खालिस्तान कनाडा भारत

खालिस्तानियों ने भारत के खिलाफ साजिश रचने के लिए कनाडा को पनाहगाह के तौर पर इस्तेमाल किया है। यह दावा कनाडा की खुफिया एजेंसी की एक रिपोर्ट में किया गया है। दावा है कि कनाडा की धरती से खालिस्तानी भारत को निशाना बना रहे हैं। खालिस्तानी कनाडा में रहकर फंडिंग जुटा रहे हैं, जिससे भारत में हिंसा की घटना को अंजाम दे रहे हैं।

बता दें कि भारत लंबे समय से इस मुद्दे पर चिंता जता रहा, जिसकी पुष्टि कनाडा की खुफिया एजेंसी (CSIS) ने कर दी है। CSIS ने बुधवार (18 जून 2025) को एक वार्षिक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा पर खास चिंताओं और खतरों को रेखांकित किया है।

कनाडा की खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में खालिस्तान पर की गई टिप्पणी (साभार: CSIS)

साल 2024 की इस रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है, “खालिस्तानी चरमपंथी मुख्य रूप से भारत में हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने या योजना बनाने के लिए कनाडा को इस्तेमाल किया जा रहा है।”

रिपोर्ट में कनाडा स्थित खालिस्तानी चरमपंथियों (CBKE) के सक्रिय समूह का भी जिक्र किया है। यह समूह कनाडा में बैठकर भारत के पंजाब में खालिस्तान के स्वतंत्र राज्य की स्थापना करने के उद्देश्य पर काम कर रहे हैं।

वहीं, इस रिपोर्ट में कनाडा ने पहली बार खालिस्तानी समूहों के लिए अधिकारिक रूप से ‘उग्रवाद’ शब्द का इस्तेमाल किया है। कनाडा ने खालिस्तानी चरमपंथी को राष्ट्रीय की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।

साल 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या से बिगड़े संबंध

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून 2023 में हत्या के बाद कनाडा और भारत के संबंध बिगड़ गए थे। जहाँ कनाडा ने निज्जर की हत्या को भारत सरकार का हस्तक्षेप बताया था। इसका खंडन करते हुए भारत ने इन आरोपों को बेतुका और निराधार करार दिया था।

इसके बाद भारत ने कनाडा में अपने 6 राजनयिकों को भी वापस बुला लिया था, तब भी भारत ने कनाडा पर खालिस्तानी चरमपंथियों को पनाह देने और उनकी गतिविधियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया था। अब जाकर कनाडा ने खालिस्तान पर पनाहगाह वाले आरोपों को स्वीकार कर लिया है।

भारत पर लगाया विदेशी हस्तक्षेप का आरोप

CSIS ने अपनी रिपोर्ट में भारत पर कनाडा में विदेशी हस्तक्षेप का भी आरोप लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत ‘ट्रांस नेशनल दमन’ यानी सीमा पार दमन में मुख्य भूमिका निभाता है। रिपोर्ट में चीन को कनाडा के लिए सबसे बड़ा सीक्रेट खतरा बताया गया। इसके अलावा रूस, ईरान और पाकिस्तान का भी नाम लिया है।

रिपोर्ट में लिखा गया कि कनाडा को भारत सरकार के जातीय, धार्मिक और सांस्कृतिक समुदायों के साथ कनाडा की राजनीतिक प्रणाली में जारी विदेशी हस्तक्षेप के लिए सतर्क रहना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है, “कनाडा स्थित उनके प्रॉक्सी एजेंटों सहित भारतीय अधिकारी कई तरह की गतिविधियों में शामिल हैं, जो कनाडाई समुदायों और राजनेताओं को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं।”

भारत-कनाडा के प्रधानमंत्री ने की मुलाकात

कनाडा की खुफिया एजेंसी (CSIS) की यह रिपोर्ट उस वक्त सामने आई है, जब हाल ही में कनाडा के पीएम मार्क कार्नी और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात की। मंगलवार (18 जून 2025) को जी-7 शिखर सम्मेलन में दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने आपसी संबंधों को मजबूत करने की शपथ ली।

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