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केजरीवाल के ‘शीशमहल 2.0’ को लेकर स्वाती मालीवाल और मुहम्मद जुबैर में जुबानी जंग

राजनीति और सोशल मीडिया का रिश्ता हमेशा दिलचस्प रहा है। यहाँ बहसें मिनटों में ट्रेंड बन जाती हैं। कुछ ऐसा ही इन दिनों देखने को मिला राज्यसभा सांसद स्वाती मालिवाल और Alt News के सह-संस्थापक मुहम्मद जुबैर के बीच, जब दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कथित ‘शीशमहल 2.0’ को लेकर दोनों के बीच X (पहले ट्विटर) पर जुबानी जंग छिड़ गई। यह विवाद दिल्ली से लेकर पंजाब और चंडीगढ़ की सियासत तक चर्चा का विषय बन गया है।

‘दिल्ली से भी शानदार शीशमहल 2.0’: स्वाति मालीवाल

विवाद की शुरुआत 31 अक्टूबर को हुई, जब स्वाति मालीवाल ने दावा किया कि दिल्ली का ‘शीशमहल’ खाली करने के बाद अरविंद केजरीवाल ने अब पंजाब में ‘दिल्ली से भी शानदार शीशमहल’ तैयार करवा लिया है। मालीवाल ने आरोप लगाया कि चंडीगढ़ के सेक्टर-2 में मुख्यमंत्री कोटे की 2 एकड़ जमीन पर बनी एक आलीशान 7-स्टार सरकारी कोठी केजरीवाल को मिल गई है।

स्वाती मालीवाल ने सीधे तौर पर पंजाब सरकार पर एक व्यक्ति (केजरीवाल) की सेवा में लगने का आरोप लगाया। स्वाती मालीवाल ने यह भी कहा कि केजरीवाल अंबाला जाने के लिए इसी घर के सामने से सरकारी हेलीकॉप्टर में बैठे और फिर पंजाब सरकार का प्राइवेट जेट उन्हें पार्टी के काम से गुजरात ले गया। मालीवाल के इन दावों ने तुरंत ही सोशल मीडिया पर एक बड़े विवाद को जन्म दे दिया।

दावे झूठे और तस्वीर पुरानी: जुबैर का पलटवार

वहीं, केजरीवाल के बचाव में उतरे खुद को ‘फैक्ट चेकर’ बताने वाले मोहम्मद जुबैर। जुबैर ने मालीवाल के दावों को चुनौती देते हुए कहा कि जिस बिल्डिंग का स्क्रीनशॉट दिखाया जा रहा है, वह हरियाणा के कृषि मंत्री के दफ्तर के बगल में है।

प्रोपेगेंडा फैलाने वाले फैक्ट चेकर जुबैर ने गूगल इमेजेज़ का हवाला देते हुए कहा कि यह बिल्डिंग अभी नहीं बनी है, बल्कि 2013 से 2024 तक यानी सालों से वहीं मौजूद है। इसके साथ ही, जुबैर ने मालीवाल के 2 एकड़ जमीन के आँकड़े पर भी सवाल उठाकर कहा कि बिल्डिंग के सामने की खाली जमीन अधिकतम 20,000 वर्ग फुट हो सकती है, न कि 2 एकड़।

‘झूठा प्रचार’ और ‘सच का पर्दाफाश’: मालीवाल का जवाबी हमला

फैक्ट चेकर जुबैर के पलटवार के बाद, 1 नवंबर 2025 को स्वाति मालीवाल ने जुबैर को ‘थाकथित फैक्ट चेकर’ कहते हुए जवाबी हमला किया और ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के आर्टिक्ल की एक तस्वीर साझा की, जिसमें केजरीवाल के शीशमहल के बारे में लिखा हुआ है।

स्वाती मालीवाल ने लिखा, “अरविंद केजरीवाल जी के चंडीगढ़ के शीश महल पर ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की ये रिपोर्ट पढ़ें। कोठी को केजरीवाल जी के लिए तैयार करने के लिए अक्टूबर महीने में युद्ध स्तर पर सरकार ने काम करवाया, केजरीवाल जी इस घर में रहते भी हैं और मीटिंग भी लेते हैं। CM का कैंप ऑफिस कोठी नंबर 43 में है। ये आलीशान कोठी नंबर 50 केजरीवाल जी के लिए है।” इन दावों के साथ ही, मालीवाल ने केजरीवाल को खुली चुनौती दी और कहा, “हिम्मत है तो ये बताओ इस शीश महल में कितना खर्च हुआ है। इस घर को एक दिन के लिए जनता और मीडिया के लिए खोलो।”

