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खुले में पेशाब करने से रोका तो अमेरिकी शख्स ने हरियाणा के युवक को मारी गोली, डंकी रूट से US गया था कपिल: जानें कितना खतरनाक है घने जंगल, पहाड़ों वालों यह रास्ता


हरियाणा के जींद के एक 26 साल के युवक की अमेरिका के कैलिफॉर्निया में गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि उसने एक अमेरिकन को खुले में पेशाब करने से रोका था। बराह कलां गाँव का रहने वाला कपिल करीब ढ़ाई साल पहले डंकी रूट से अमेरिका गया था।

शनिवार रात (6 सिंतबर 2025) को कपिल ने सार्वजनिक स्थान पर पेशाब करने से एक अमेरिकी मूल के व्यक्ति को टोका था। इसको लेकर दोनों में बहस हुई। अमेरिकी मूल के व्यक्ति ने पिस्टल निकाल कर कपिल पर गोलियाँ चला दी। आसपास मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस उसे लेकर नजदीक के अस्पताल गई, जहाँ डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। हत्या की खबर से पूरे गाँव में मातम पसरा हुआ है। परिजन उसके शव को लाने की तैयारी कर रहे हैं।

कपिल अपने परिवार का अकेला बेटा था। पिता ईश्वर सिंह के मुताबिक, उन्हें अपने बेटे को अमेरिका भेजने में 45 लाख रुपए खर्च हुए। वह पनामा के घने जंगलों को पार करते हुए, मेक्सिको की दीवार फाँद कर अमेरिका पहुँचा था। इसके बाद वह अमेरिका में गिरफ्तार हो गया। उस पर केस चल रहा था। कपिल के पिता किसान हैं और वह अपने चाचा रमेश सिंह के घर पर रह कर जींद में पढ़ाई-लिखाई करता था। चाचा के मुताबिक उन्होंने 2022 में काफी मुश्किल से उसे डंकी रूट से अमेरिका भेजा था।

क्या है डंकी रूट ?

डंकी पंजाबी भाषा में इस्तेमाल होता है, जिसका अर्थ है- एक जगह से दूसरी जगह पर उछल कर जाना। लेकिन अब डंकी शब्द का अर्थ बदल गया है। ‘डंकी रूट’ नाम उस रास्ते को दे दिया गया है, जिससे कोई भी व्यक्ति अवैध तरीके से भारत छोड़ कर दूसरे देश में प्रवेश करता है। यह शब्द हालिया समय में अमेरिका जाने के अवैध रास्ते का नाम हो गया है। इस नाम से रील्स बनती हैं, वीडियो बनते हैं, फिल्म तक बनाई गई है।

डंकी रूट के जरिए भारतीयों को कई एजेंट विदेश भेजने का वादा करते हैं। जो लोग डंकी का रास्ता चुनते हैं, सबसे पहले उनका पासपोर्ट और वीजा तैयार करवाया जाता है। डंकी का काम करने वाले एजेंट पैसा लेकर किसी यूरोपियन या फिर लैटिन अमेरिका के किसी देश का वीजा तैयार करवाते हैं। अधिकांश मौकों पर यह टूरिस्ट वीजा होता है। इसी के सहारे डंकी वालों को भारत से निकाला जाता है। इनको नेपाल, दुबई और किसी अन्य देश में कुछ दिन यात्रा करवा कर इनकी एक यात्रा की पूरी कहानी तैयार करवाई जाती है।

इसके बाद डंकी रूट का सहारा लेने वाले की लैटिन अमेरिकी देश पहुँचते हैं। इन देशों में भारतीय डंकी एजेंटों के सहायक होते हैं, जो डंकी रूट लेने वालों को रास्ता बताते हैं और यहाँ अवैध तरीके से उनकी मदद करते हैं। कई बार यह लोग आपराधिक गैंग से जुड़े होते हैं। यह लोग इन्हें अमेरिका सीमा तक की यात्रा करवाते हैं। यह यात्रा जंगल, नदी और पहाड़ों से होकर गुजरती है। 40-50 किलोमीटर तक पैदल चलना भी पड़ता है। अमेरिका में घुसने के लिए सीमा लांघनी पड़ती है।

लैटिन अमेरिकी देश तक हवाई यात्रा करते हैं

अमेरिका में अवैध रूप से घुसने वाले लोग सबसे पहले किसी लैटिन अमेरिकी देश में हवाई यात्रा के जरिए पहुँचते हैं। यह देश ब्राजील, वेनेज़ुएला, बोलिविया, पेरू, कोलंबिया, निकारागुआ समेत कोई भी हो सकता है। यदि कोई व्यक्ति ब्राजील पहुँचा है तो उसे यहाँ से सीमा पर करके कोलंबिया पहुँचना होगा। इसके लिए कभी कभार मानव तस्करी करने वाले गाड़ी उपलब्ध करवाते हैं। फिर उस व्यक्ति को पनामा में घुसाया जाता है। पनामा में अधिकांश लोगों को चुपके से जंगल पार करना होता है।

घने जंगल, पहाड़ों को पार कर घुसते हैं

इसके बाद निकारागुआ और ग्वाटेमाला होते हुए यह लोग मेक्सिको पहुँचते हैं। मेक्सिको और अमेरिका आपस में सीमा साझा करते हैं। मेक्सिको की सुरक्षा एजेंसियों से बचते हुए यह यहाँ इकट्ठा होते हैं। अमेरिका और मेक्सिको की सीमा पर वर्तमान में ऊँची लोहे की बाड़ लगी हुई है। इसे पार करने के लिए रस्सियों का सहारा लिया जाता है। डंकी रूट लेने वाले लोग अमेरिकी सीमा में घुसना एक उपलब्धि की तरह होता है।

इस बीच इन्हें कई बार पहाड़, नदी तक पार करने होते हैं। डंकी रूट से गए एक व्यक्ति ने बताया, “हमने 17-18 पहाड़ियाँ पार कीं। अगर कोई फिसल जाता, तो उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं थी। अगर कोई घायल हो जाता, तो उसे मरने के लिए छोड़ दिया जाता। हमने लाशें देखीं।” एक और व्यक्ति ने बताया कि उन्हें नाव की 10-15 घंटे तक की यात्रा करनी पड़ी।”

शरणार्थी बनना चाहते हैं डंकी रूट से आए लोग

अमेरिका से वापस भेजे गए भारतीय बताते हैं कि डंकी रूट के सहारे जो लोग घुसने में कामयाब हो जाते हैं, वह शरणार्थी का दर्जा पाने का प्रयास करते हैं। सीमा पार करते समय अगर किसी शरणार्थी को अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियाँ पकड़ लेती हैं, तो वह दावा करते हैं कि भारत में उनके साथ उत्पीड़न हो रहा है और वह खाने-पीने तक को मोहताज है। इसलिए शरण लेने के लिए अमेरिका पहुँचे हैं।

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