भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए न सिर्फ आतंकवाद को करारा जवाब दिया, बल्कि अपनी सैन्य ताकत और रणनीतिक क्षमता का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया। यह ऑपरेशन भारत के इतिहास में एक सुनहरा अध्याय बन गया है, जिसने पाकिस्तान को घुटनों पर लाकर यह साबित कर दिया कि भारत अब आतंकियों और उनके समर्थकों को कहीं भी छोड़ेगा नहीं।
भारतीय सेना की इस शानदार जीत के बावजूद राहुल गाँधी जैसे विपक्ष के कुछ नेता ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाकर देश की सेना और सरकार की मेहनत को कमजोर करने की कोशिश करते रहे। उन्होंने फर्जी बयानों, दावों और वीडियो के जरिए जनता को गुमराह करने की कोशिश की।
हालाँकि अब भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल (ACM) एपी सिंह ने बेंगलुरु में एक लेक्चर के दौरान ऐसी सभी बातों का करारा जवाब दे दिया। बिना किसी का नाम लिए उन्होंने उन तमाम भ्रामक दावों को ध्वस्त कर दिया, जो ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सवाल उठा रहे थे।
राहुल गाँधी के संसद में किए दावों को IAF चीफ ने किया ध्वस्त
दरअसल, राहुल गाँधी ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार पर बयानबाजी की थी और कई आरोप मढ़े थे। राहुल ने कहा था कि बीजेपी सरकार में “राजनीतिक इच्छाशक्ति” की कमी है और सेना को पूरी आजादी नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि सेना को काम करने के लिए मजबूत राजनीतिक समर्थन और पूरी ऑपरेशनल आजादी चाहिए, जैसे 1971 के युद्ध में इंदिरा गाँधी ने जनरल मानेकशॉ को समय और आजादी दी थी।
राहुल ने ऑपरेशन सिंदूर में सरकार पर आरोप लगाया कि उसने सेना के हाथ बाँधे। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने पायलटों को पाकिस्तान के हवाई रक्षा सिस्टम पर हमला करने से रोका, जिसके चलते हमारे लड़ाकू विमान गिरा दिए गए। यही नहीं, राहुल गाँधी ने सेना को किनारे रखते हुए बड़ी चतुराई से इसे राजनीतिक नेतृत्व की तरफ मोड़ दिया था, जबकि हकीकत में ऐसा कुछ था ही नहीं।
राहुल गाँधी ने कहा था कि गलती भारतीय वायुसेना की नहीं, बल्कि ‘राजनीतिक नेतृत्व’ की थी, जिसने सेना को पाकिस्तान के फौजी ठिकानों पर हमला करने से रोका। ये भी सवाल उठाए गए कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना को कितने लड़ाकू विमानों का नुकसान हुआ।
हालाँकि अब वायुसेना प्रमुख ने इन दावों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने सेना को पूरी छूट दी थी। उन्होंने बताया, “हमें साफ निर्देश मिले थे और कोई रोक-टोक नहीं थी। हमने खुद तय किया कि कितना आगे बढ़ना है। हमारे हमले सोच-समझकर किए गए थे।” उन्होंने यह भी साफ किया कि ऑपरेशन की सफलता में तीनों सेनाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का बड़ा योगदान था। यह बयान उन लोगों के लिए करारा जवाब था, जो सेना के मनोबल को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे।
राजनीतिक इच्छाशक्ति और सेना की आजादी
वायुसेना प्रमुख ने साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के पीछे सरकार की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने सेना को हर कदम पर साथ दिया और कोई पाबंदी नहीं लगाई। यह ऑपरेशन सिर्फ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका मकसद आतंकी नेतृत्व को सीधे चुनौती देना था। उन्होंने कहा कि सेना को पूरी आजादी थी और हमले सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर किए गए।
एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि ऑपरेशन की सफलता का एक बड़ा कारण सरकार की स्पष्ट राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। उन्होंने कहा, “हमें कोई राजनीतिक बाधा नहीं आई। हमें पूरी आजादी दी गई थी। हमने खुद तय किया कि कितना बढ़ाना है। हमने हमले को सोच-समझकर अंजाम दिया, क्योंकि हम परिपक्व तरीके से जवाब देना चाहते थे।”
