदार माल छिपाने लगे।
सड़े हुए मांस कांड ने कश्मीर के रेस्टोरेंट व्यवसाय को हिलाकर रख दिया है। लोगों के रेस्टोरेंट से दूर रहने से ग्राहकों की संख्या में 80 प्रतिशत की गिरावट आई है. देखें, रिपोर्ट #ReporterDiary | @mirfareed2 pic.twitter.com/G1GLIbFF0K
— AajTak (@aajtak) August 25, 2025
इस बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने फूड सेफ्टी अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। उन्होंने जरूरी निर्देश जारी किए। पुलिस उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है जो सड़ा हुआ मांस बेच या जमा कर रहे हैं।
अब राज्य की सीमाओं के पास लैब बनाए गए हैं जहाँ मांस की जाँच की जा रही है। इसके अलावा बाजारों में मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन भी लगाई गई हैं। इन वैनों से होटल और ढाबों में बिकने वाले मांस की जाँच की जा रही है।
इस घटना के बाद अब मांस बाजार को ज़्यादा व्यवस्थित और पारदर्शी बनाया जा रहा है। सरकार ने मांस बेचने वालों, सप्लायरों और व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन कराने का आदेश दिया है। अब बिना रजिस्ट्रेशन कोई मांस नहीं बेच सकेगा।
फूड डिपार्टमेंट ने कहा है कि पैक किए गए मांस पर साफ-साफ जानकारी होनी चाहिए। उस पर बनने की तारीख, बैच नंबर, खत्म होने की तारीख और बनाने वाली कंपनी का नाम लिखा होना ज़रूरी है। इसके अलावा फ्रोजन मांस को -18 डिग्री तापमान में रखना अनिवार्य किया गया है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि नियम तोड़ने वालों को भारी जुर्माना देना होगा। यह जुर्माना 5 से 10 लाख रुपए तक हो सकता है या फिर 6 साल तक की जेल भी हो सकती है।
फूड सेफ्टी कश्मीर के असिस्टेंट कमिश्नर हिलाल अहमद मीर के मुताबिक, सिर्फ एक हफ्ते में गांदरबल, पुलवामा और श्रीनगर से 3000 किलो से ज्यादा सड़ा मांस बरामद किया गया है। उन्होंने बताया कि अब सड़ा मांस सड़कों के किनारे, नालों और नदी-नालों में भी मिल रहा है। जैसे ही निगरानी बढ़ी तो गलत काम करने वाले लोग मांस को छिपाने लगे और उसे इधर-उधर फेंकने लगे।
सिर्फ सड़ा मांस ही नहीं, फूड सेफ्टी विभाग ने 2500 कबाब भी जब्त किए हैं। ये कबाब ऐसे फ्रोजन मांस से बनाए गए थे, जिसमें गलत और खतरनाक रंग मिलाया गया था। श्रीनगर में 150 किलो मटन के गोले (गुश्ताबा) भी नष्ट किए गए हैं। यह सारा माल लोगों की सेहत के लिए खतरनाक था।
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान
26 अगस्त 2025 को जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया। कोर्ट ने वकील मीर उमर द्वारा दायर की गई याचिका के लिए वरिष्ठ वकील जहाँगीर इकबाल गनई को कोर्ट का सहायक नियुक्त किया। यह याचिका एडवोकेट मीर उमर ने दायर की थी। याचिका में यह आरोप लगाया गया कि जम्मू-कश्मीर, खासकर कश्मीर घाटी में सड़ा, गंदा और बीमार मांस और पोल्ट्री लंबे समय से तस्करी के जरिए लाया जा रहा है।
कोर्ट ने इस याचिका और उसमें दिए गए तथ्यों को गंभीरता से लिया। कोर्ट ने कहा कि सड़े मांस और पोल्ट्री के साथ-साथ बिना निगरानी के बिकने वाले अन्य खाद्य पदार्थ भी जनता की सेहत के लिए खतरा हैं। यह मामला सीधे आम लोगों के जीवन और स्वास्थ्य से जुड़ा है।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि 2017 में कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर ने एक आदेश जारी किया था। उस आदेश में सड़ा हुआ मांस और पोल्ट्री घाटी में लाने पर पूरी तरह से रोक लगाने को कहा गया था। लेकिन इसके बावजूद कई सालों से गंदा और बीमार मांस गैरकानूनी तरीके से लाया जा रहा है। कोर्ट के आदेश होने के बावजूद ज़िम्मेदार अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठा पाए हैं।
