गुरुद्वारे में खोला गया कथित खालिस्तानी दूतावास
‘सिख फॉर जस्टिस’ ने गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के साथ मिलकर कथित ‘खालिस्तान दूतावास’ खोला है। गुरुद्वारा परिसर में मौजूद एक इमारत में ‘खालिस्तान गणराज्य’ के बोर्ड के साथ यह अस्थायी डिप्लोमेटिक पोस्ट भी स्थापित की गई है।
गौर करने वाली बात यह है कि जिस इमारत में कथित दूतावास खोला गया है, वह टैक्स पेयर्स के पैसे से बना था। स्थानीय लोगों ने CNN-News18 को बताया गया है कि ब्रिटिश कोलंबिया सरकार ने हाल ही में उसी इमारत में एक लिफ्ट लगाने के लिए 150,000 डॉलर यानी 1,31,73,225 रुपए आवंटित किए।
खालिस्तानियों का घर बना कनाडा
इससे पहले कनाडा की खुफिया एजेंसी कैनेडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस ने सार्वजनिक तौर पर ये माना था कि खालिस्तानी कनाडा की धरती का इस्तेमाल हिंसा को बढ़ावा देने, धन जुटाने और योजना बनाने के लिए कर रहे हैं। ये लोग भारत को निशाना बनाना चाहते हैं। यह पहली बार हुआ है जब कनाडा की खुफिया एजेंसी ने अपनी सालाना रिपोर्ट में खास तौर पर कहा है कि खालिस्तानी संगठन हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत लगातार जताता रहा है विरोध
भारत पहले से कहता आ रहा है कि कनाडा खालिस्तानियों की शरणस्थली बन गया है। 1980 से कनाडा में मौजूद खालिस्तानी चरमपंथी भारत में पंजाब को ‘एक स्वतंत्र खालिस्तान’ बनाने की माँग करते रहे हैं। अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए हिंसा का सहारा लिया गया। पंजाब सालों तक हिंसा की आग में जलता रहा।
भारत ने खालिस्तानी उग्रवादियों के प्रति ढिलाई बरतने पर बार-बार कनाडा से आपत्ति दर्ज कराई है। लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में कनाडा में आतंकवाद को पनपने दिया गया और अब कनाडा की धरती पर टैक्सपेयर के पैसे से कथित “खालिस्तानी दूतावास” का निर्माण भारत के साथ में और खटास पैदा करेगा।