#WATCH | Bengaluru, Karnataka | Speaking on Operation Sindoor, Chief of the Air Staff, Air Chief Marshal AP Singh says, "A key reason for success was the presence of political will. There were very clear directions given to us. No restrictions were put on us… If there were any… pic.twitter.com/nnveLS1fJr
— ANI (@ANI) August 9, 2025
एपी सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा, “लोगों ने युद्ध में अपने अहंकार को बीच में ला दिया। एक बार जब हमने अपने लक्ष्य हासिल कर लिए, तो हमें रुकने के लिए सभी मौकों को देखना चाहिए था। मेरे कुछ करीबी लोग कह रहे थे, ‘और मारना था।’ लेकिन क्या हम हमेशा युद्ध में रह सकते हैं? देश ने शांति का सही फैसला लिया।”
#WATCH | Bengaluru | "People got down to their egos in the war… Once we achieved our objective, we should have looked for all windows of opportunity to stop… Some people very close to me said, 'Aur maarna tha'. But can we continue to be at war?… The nation has taken a good… pic.twitter.com/HHzwombn1P
— ANI (@ANI) August 9, 2025
एयरफोर्स चीफ ने बताई पूरे ऑपरेशन की कहानी
बेंगलुरु में 16वें एयर चीफ मार्शल एल.एम. कात्रे मेमोरियल लेक्चर के दौरान वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की पूरी कहानी खुलकर बताई। उन्होंने बताया कि सुदर्शन यानी S-400 मिसाइल सिस्टम की मदद से भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के 5 लड़ाकू विमानों को हवा में ही मार गिराया। इतना ही नहीं, पाकिस्तान की खुफिया निगरानी के अहम हिस्से AEW&C/ELINT को भी 300 किलोमीटर की दूरी से नष्ट कर दिया गया। यह दुनिया में अब तक का सबसे लंबी दूरी का सतह-से-हवा में मार करने का रिकॉर्ड है।
वायुसेना प्रमुख ने बताया कि जेकबाबाद और भोलारी एयर बेस पर खड़े कुछ अमेरिका निर्मित F-16 विमानों को भी सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर तबाह किया गया। सैटेलाइट तस्वीरों और स्थानीय मीडिया की तस्वीरों से साफ हुआ कि इन हमलों से पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ। भारत ने पाकिस्तान के दो कमांड और कंट्रोल सेंटर (मुरीद और चकलाला), छह रडार, और तीन हैंगर (सुक्कुर UAV हैंगर, भोलारी हैंगर और जेकबाबाद F-16 हैंगर) को भी नष्ट किया। ऑपरेशन में 800-900 पाकिस्तानी ड्रोन भी बेअसर किए गए। यह सब 80-90 घंटे के हाई-टेक युद्ध में हुआ, जिसके बाद पाकिस्तान को अपने डीजीएमओ के जरिए युद्धविराम की गुहार लगानी पड़ी।
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर 7 मई 2025 को शुरू हुआ था। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 बेगुनाह लोग मारे गए थे। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। भारत ने इसे बर्दाश्त नहीं किया और तुरंत जवाबी कार्रवाई की। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 बड़े आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इनमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के ट्रेनिंग कैंप और ठिकाने शामिल थे।
खास बात यह थी कि भारत ने न सिर्फ सीमा पर, बल्कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और बहावलपुर जैसे इलाकों में गहरे अंदर तक हमले किए। इन हमलों ने आतंकियों और उनके समर्थकों को साफ संदेश दे दिया कि भारत अब कोई जगह सुरक्षित नहीं छोड़ेगा। ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के साले रऊफ अजहर का भी खात्मा हुआ, जो IC-814 विमान हाईजैक मामले का वांटेड था। यह ऑपरेशन सिर्फ आतंकियों को खत्म करने का नहीं, बल्कि भारत की ताकत और इरादों को दुनिया के सामने लाने का भी था।
ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य शक्ति और रणनीतिक दक्षता का एक शानदार उदाहरण है। इसने न सिर्फ आतंकवाद को करारा जवाब दिया, बल्कि पाकिस्तान को भी साफ संदेश दे दिया कि भारत अब किसी भी तरह की नापाक हरकत बर्दाश्त नहीं करेगा। वायुसेना प्रमुख एपी सिंह के खुलासों ने उन तमाम लोगों के मुँह पर ताला लगा दिया, जो इस ऑपरेशन की सफलता पर सवाल उठा रहे थे। यह ऑपरेशन देश के लिए गर्व का विषय है और यह दिखाता है कि जब सरकार और सेना एकजुट होकर काम करते हैं, तो कोई भी चुनौती भारत का रास्ता नहीं रोक सकती।