सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कन्हैयालाल की हत्या पर बनी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज के खिलाफ याचिका सुनने से इनकार कर दिया है। यह फिल्म 11 जुलाई, 2025 को रिलीज होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसे रिलीज हो जाने दिया जाए। वहीं इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सुनवाई की है।

बुधवार (9 जून, 2025) को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर एक याचिका की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका कन्हैयालाल की हत्या में शामिल जावेद ने दायर की थी। जावेद का दावा था कि अगर या फिल्म रिलीज हुई तो उसे ‘निष्पक्ष सुनवाई‘ का मौक़ा नहीं मिलेगा।

इस याचिका को लेकर सुनवाई कर रही जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमलय बागची की बेंच ने जावेद से कहा कि वह मामले की तत्काल सुनवाई नहीं करेंगे। बेंच ने इस मामले में पेश हुए वकील से कहा कि वह याचिका को 14 जुलाई को बेंच के सामने पेश करें। वहीं जावेद के वकील ने दावा किया कि तब तक फिल्म रिलीज हो जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कहा, “तो इसे रिलीज हो जाने दो।”

दिल्ली हाई कोर्ट अब करेगा फिल्म की स्क्रीनिंग

दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले में जमीयत-उलेमा-ए-हिन्द ने याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने 9 जुलाई को इस मामले में सुनवाई की है। हाई कोर्ट ने जमीयत की तरफ से कपिल सिब्बल पेश हुए हैं। कपिल सिब्बल ने दिल्ली हाई कोर्ट के सामने दावा किया है कि इस फिल्म के रिलीज होने से ‘मजहबी तनाव’ फ़ैल सकता है।

कपिल सिब्बल ने दिल्ली हाई कोर्ट के सामने दावा किया कि फिल्म का उद्देश्य मजहबी तनाव फैलाना और सार्वजनिक व्यवस्था को खतरे में डालना है। हालाँकि, केंद्र सरकार ने बताया कि इस फिल्म में पहले ही 40 से अधिक कट्स लगाए जा चुके हैं। सिब्बल इस पर भी तैयार नहीं हुए।

सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि वह फिल्म देख ले। इस मामले में फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग 9 जुलाई, 2025 दिल्ली हाई कोर्ट में की जाएगी। इसके बाद इस पर फैसला आएगा। गौरतलब है कि जमीयत ने दिल्ली हाई कोर्ट के अलावा और भी कई हाई कोर्ट में याचिका इस फिल्म की रिलीज रोकने को रखी है।

जमीयत के मुखिया अरशद मदनी ने दावा किया था कि इससे देश का मुस्लिम आक्रोशित हो जाएगा। ध्यान देने वाली बात है कि उदयपुर में जून, 2022 में हुई कन्हैयालाल की हत्या मोहम्मद गौस और मोहम्मद रियाज ने की थी और इसे रिकॉर्ड भी किया था।

इन दोनों हिन्दुओं में डर भरने के लिए यह वीडियो वायरल की थी और वह चाकू तक दिखाया था जिससे हत्या हुई थी। कायदा तो ये था कि जमीयत इन इस्लामी कट्टरपंथियों के खिलाफ खड़ी होती और कोर्ट जाती। लेकिन वह इस बात पर कोर्ट पहुँच रही है कि कहीं यह फिल्म न रिलीज हो जाए और इस हत्याकांड की कहानी दुनिया को पता चल जाए।

इस्लामी कट्टरपंथ पर पर्दा डालने की यह कहानी कोई नहीं है। इससे पहले कश्मीरी हिन्दुओं को इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा मार भगाए जाने पर बनी फिल्म कश्मीर फाइल्स का भी ऐसा ही विरोध इस जमात ने किया था। हालाँकि, कोर्ट ने उन्हें अब कोई राहत नहीं मिलनी।



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