दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने IRCTC घोटाले में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को आरोपित माना है। अब कोर्ट में मामले का ट्रायल चलेगा। आरोपित मानते हुए कोर्ट ने कहा कि घोटाले की साजिश लालू यादव के नेतृत्व में रची गई है। कोर्ट ने यह भी माना कि घोटाले से लालू परिवार को काफी फायदा पहुँचा है।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने लालू यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय किए हैं। इसके अलावा लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी पर साजिश और धोखाधड़ी समेत कई आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों के तहत ही अब कोर्ट में तीनों पर ट्रायल चलेगा।
कोर्ट ने लालू यादव पर IPC 420, IPC 120B, प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) की धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं। वहीं राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को धारा 120 बी और IPC 420 में आरोपित माना है। अगर तीनों के खिलाफ इन धाराओं में आरोप कोर्ट में सिद्ध हो जाते हैं तो 7 साल तक की सजा होगी।
सोमवार (13 अक्टूबर 2025) को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में हुई सुनवाई में लालू यादव व्हील चेयर से पहुँचे। उनके साथ तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी भी कोर्ट पहुँचे थे। उन्होंने इन आरोपों को निराधार बताया। वहीं कोर्ट ने लालू परिवार से जुड़े लैंड फॉर जॉब्स मामले में फैसले को टालकर अगली सुनवाई की तारीख 10 नवंबर 2025 तय की है।
क्या है IRCTC घोटाला?
IRCTC घोटाला तब का है, जब लालू यादव साल 2004 से 2009 के बीच भारत के रेल मंत्री थे। रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने रेल मंत्रालय के अधीन IRCTC के दो होटल- राँची का BNR होटल और ओडिशा के पुरी होटल के रखरखाव और सुधार के ठेकों के आवंटन में भ्रष्टाचार किया।
लालू यादव ने इन ठेकों को अपनी पत्नी राबड़ी देवी के स्वामित्व वाली कंपनी सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को अनुचित रूप से दिलवाया। इसके बदले में कंपनी ने लालू यादव के परिवार को फायदा पहुँचाया। ठेकों में IRCTC के पूर्व ग्रुप जनरल मैनेजर वीके अस्थाना, आरके गोयल और सुजाता होटल्स के निदेशक रहे विजय कोचर और विनय कोचर भी आरोपित हैं। CBI ने मामले में कुल 14 लोगों को आरोपित बनाया।
CBI का आरोपपत्र
IRCTC घोटाले की जाँच CBI के हाथों में है। CBI ने 14 लोगों को मामले में आरोपित बनाया है, जिन्हें अब कोर्ट ने भी आरोपित मान लिया है। मामले में CBI ने कोर्ट में जो आरोपपत्र दाखिल किया है। उसमें कहा गया कि ठेके पर जिस कंपनी को जमीन दी गई है, उसने निविदा प्रक्रिया में धाँधली और हेराफेरी के आरोप लगाए हैं और निजी संस्था सुजाता होटल्स की मदद के लिए शर्तों में फेरबदल किया गया है।