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ऑपरेशन सिंदूर से लेकर राफेल, एअर इंडिया क्रैश से तेल खरीद तक… भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा कर रहा Reuters: पाकिस्तान-चीन का बना भोंपू, जानें ब्रिटिश संस्थान के कारनामे


भारत ने आजादी के बाद से तेजी से तरक्की की है। वर्ष 2025 में वह विश्व की चौथी सबसे बड़ी इकॉनमी है। उसके पास विश्व में सबसे ताकतवर में से एक सेना है। भारत लोकतंत्र के मोर्चे पर भी सफल रहा है। यह सभी उपलब्धियाँ जहाँ भारतीयों को गर्व से भरती हैं तो वहीं विदेशी मीडिया को इससे चिढ़ होती है। विदेशी मीडिया संस्थान भारत को गरीब, कमजोर, पिछड़ा और अनपढ़ देखना चाहते हैं। उनकी रिपोर्टिंग में औपनिवेशिक झलक अब तक दिखती है। इस काम में एक ब्रिटिश संस्थान सबसे आगे है, नाम है रायटर्स (Reuters)।

रायटर्स ब्रिटिश संस्थान है और इसका मुख्यालय लन्दन में है। इसका फोकस अमूमन बिजनेस से जुड़े मामले रहते हैं। हालाँकि, यह अंतरराष्ट्रीय मामलों में खबर देने वाली वैश्विक एजेंसी भी है। रायटर्स भारत में लम्बे समय से काम करता आया है। लेकिन इसकी भारत के प्रति रिपोर्टिंग हमेशा ही ईर्ष्या से भरी रही है। रायटर्स ने ऑपरेशन सिंदूर से लेकर ऑपरेशन महादेव और यहाँ तक कि एअर इंडिया विमान हादसे मामले तक में झूठी या फिर भ्रामक रिपोर्टिंग की है और भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चलाया है। यह सिलसिला लम्बे समय से चला आ रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर बना चीन-पाकिस्तान का भोंपू

रायटर्स लगातार भारत विरोधी खबरें छापने में आगे रहा है। वह भारत का पक्ष तो अपनी खबरों में नहीं ही रखता, बल्कि पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के हवा-हवाई दावों के आधार पर रिपोर्ट भी बना देता है। इसका एक बड़ा उदाहरण रायटर्स ने मई, 2025 में पाकिस्तान के खिलाफ हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पेश किया। 9 मई, 2025 को रायटर्स ने भारतीय लड़ाकू विमानों के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान गिरने की एक खबर प्रकाशित की।

ऑपरेशन सिंदूर पर रायटर्स का पाकिस्तान समर्थक प्रोपेगेंडा

इस खबर में कहा गया कि पाकिस्तानी एयर फ़ोर्स में शामिल चीन के बनाए लड़ाकू विमानों ने भारत के 2 लड़ाकू विमान गिरा दिए। दावा किया गया कि चीन में निर्मित यह विमान भारतीय वायु सेना के खिलाफ काफी कारगर रहा। यह खबर पूरी तरह से कथित अमेरिकी सूत्रों पर लिखी गई और इसे लिखने वाले भी 2 पाकिस्तानी पत्रकार हैं जो अमेरिका और लन्दन में रहते हैं। इनके नाम सईद शाह और इदरीस अली हैं। इन्होंने यह तथ्यहीन कहानी तब बेची जब भारत ने कोई भी लड़ाकू विमान गिरने की बात स्पष्ट ही नहीं की थी।

भारत के किसी लड़ाकू विमान गिरने की पुष्टि ऑपरेशन सिंदूर के 2 महीने पूरा होने बाद भी नहीं हो पाई है। लम्बे-लम्बे दावे करने वाला पाकिस्तान भी इससे जुड़े सबूत पेश नहीं कर सका है। हालाँकि, रायटर्स के लिए यह सब तथ्य मायने नहीं रखते। रायटर्स ने इन सब तथ्यों को किनारे करते हुए पाकिस्तान के प्रवक्ता की तरह भारतीय लड़ाकू विमानों के गिरने की घोषणा कर दी। उसने चीन का पक्ष लेने को बिना किसी सबूत के चीनी लड़ाकू विमान सफल भी बता दिए। रायटर्स यह अब भी कर रहा है।

अब भी जारी राफेल पर प्रोपेगेंडा

रायटर्स का प्रोपेगेंडा राफेल पर अब भी जारी है। ऑपरेशन सिंदूर के लगभग तीन महीने पूरे होने के बाद भी रायटर्स पाकिस्तान की बोली बोल रही है। रायटर्स ने अब एक प्रोपेगेंडा लेख में दावा किया है कि भारतीय सेनाएँ इस बात का अंदाजा नहीं लगा पाईं कि पाकिस्तान के पास जो चीनी हथियार हैं वह ज्यादा दूरी तक मार कर सकते हैं। रायटर्स का कहना है कि इसी के चलते भारतीय एयर फ़ोर्स के विमान पाकिस्तानी मिसाइल का निशाना बने।

रायटर्स का दावा है कि चीन में बनी इस PL-15 मिसाइल ने लगभग 200 किलोमीटर दूर भारतीय विमान मार गिराए। रायटर्स ने अपने इस आर्टिकल में पाकिस्तानी वायु सेना प्रमुख को किसी युद्ध के हीरो की तरह पेश किया है। इसके अलावा इस लेख में पाकिस्तानियों के पक्ष का बोलबाला है जबकि ना भारतीय वायु सेना के किसी अधिकारी का जिक्र है और ना ही भारत का पक्ष रखा गया है। रायटर्स का यह लेख पाकिस्तान को विजेता दिखाने के साथ ही चीन के हथियारों के लिए एड सरीखा लगता है।

यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी पश्चिमी देश के मीडिया आउटलेट ने चीन के हथियार दुकानदार की तरह का रवैया अपनाया हो। इससे पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी रायटर्स, ब्लूमबर्ग, FRANCE24 समेत बाकी पश्चिमी देशों के मीडिया आउटलेट्स ने चीन के हथियारों के लिए प्रशस्ति गान गाए थे। हालाँकि, सच्चाई यह है कि इस ऑपरेशन के दौरान चीन की बनाई PL-15 मिसाइल और उसके ड्रोन ताश के पत्तों की तरह जमीन में आकर गिरे। भारत को इनका मलबा भी बरामद हुआ है।

एअर इंडिया हादसे पर बोइंग के बचाव में उतरा

रायटर्स सिर्फ पाकिस्तानी या अमेरिकी हितों के लिए काम करता हो, ऐसा नहीं है। वह अपने अमेरिकी आकाओं के लिए भी वफादार है। 12 जून, 2025 को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में यही बात सामने आई। एअर इंडिया हादसे की प्रारम्भिक जाँच रिपोर्ट आने से पहले ही रायटर्स समेत बाकी विदेशी मीडिया ने पायलट को दोषी ठहराना चालू कर दिया था। रायटर्स ने अपनी रिपोर्ट्स के माध्यम से यह दिखाने का प्रयास किया जैसे पायलट की गलती की वजह से ही विमान क्रैश हुआ है।

इन्हीं रिपोर्ट्स में बोइंग को लेकर एक शब्द नहीं कहा गया था। बोइंग को साफ़ तौर पर इन रिपोर्ट्स में क्लीन चिट दी गई थी। 13 जुलाई, 2025 को भी एक रिपोर्ट में रायटर्स ने फिर से पायलटों को दोषी ठहराया। उसने AAIB की शुरूआती जाँच रिपोर्ट के सहारे पायलटों को दोषी बताया था। रायटर्स के रिपोर्ट करने के तरीके से यह भ्रम होता कि पायलट ने जान-बूझ कर फ्यूल कंट्रोल स्विच बंद किया, जिसके चलते इंजन बंद हुए और 250 से अधिक लोग मारे गए।

कश्मीर में मारे गए आतंकियों को बताया ‘मेन’

कश्मीर को लेकर पश्चिमी देशों के प्रेस का पक्षपाती रवैया किसी से छुपा नहीं है। रायटर्स लेकिन कश्मीर पर प्रोपगेंडा करते-करते आतंकियों का पक्ष लेना भी चालू कर देता है। हाल ही में भारतीय सेना ने कश्मीर में ‘ऑपरेशन महादेव’ चला कर तीन आंतकी मार गिराए। यह वही आतंकी थे, जिन्होंने पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी। यह तीनों पाकिस्तानी आतंकी थे। इनकी पहचान को लेकर भी जानकारी स्पष्ट हो गई थी।

रायटर्स को इनके प्रति सहनुभूति का ज्वर आ गया और उसने इन्हें ‘मेन’ बता कर संबोधित किया। रायटर्स ने इस एनकाउंटर पर ऐसी खबर बनाई जिससे लगे कि सेना ने किन्हीं तीन निर्दोष नागरिकों को मार दिया है। रायटर्स की इस खबर को लेकर खूब ट्रोलिंग हुई। बाद में उसने चुपके से इस खबर में हैडलाइन भी बदल दी। हालाँकि, रायटर्स ने इस पर ना कोई माफी माँगी ना ही कोई सफाई पेश की। रायटर्स जम्मू-कश्मीर को इंडियन एडमिनिस्टर्ड कश्मीर लिखता है जबकि पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए हिस्से को सीधे पाकिस्तानी बताता है।

रूसी तेल खरीद पर भी बोला झूठ

रायटर्स भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी नीचा दिखाना चाहता है। उसने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर टैरिफ के ऐलान के बाद रूस से तेल खरीद को लेकर एक फर्जी खबर चलाई। रायटर्स ने दावा किया कि ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के बाद भारतीय तेल कम्पनियों ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है। इसका आधार रायटर्स ने कोई ‘सूत्र’ बताए। रायटर्स की खबर में सूत्र कौन थे, बस यह स्पष्ट नहीं किया गया। इस खबर का सन्देश था कि भारत सरकार, ट्रंप की धमकी से डर गई है।

रायटर्स के इस झूठ का खंडन सरकार ने ही कर दिया। सरकारी सूत्रों ने मीडिया को बताया कि किसी के कहने से भारत तेल की खरीद ना चालू करता ना रोकता है। न्यू यॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, दो वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों ने कहा कि भारत की तेल खरीदने की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाल से दावा किया गया है कि सरकार ने तेल कंपनियों को रूस से आयात कम करने का कोई निर्देश नहीं दिया है।

रायटर्स ने लेकिन इस बीच यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि भारत के निर्णय अमेरिका के दबाव में तय होते हैं। दरअसल, रायटर्स के लगातार भारत पर झूठी और भ्रामक खबरें फ़ैलाने का एक बड़ा कारण है पहचान। यह एक ब्रिटिश संस्थान है। ब्रिटिश मीडिया संस्थान आज भी भारत को औपनिवेशिक चश्मे से ही देखते हैं। उनको भारत 1947 से पहले वाला ही दिखाई पड़ता है जहाँ आधे जनों के पास कपड़े नहीं हैं, करोड़ों के पास अन्न नहीं है और जो एलीट हैं वो खुद काले अंग्रेज हैं।

रायटर्स को यह समझना चाहिए कि यह नया भारत है जो बदल चुका है।

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