कॉन्ग्रेस महासचिव और वायनाड की सांसद प्रियंका गाँधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा को 58 करोड़ रुपए की अपराध की आय हुई थी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ दायर चार्जशीट में यह अहम खुलासा हुआ है। यह मामला गुरुग्राम में कथित जमीन घोटाले से जुड़ा हुआ है। ED ने गुरुग्राम स्थित शिखोपुर (अब सेक्टर 83) लैंड डील मामले में 17 जुलाई 2025 को चार्जशीट दायर की थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वाड्रा को यह धन दो कंपनियों के जरिए आया था। इसमें ब्लू ब्रीज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड (BBTPL) के जरिए 5 करोड़ रुपए और स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड (SLHPL) के जरिए 53 करोड़ रुपए वाड्रा को मिले हैं। बताया जा रहा है कि ये दोनों कंपनियाँ रॉबर्ट वाड्रा के कारोबारी नेटवर्क से जुड़ी हुई हैं।
The investigation precisely quantified the Proceeds of Crime (PoC) generated from the alleged criminal activities. Robert Vadra was found to have received PoC amounting to Rs 58 crores. This amount was received through two channels. The PoC amounting to Rs 5 crores were routed…
— ANI (@ANI) August 10, 2025
वाड्रा ने यह रकम अचल संपत्तियाँ खरीदने, अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश करने, कंपनियों को कर्ज देने और अपने समूह की कंपनियों का बकाया चुकाने में लगाई है। ईडी का आरोप है कि यह पूरी रकम अवैध कमाई से आई थी और इसका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। जांच एजेंसी ने कहा कि यह पैसा ‘शेड्यूल अपराध’ से आया है यानी उसे सोर्स से जिसे कानून पहले से ही अपराध मानता है।
अधिकारियों के मुताबिक, जांच में बैंक लेन-देन, कंपनी के रिकॉर्ड और गवाहों के बयानों के आधार पर पैसों की पूरी आवाजाही का पता लगाया गया। ईडी ने बताया कि जिन कंपनियों से यह रकम आई, उन्हें वाड्रा के करीबी सहयोगी चला रहे थे। एजेंसी का आरोप है कि इन कंपनियों का इस्तेमाल पैसे को वैध दिखाने के लिए किया गया।
इससे पहले वाड्रा को गुरुग्राम में 3.5 एकड़ जमीन रिश्वत में मिलने की बात भी सामने आई थी। चार्जशीट के मुताबिक, ओंकारेश्वर प्रॉप्रटीज प्राइवेट लिमिटेड (OPPL) ने जमीन स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड (SLHPL) को रिश्वत के तौर पर दी थी ताकि SLHPL के निदेशक रॉबर्ट वाड्रा अपनी व्यक्तिगत पहुँच का इस्तेमाल कर हरियाणा के तत्कालीन ‘नगर एवं ग्राम नियोजन’ मंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से OPPL को उसी गाँव में हाउसिंग लाइसेंस दिला सकें।
यह मामला 2018 में हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद शुरू हुआ था। ईडी ने दिसंबर 2018 में इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। अदालत ने इस मामले में वाड्रा को नोटिस जारी किया है और 28 अगस्त को इसकी सुनवाई होनी है। गौरतलब है कि यह वाड्रा के खिलाफ दायर पहली आपराधिक चार्जशीट है।