रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर पर तीखा हमला बोला है। राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ लोग खुद को दुनिया का बॉस समझ बैठे हैं। ये लोग भारत की तेज विकास गति से नाराज हैं लेकिन कोई अब भारत को नहीं रोक सकता है।

टैरिफ वॉर पर राजनाथ सिंह का करारा वार

मध्य प्रदेश के रायसेन में आयोजित एक कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा, “कुछ लोगों को भारत का तेज़ गति से होता हुआ विकास रास नहीं आ रहा है। उन्हें अच्छा नहीं लग रहा है। सबके बॉस तो हम हैं फिर भारत कैसे आगे बढ़ रहा है।”

उन्होंने कहा, “बहुत सारे लोगों द्वारा कोशिश की जा रही है, कुछ ऐसा करें कि भारत में, भारतवासियों के हाथों से जो चीजें तैयार होती हैं। वे दुनिया के देशों में जाएँ तो उन देशों में बनने वाली चीजें महँगी हो जाएँ ताकि दुनिया के लोग उन्हें ना खरीदें। भारत जितनी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है, दुनिया की कोई ताकत भारत को विश्व की बड़ी शक्ति बनने से रोक नहीं सकती है।”

ट्रंप की टैरिफ धमकियों पर भारत का कड़ा पलटवार

ट्रंप द्वारा शुरू किए गए टैरिफ वॉर और भारत की दी गई रूस से तेल ना खरीदने की धमकी पर भारत ने कड़ा पलटवार किया है। ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा करते हुए रूस से तेल खरीदना बंद करने की माँग की है। ट्रंप की टैरिफ धमकी के बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की है। भारत ने दिखा दिया है कि वो किसी भी दबाव के आगे झुकने वाला नहीं है।

ट्रंप के टैरिफ की मार से जूझ रहे ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा से भी पीएम मोदी ने बातचीत की है। लुला दा सिल्वा ने स्पष्ट किया था कि वे ट्रंप से टैरिफ के मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं करेंगे। इसके अलावा वह पीएम मोदी चीन भी जाने वाले हैं और ट्रंप के टैरिफ के जवाब में रूस-भारत-चीन (RIC) सहयोग को फिर से मजबूत करने की बातचीत चल रही है।

पीएम मोदी कह चुके हैं ‘कीमत चुकाने’ की बात

पीएम मोदी ने टैरिफ धमकियों पर सीधे बयान नहीं दिया है। वह परोक्ष रूप से डेयरी उद्योग को लेकर अमेरिका से अटके व्यापार समझौते पर स्पष्ट संदेश दे चुके हैं। वह खुद ‘बहुत बड़ी कीमत चुकाने‘ की बात कह चुके हैं।

पीएम मोदी ने एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा था, “किसानों का हित हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। और मुझे पता है कि इसके लिए मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं तैयार हूँ।”

भारतीय और अमेरिकी अधिकारी व्यापार समझौते के लिए कई दौर की बैठकें कर चुके हैं और 15% टैरिफ पर यह समझौता होने की उम्मीद थी। भारत ने सिर्फ अमेरिका की शर्तों पर यह समझौता करने से इनकार कर दिया है।

ट्रंप बार-बार यह दावा भी करते रहे हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष को उन्होंने रुकवाया था। हालाँकि, भारत यह बार-बार नकारता रहा है और भारत ने कई बार यह साफ किया है कि पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से बात कर संघर्ष रोकने का अनुरोध किया था। इसे लेकर भी ट्रंप झल्लाए हुए हैं।



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