कल्पना कीजिए, एक ऐसी जोड़ी जहाँ दोनों आईएएस अधिकारी हैं। एक ने यूपीएससी में पाँचवीं रैंक हासिल कर पूरे देश को प्रेरित किया, तो दूसरे ने डॉक्टरी छोड़कर सिविल सर्विसेज क्रैक की। सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स, मोटिवेशनल स्पीचेज, एथिक्स पर किताबें… सब कुछ परफेक्ट लगता था। लेकिन अचानक एक आरटीआई एक्टिविस्ट की रिपोर्ट ने सब उलट-पुलट कर दिया। ₹51 करोड़ का जुर्माना घटाकर महज 4 हजार रुपए कर दिया और बीच में ₹10 करोड़ की रिश्वत का आरोप। ये कहानी है सृष्टि जयंत देशमुख और डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा की, जो कभी ‘पावर कपल’ कहलाते थे और अब विवादों में हैं।
आईएएस सृष्टि देशमुख के पति गौड़ा पर आरटीआई कार्यकर्ता आनंद जाट ने एक खनन कंपनी से रिश्वत लेने और उस पर लगे भारी जुर्माने को कम करने का आरोप लगाया है।
पॉवर कपल के तौर पर मशहूर पति-पत्नी की जोड़ी
सबसे पहले बात करते हैं इस कपल की शुरुआत की। साल 2018 था। यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम के रिजल्ट आए। भोपाल की रहने वालीं केमिकल इंजीनियरिंग की ग्रेजुएट सृष्टि जयंत देशमुख ने ऑल इंडिया रैंक 5 हासिल कर ली। वो महिलाओं में टॉपर बनीं। पूरे देश में उनकी चर्चा हुई – ‘लड़कियाँ क्या कर सकती हैं!’ वाली मिसाल।
उसी साल नागार्जुन बी गौड़ा ने भी एग्जाम पास किया, लेकिन रैंक 418 रही। नागार्जुन कर्नाटक के छोटे से गाँव से हैं। वो एमबीबीएस डॉक्टर बने, लेकिन दिल में सिविल सर्विसेज का जुनून था। डॉक्टरी करते-करते यूपीएससी की तैयारी की और सफल हो गए।
दोनों की मुलाकात मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में हुई, जहां ट्रेनिंग चल रही थी। दोस्ती प्यार में बदली। दो साल डेटिंग के बाद, अगस्त 2021 में सगाई और अप्रैल 2022 में शादी। शादी के बाद सोशल मीडिया पर उनकी जोड़ी वायरल हो गई।
सृष्टि के इंस्टाग्राम पर आज 24 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, नागार्जुन के 4 लाख से ऊपर। दोनों यूपीएससी स्टूडेंट्स को मोटिवेट करते हैं। साथ मिलकर ‘एथिक्स, इंटीग्रिटी एंड एप्टीट्यूड’ नाम की किताब भी लिखी, जो यूपीएससी की तैयारी करने वालों की बाइबल है। एथिक्स यानी नैतिकता – जो आज उनके ही खिलाफ खड़ी हो गई।
ट्रेनिंग खत्म होने पर सृष्टि को मध्य प्रदेश कैडर मिला। नागार्जुन को पहले मणिपुर। लेकिन प्यार ने फासले मिटा दिए। नागार्जुन ने पत्नी के साथ रहने के लिए कैडर चेंज की अपील की और मध्य प्रदेश आ गए। 2019 बैच के ये दोनों आईएएस अधिकारी अब मध्य प्रदेश में तैनात हैं।
सृष्टि बुरहानपुर जिला पंचायत की सीईओ हैं, जबकि नागार्जुन खंडवा जिला पंचायत के सीईओ। सितंबर 2025 में दोनों की पोस्टिंग खंडवा के पास हो गई – एक ही शहर में। लग रहा था, सब सेट। लेकिन अक्टूबर 2025 आया और सब बदल गया।
खनन घोटाले से जुड़े क्या हैं आरोप
अब आते हैं असली विवाद पर – वो खनन घोटाला जो सुर्खियाँ बटोर रहा है। बात हरदा जिले की है, मध्य प्रदेश। नागार्जुन वहाँ एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (ADM) थे। एक कंपनी ‘पाथ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे के कंस्ट्रक्शन का काम कर रही थी। आरोप ये कि कंपनी ने बिना परमिशन के 3.11 लाख क्यूबिक मीटर ‘मुरुम मिट्टी’ (एक तरह की मिट्टी जो सड़क बनाने में यूज होती है) खोद ली। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुँचा।