याचिका में यह भी कहा गया कि विभाग में कर्मचारियों और संसाधनों की भारी कमी है। इस वजह से फूड सेफ्टी के नियमों को ठीक से लागू नहीं किया जा पा रहा है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सरकार ने भी इस मामले में लापरवाही बरती है। खासकर फूड सेफ्टी ऑफिसरों की भर्ती के मामले में सरकार ने ज़रूरी कदम नहीं उठाए।
इस बीच जम्मू-कश्मीर की फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन की कमिश्नर स्मिता सेठी ने कोर्ट को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि त्योहारों से पहले लगातार छापे मारे जा रहे हैं। इन छापों में 12,000 किलो मांस जब्त किया गया है। इसके अलावा 21 क्विंटल नकली पनीर और 440 क्विंटल एक्सपायर रसगुल्ला भी पकड़ा गया है। यह सारी कार्रवाई लोगों की सेहत को ध्यान में रखकर की जा रही है।
स्मिता सेठी ने बताया कि 25 अगस्त 2025 को जम्मू में एक बड़ी रेड की गई थी। 26 अगस्त 2025 को करीब 100 किलो नकली पनीर जब्त किया गया। अब तक कुल 12,000 किलो मांस, 21 क्विंटल नकली पनीर और 440 क्विंटल एक्सपायर रसगुल्ले जब्त किए जा चुके हैं। रसगुल्ले एक्सपायर थे, फटे हुए टिन में रखे गए थे और उन पर कोई पैकिंग या लेबल नहीं था। ये ठंडे गोदामों में बिना सही तरीके से रखे गए थे और बाजार में बेचने की तैयारी थी। चूंकि इन्हें ठीक से स्टोर नहीं किया गया था, इसलिए सब नष्ट कर दिए गए।
जिन दुकानों या फैक्ट्रियों ने नियमों का उल्लंघन किया और सड़ा मांस बेचा, उनके लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए हैं। इनमें श्रीनगर की अल-तक़वा फूड्स, आरिफ एंटरप्राइजेस, सनशाइन फूड्स, अनमोल फूड्स, और अनंतनाग की डोमिनोज़ पिज्जा, शौन शाही बिरयानी, शान फिश फ्राई, बिस्मिल्लाह स्वीट्स और खंडे पोल्ट्री शामिल हैं। अधिकारियों ने साफ कहा है कि ऐसे काम करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
छापेमारी के बाद भोजनालयों में ग्राहकों की कमी
इस साल 22 अप्रैल 2025 में पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित इस्लामी आतंकियों ने बड़ा हमला किया था। इस हमले में 26 हिंदू पर्यटकों की बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आतंकियों ने सिर्फ इसलिए उन्हें निशाना बनाया क्योंकि वे हिंदू थे। उस समय जम्मू-कश्मीर में पर्यटन तेजी से बढ़ रहा था और विकास हो रहा था। लेकिन इस हमले के बाद होटल बुकिंग और यात्राएँ बड़ी संख्या में रद्द होने लगीं। इससे पर्यटन को बड़ा झटका लगा, जबकि कश्मीर की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा पर्यटन पर ही टिका है।
धीरे-धीरे हालात सामान्य हुए और पर्यटक फिर से घाटी आने लगे। लेकिन अब सड़े मांस का मामला सामने आने से पर्यटन की छवि को फिर से नुकसान पहुँचा है। इससे पर्यटकों के मन में डर और अविश्वास पैदा हुआ है। इस गिरते भरोसे को दोबारा पाने के लिए कश्मीर के रेस्टोरेंट्स अब फेमस फूड व्लॉगर्स की मदद ले रहे हैं। ये व्लॉगर्स यह दिखाते हैं कि मांस कहाँ से लाया जा रहा है और सफाई के क्या-क्या इंतजाम किए गए हैं।