मालीवाल ने जुबैर पर ओवरटाइम काम करके यह साबित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया कि केजरीवाल द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा आलीशान बंगला ‘कोई रैंडम बिल्डिंग’ है। स्वाती मालीवाल ने जुबैर के ट्वीट को ‘झूठा प्रचार’ यानि फेक प्रोपेगेंडा करार दिया और उसे अपना ट्वीट डिलीट करने और बिना रिसर्च के पोस्ट करने के लिए माफी माँगने को कहा।

स्वाती मालिवाल के और आरोप

स्वाती मालिवाल यहीं नहीं रुकीं। स्वाती मालिवाल यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने एक और ट्वीट करते हुए कहा कि चंडीगढ़ में सिर्फ केजरीवाल ही नहीं, बल्कि मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के लिए भी आलीशान सरकारी बंगले तैयार किए गए हैं। स्वाती मालीवाल ने ट्वीट कर कहा, “चंडीगढ़ में शीशमहल सिर्फ केजरीवाल जी का नहीं है। मनीष सिसोदिया का बंगला नंबर 960, सेक्टर 39 और सत्येंद्र जैन का बंगला नंबर 926, सेक्टर 39 है। ये सब वही आलीशान कोठियाँ हैं जो अब दिल्ली के नेताओं को पंजाब सरकार ने रहने के लिए दी हैं। सरकारी संपत्ति पर इस तरह कब्जा अपराध है।”

बिना विधायक कैसे मिला केजरीवाल को ‘शीशमहल 2.0’: स्वाती मालीवाल

मालीवाल ने अपने एक बयान में पूछा कि केजरीवाल को यह आलीशान ‘शीशमहल 2.0’ किस हैसियत से दिया गया है, क्योंकि वह दिल्ली में विधायक भी नहीं हैं। स्वाती मालीवाल ने मुख्यमंत्री के कैंप ऑफिस बताए जाने के दावे को झूठ बताते हुए सवाल किया, “अगर यह कैंप ऑफिस है, तो यह जनता के लिए क्यों नहीं खुलता? यह अंदर से बंद क्यों रहता है? और पिछले चार सालों में यहाँ कितनी बैठकें हुई हैं?”

अंत में स्वाती मालीवाल ने इस घर पर हुए खर्च का खुलासा करने और इसे एक दिन के लिए जनता और मीडिया के लिए खोलने की चुनौती दी और दोहराया कि यह आलीशान बंगला अब पंजाब के सुपर सीएम अरविंद केजरीवाल का है।

आखिर क्या है ‘शीशमहल’ विवाद?

‘शीशमहल विवाद’ की जड़ें असल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिल्ली स्थित सरकारी आवास (6, फ्लैग स्टाफ रोड) के रेनोवेशन पर हुए भारी-भरकम खर्च से जुड़ी हैं। विपक्ष ने उस समय यह गंभीर आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार ने इस सरकारी आवास के सौंदर्यीकरण और रेनोवेशन पर 45 करोड़ रुपए से भी अधिक की राशि खर्च की, जिसके चलते इस आवास को तंज कसते हुए ‘शीशमहल’ का नाम दिया गया।

यह विवाद अब नया मोड़ ले चुका है। दिल्ली का वह पुराना आवास खाली होने के बाद, अब पंजाब सरकार द्वारा केजरीवाल को चंडीगढ़ में एक और आलीशान सरकारी बंगला दिए जाने के आरोपों ने एक नए विवाद को जन्म दिया है। राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने इस नए बंगले को ‘शीशमहल 2.0’ का नाम दिया है, और यहीं से जुबानी जंग शुरू हुई है। यह पूरा मामला सिर्फ एक बंगले का नहीं है, बल्कि यह सरकारी धन के कथित दुरुपयोग और सार्वजनिक जीवन में नैतिकता के मानकों पर बड़े सवाल खड़े करता है।



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