ड्रग तस्करी रैकेट चलाने वाला भोपाल का यासीन मछली और उसके चाचा सारिक मछली ने हिंदू पर अत्याचार किया। हिंदू की जमीन को अतिक्रमण बताकर ढहा दिया। जहाँ रेव पार्टियाँ होती थी, उसी फार्महाउस में ले जाकर बँधकर बनाया। यहाँ तक की झूठे मामले में FIR भी करवा दी। अब पीड़ित राजेश तिवारी ने सामने आकर आपबीती सुनाई है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, राजेश तिवारी ने बताया कि साल 2021 में सारिक ने गणेश झाँकी में अपने और उसके करीबी मंत्री का बैनर लगाने का दबाव बनाया था। राजेश ने वह धार्मिक कार्य में राजनीतिक व्यक्ति के बैनर नहीं लगाते हैं। तभी से सारिक ने उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
दुकान को तुड़वाया, मंदिर बनाकर कब्जे से बचाई
राजेश तिवारी बताते हैं कि सारिक मछली उनकी अशोका गार्डन इलाके में बनी दुकान पर कब्जा करना चाहता था। सारिक ने दुकान को अतिक्रमण बताकर तुड़वा दिया। राजेश ने अपनी जमीन बचाने के लिए वहाँ मंदिर बनवा दिया, जिसके बाद सारिक ने हिंदू स्थल होने के चलते जमीन को छोड़ दिया।
इस बात का बदला लेने के लिए 29 सितंबर 2021 को सारिक और उसके तीन गुर्गे लाल रंग की थार में आए और बंदूक की नोक पर राजेश तिवारी को अगवा कर ले गए। राजेश को उसी हथाईखेड़ के फार्महाउस ले जाया गया, जहाँ रेव पार्टियाँ आयोजित की जाती थीं। यहाँ अलग-अलग कमरों में लड़कियों को बंधक बनाके रखा गया था।
पुलिस की जाँच में भी सामने आया था फार्महाउस में लड़कियों को नशा देकर दुष्कर्म किया जाता था। राजेश तिवारी के साथ भी इसी फार्महाउस में लूट मचाई गई।
‘पंडित’ राजेश तिवारी पर बकरी खरीदने का आरोप लगाकर फँसाया
राजेश तिवारी को फार्महाउस में 16 घंटे तक बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा गया। इस दौरान सारिक ने राजेश से ₹50 हजार रुपए भी वसूल लिए। बाद में इन पैसों के जरिए बेबुनियाद आरोप में फँसाया गया।
राजेश बताते हैं कि सारिक ने जिस व्यक्ति के मोबाइल में ₹50 हजार ट्रांसफर करवाए थे, उसने पुलिस के सामने झूठा बयान दिया। उस व्यक्ति ने कहा कि बकरा खरीदने के बदले राजेश तिवारी से यह पैसे लिए गए हैं। राजेश कहते हैं कि वह पंडित आदमी हैं और इस झूठे आरोप से उनके परिवार की काफी बदनामी हुई।
इतना ही नहीं सारिक ने किसी मंत्री का संरक्षण लेकर राजेश तिवारी के खिलाफ रेप और हत्या के झूठे आरोप भी लगाए। इसके चलते राजेश तिवारी को अपनी नौकरी से निकाल दिया गया। राजेश ने बताया कि हत्या मामले में फरियादी सारिक का कोई करीबी है।
वहीं, जब सारिक के खिलाफ शिकायत करने राजेश तिवारी थाने पहुँचे, तो पुलिस ने 15 दिन तक FIR दर्ज नहीं की थी।
यासीन मछली पर हिंदू युवती के रेप में FIR दर्ज
भोपाल में ड्रग तस्करी के आरोप में पकड़े गए यासीन मछली और चाचा सारिक मछली ने सालों से लोगों पर अत्याचार किए। युवाओं को नशे में धखेलने का काम करते थे। इससे पहले एक हिंदू युवती ने भी यासीन मछली पर रेप का मुकदमा दर्ज करवाया था।
युवती ने शिकायत में बताया था कि करीब एक साल पहले एक पब में यासीन से मुलाकात हुई थी। यासीन ने युवती से दोस्ती की। दोनों के बीच बातचीत बढ़ने लग गईं। यासीन ने युवती को शादी का झाँसा देकर फाइव स्टार में बुलाया और रेप किया।
युवाओं को रेव पार्टी में बुलाकर नशे की लत डालते
वह शहर के बाहरी इलाकों में रेव पार्टी आयोजित करता था। इन पार्टियों में एंट्री के लिए 10 से 25 हजार रुपए वसूले जाते थे। पार्टी में ड्रग्स के लिए अलग से रकम ऐंठी जाती थी। इस पूरे काले कारोबार में यासीन मछली और उसका परिवार शामिल था।
यासीन के परिवार ने 55 साल में अवैध काम कर खड़ा किया ‘साम्राज्य’
ड्रग तस्कर यासीन मछली के परिवार ने 55 साल में अवैध कारोबार के जरिए बड़ा साम्राज्य खड़ा किया। यासीन का परिवार 1970 से पहले बुधवारा में रहता था और मछलियों की दलाली करता था। इसके बाद हथाईखेड़ा आया और यहाँ मछली पालने का ठेका लिया।
1980 में राजनीतिक पार्टियों की मदद कर इलाके में दबदबा बनाया। राजनीतिक मदद से ही मुस्लिमों की बस्ती बसा ली और पत्थर खदानों ने अवैध खनन शुरू किया।
जानें पूरा मामला
18 जुलाई 2025 को भोपाल के गोविंदपुरा से सैफुद्दीन और आशू उर्फ शाहरुख को गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से ₹3 लाख और बड़ी मात्रा में ड्रग्स बरामद की गई। इन्हीं की निशानदेही पर ड्रग तस्करी का सरगना शाहवर मछली और उसका भतीजा यासीन मछली को क्राइम ब्रांच ने दबोचा। दोनों के पास से 3 ग्राम एमडी ड्रग और एक देशी पिस्टल बरामद की गई थी।
जाँच में सामने आया कि यासीन और उसके चाचा शाहवर ड्रग्स तस्करी का धंधा करते थे। मुंबई, राजस्थान और पंजाब से चरस और अन्य ड्रग्स लाते थे। फिर इन्हें शहर के पब, लाउंज और क्लब में पार्टियों में बेचा करते थे। ड्रग्स की डिलीवरी के लिए हिंदू लड़कियों को इस्तेमाल किया जाता था।
युवाओं के लिए रेव पार्टी आयोजित कर उन्हें नशे की लत लगाते थे। ये दोनों हिंदू लड़कियों का शारीरिक शोषण करते थे और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव भी बनाते थे।