पहले ADM प्रवीण फुलपागारे ने कंपनी पर 51.67 करोड़ का जुर्माना लगाया – आधा मिट्टी खोदने के लिए, आधा पर्यावरण क्षति के लिए। कंपनी ने अपील की। नागार्जुन के आने पर केस रिव्यू हुआ। उन्होंने दस्तावेज चेक किए और जुर्माना घटाकर महज 4,067 रुपये कर दिया। वजह बताई कि ज्यादातर जमीन पर वैध माइनिंग परमिशन थी, पंचनामा (साइट इंस्पेक्शन रिपोर्ट) में गड़बड़ी थी और कोई फोटो या वीडियो प्रूफ नहीं मिला।
लेकिन ये फैसला आरटीआई एक्टिविस्ट आनंद जाट को चुभ गया। जाट ने RTI के जरिए दस्तावेज मँगवाए। 55 पेज की रिपोर्ट बनाई। आरोप लगाया कि नागार्जुन ने कंपनी से 10 करोड़ रुपए की रिश्वत ली। जाट के मुताबिक, उनके पास फोटो और वीडियो हैं जो दिखाते हैं कि कंपनी ने तय लिमिट से ज्यादा गहराई में खुदाई की। उन्होंने ये भी कहा कि नागार्जुन का ड्राइवर ही रिश्वत की डील का गवाह है।
जाट ने मीडिया को रिपोर्ट सौंपी और सोशल मीडिया पर आग लगा दी। रेडिट, X (ट्विटर) पर मीम्स वायरल हो गए – ‘एथिक्स की किताब लिखी, लेकिन प्रैक्टिस में फेल!’ एक पोस्ट में लिखा, “नागार्जुन: अंदर से समझौता, बाहर से प्रेरणा।” दूसरी पोस्ट में सृष्टि-सहित कपल की फोटो पर कैप्शन – “पहले टॉप रैंक, अब टॉप स्कैंडल।”
UPSC topper Srushti Deshmukh’s IAS husband Nagarjun accused of taking Rs 10 crore bribe
Name: Nagarjun B. Gowda
Post: IAS Officer
Wife: IAS Officer
Work: Motivational Speaker
Achievement: Book on Ethics
Allegation: ₹10 Cr Bribe
Gowda, while serving as the… pic.twitter.com/63A9tfAiup— Karnataka Portfolio (@karnatakaportf) October 11, 2025
आईएएस गौड़ा ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
नागार्जुन ने तुरंत सफाई दी। नवभारत टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा, “ये आरोप बेबुनियाद हैं। मेरा फैसला कोर्ट रिकॉर्ड और दस्तावेजों पर आधारित था। कंपनी के पास वैध परमिशनें थीं। दो साल में कोई अपील नहीं आई। मेरे पास छिपाने को कुछ नहीं। मैं हमेशा ईमानदारी से काम करता हूँ।”
उन्होंने ये भी जोड़ा कि पंचनामा में जो माप बताई गई, वो गलत था। ज्यादातर खुदाई वैध थी, इसलिए जुर्माना न्यूनतम। लेकिन जाट का कहना है कि ये सिर्फ बहाना है। वो कहते हैं, “सबूत हमारे पास हैं। जाँच होनी चाहिए।” अभी तक कोई आधिकारिक जाँच शुरू नहीं हुई। मध्य प्रदेश सरकार चुप है, लेकिन सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी है।
सृष्टि देशमुख ने साधी चुप्पी
सृष्टि इस पूरे मामले में चुप हैं। वो सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती हैं, लेकिन इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलीं। उनकी स्ट्रॉन्ग, इंडिपेंडेंट वुमन की इमेज अब सवालों के घेरे में है। कपल की किताब ‘एथिक्स’ अब मजाक का विषय बन गई। लोग पूछ रहे हैं, “जो नैतिकता सिखाई, वो कहाँ गई?”
ये स्टोरी बताती है कि ऊँचाइयों पर पहुँचना आसान नहीं, लेकिन वहाँ टिकना और भी मुश्किल। उम्मीद है, सच जल्द बाहर आए। क्योंकि देश को हीरोज चाहिए, विलेन नहीं।