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ओडिशा में कॉलेज छात्रा के सुसाइड केस में NSUI पर उठी उँगली, दोस्त का दावा- ऑनलाइन बदनामी में जुटा था कॉन्ग्रेस का संगठन: क्राइम ब्रांच को सौंपी गई जाँच की जिम्मेदारी


छात्र आत्महत्या मामले में विपक्ष का ओडिशा बंद

ओडिशा के बालासोर में फकीर मोहन महाविद्यालय की छात्रा की मौत हो गई है। इस पर राजनीति गरमा गया है। कॉन्ग्रेस समेत विपक्षी दलों ने 17 जुलाई 2025 को राज्य बंद का आह्वान किया। लेकिन अब खुलासा हुआ है कि कॉन्ग्रेस की छात्र संगठन एनएसयूआई ने पीड़िता को ऑनलाइन प्रताड़ित किया।

दरअसल छात्रा ने यौन उत्पीड़न के आरोपी एक प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कॉलेज परिसर में खुद को आग के हवाले कर दिया। बी.एड. द्वितीय वर्ष की छात्रा तीन दिन तक जिंदगी के लिए संघर्ष करती रही। आखिरकार सोमवार (14 जुलाई 2025) रात एम्स-भुवनेश्वर में उसने दम तोड़ दिया।

छात्रा के भाई ने बालासोर जिले के भोगराई थाने में शिकायत दर्ज कराई है और चार लोगों पर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उनके परिवार को परेशान करने का आरोप लगाया है। परिवार का कहना है कि सोशल मीडिया पर उनके परिवार के बारे में अपमानजनक टिप्पणियाँ की जा रही है और कुछ लोग इसका राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।

क्राइम ब्रांच कर रही जाँच

ओडिशा पुलिस ने यह मामला महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध शाखा (सीएडब्ल्यू एंड सीडब्ल्यू) को सौंप दिया। डीएसपी इमान कल्याण नायक को मुख्य जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया है। वे संवेदनशील मामलों को संभालने के लिए जाने जाते हैं। उनकी मदद के लिए इंस्पेक्टर पंचाली राउत को लगाया गया है। यह टीम सहदेव खुंटा पुलिस थाने के साथ मिलकर काम करेगी। प्राथमिकी इसी थाने में दर्ज किया गया है।

यह जाँच धारा 75(1)(iii) के तहत यौन उत्पीड़न, धारा 78 के तहत पीछा करने, धारा 108 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने और धारा 351(2) के तहत धमकी देने के लिए किया गया है।

अधिकारियों ने जाँच में सबूतों और गवाहों के बयानों की फिर से जाँच करने की बात कही है। इस दौरान कॉलेज प्रोफेसर और बाकी अधिकारियों की भूमिका की भी जाँच की जाएगी। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, ” प्रधानाचार्य दिलीप घोष और विभागाध्यक्ष समीर कुमार साहू के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।”

हताशा में उठाया कदम

12 जुलाई को पीड़िता परेशान होकर प्रिंसिपल घोष के ऑफिस के बाहर खुद को आग के हवाले कर दिया। सीसीटीवी फुटेज से पता चल रहा है कि पीड़िता रोते हुए घोष के ऑफिस में घुसी। करीब आधे घंटे बाद पीड़िता रोती हुई बाहर आई। बताया जा रहा है कि उसने कथित तौर पर एक दोस्त को फोन किया था, जिसमें उसने बताया था कि प्रिंसिपल उस पर विभागाध्यक्ष समीरा कुमार साहू के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत वापस लेने का दबाव बना रही हैं।

दोस्त के मुताबिक प्रिंसिपल ने पहले समय माँगा, लेकिन कुछ नहीं किया। दोस्त के मुताबिक, ” प्रिंसिपल ने शिकायत वापस नहीं लेने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी।”

दोस्त ने कहा कि उसे जूनियर छात्रों ने भी ट्रोल किया। उसे सोशल मीडिया और कैंपस में उसके चरित्र पर कीचड़ उछाला गया और ‘बुरी लड़की’ के तौर पर प्रचारित किया गया। 30 जून को भी वह प्रिंसिपल के पास गई थी। प्रिंसिपल ने 7-8 दिनों का समय माँगा लेकिन कुछ नहीं किया। इस दौरान विभागाध्यक्ष ने उसे बदनाम करने की साजिश रची।

कॉन्ग्रेस के छात्र संगठन पर उठे सवाल

कॉन्ग्रेस पार्टी की दोगलई उस वक्त सामने आ गई जब ये पता चला कि एनएसयूआई से जुड़े छात्र पीड़िता को परेशान कर रहे थे। जहाँ पार्टी राज्यव्यापी बंद का आह्वान करती है वहीं छात्रसंघ इस मामले में फँसता नजर आ रहा है।

इससे पहले कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने पीड़िता के पिता से बात कर घटना के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया।

हालाँकि सौम्यश्री के एक दोस्त ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि एनएसयूआई लड़की को एक राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना चाह रहा था।

जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया और दूसरे साक्ष्यों से पता चलता है कि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ ने सौम्यश्री के खिलाफ ऑनलाइन चरित्र हनन करने की कोशिश की। NSUI से जुड़े अकाउंट्स ने सौम्यश्री को ‘ चालाक’ बताते हुए, ‘शिक्षा मंत्री के करीबी’ होने और ‘सहानुभूति बटोरने’ की कोशिश करने का आरोप लगाया।

NSUI सदस्य अजय कुमार पांडा ने अपने पोस्ट में दावा किया कि सौम्यश्री का एक वरिष्ठ मंत्री के साथ लेन-देन का रिश्ता है। यह पोस्ट वायरल हो गया। इससे सौम्यश्री और हताश हो गयी । बीजेपी प्रवक्ता संजू वर्मा ने एनएसयूआई कार्यकर्ता और राहुल गाँधी के समर्थक सौरव बेहरा की तस्वीरें साझा करते हुए उसे लड़की के आत्मदाह करने का आरोपी बताया। वर्मा ने बताया कि सौम्यश्री भाजपा की छात्र शाखा एबीवीपी से जुड़ी थी और बेहरा उसे लगातार परेशान कर रहा था।

एबीवीपी ने आरोपी विभागाध्यक्ष डॉ. साहू की एनएसयूआई नेताओं के साथ आराम से भोजन करते हुए तस्वीरें भी शेयर की हैं। इस बीच सीपीएम नेता सुरेश पाणिग्रही ने पूरे मामले की न्यायिक जाँच की माँग की है। उन्होंने कहा, ” पीड़िता ने लोकल विधायक से लेकर शिक्षा मंत्री तक शिकायत की…लेकिन कुछ नहीं हुआ”

पूरे मामले पर सौम्यश्री का परिवार बुरी तरह टूट गया है। उसने सभी चार आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की माँग की है। परिवार का कहना है कि अगर न्याय नहीं मिला तो पूरा परिवार सामूहिक आत्महत्या कर लेगा।



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