हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ एक मजबूत रिश्ते की बात की। वहीं, दूसरी तरह अमेरिकी सलाहकार पीटर नवारो का भारत-रूस से तेल खरीदने का आरोप लगातार जारी है। अब इन झूठे आरोपों को X (पहले ट्विटर) ने फैक्ट-चेक किया है और बताया कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। भारत का रूस से तेल खरीदना मुनाफा नहीं, बल्कि अपनी ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाना है।
ये सच्चाई पीटर नवारो सहन नहीं कर पाए और एलन मस्क पर आरोप लगाते हुए कह दिया कि प्रचार करना बंद करो और कम्युनिटी नोट को ‘क्राप नोट’ कहकर खारिज कर दिया।
पीटर नवारो का आरोप
पीटर नवारो ने X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया कि भारत रूस से तेल ‘सिर्फ मुनाफे के लिए’ खरीदता है और इससे रूस को युद्ध में मदद मिलती है। इसके अलावा पीटर नवारो ने यह भी कहा कि भारत के टैरिफ लगाने से इसका असर अमेरिकी नौकरियों और टैक्सपेयर्स पर पड़ रहा है।
FACTS: India highest tariffs costs U.S. jobs. India buys Russian oil purely to profit/Revenues feed Russia war machine. Ukrainians/Russians die. U.S. taxpayers shell out more. India can’t handle truth/spins @washpo
Leftist American fake news. QED. https://t.co/9UwdodYBEe— Peter Navarro (@RealPNavarro) September 5, 2025
मस्क का फैक्ट-चेक
पीटर नवारो के इस पोस्ट को X ने कम्युनिटी नोट के जरिए फैक्ट-चेक किया। इस नोट में साफ तौर पर कहा गया कि भारत का रूस से तेल खरीदना उसकी ऊर्जा सुरक्षा से जुड़ा हुआ है, ना कि सिर्फ मुनाफे के लिए। इसके अलावा, नोट में यह भी कहा गया कि अमेरिका खुद भी रूस से कुछ सामान खरीदता है, जिसे एक ‘दोहरा मापदंड’ माना गया।

फैक्ट चेक से पीटर नवारो भड़का
फैक्ट-चेक से नाराज पीटर नवारो ने मस्क पर आरोप लगाया कि वह ‘प्रचार’ को प्लेटफॉर्म पर बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने इस कम्युनिटी नोट को ‘क्राप नोट’ कहकर खारिज किया और फिर भारत पर आरोपों की झड़ी लगा दी। पीटर नवारो ने कहा, “भारत रूस से तेल सिर्फ मुनाफे के लिए खरीदता है। रूस-यूक्रेन में जब युद्ध जारी नहीं था, तब भारत भी रूस से तेल नहीं खरीदता था। भारत सरकार की स्पिन मशीनें भी तेजी से आगे बढ़ रही है। यूक्रेनियों को मारना बंद करों, अमेरिकी लोगों की नौकरियाँ छीननी बंद करो।”
Wow. @elonmusk is letting propaganda into people’s posts. That crap note below is just that. Crap. India buys Russia oil solely to profiteer. It didn’t buy any before Russia invaded Ukraine. Indian govt spin machine moving high tilt. Stop killing Ukranians. Stop taking… https://t.co/Uj1NMUrVOM
— Peter Navarro (@RealPNavarro) September 6, 2025
भारत का पलटवार
भारत ने पीटर नवारो के आरोपों को सीधे तौर पर खारिज किया और कहा कि ये बयान पूरी तरह गलत और भ्रामक हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका के रिश्ते एक ‘विशेष साझेदारी’ पर आधारित हैं और भारत इन झूठे आरोपों का जवाब नहीं देगा।
ट्रंप-मोदी का दोस्ताना
जब ट्रंप खुद भारत को अपना ‘दोस्त’ और भारत-अमेरिका रिश्तों को ‘विशेष‘ बता चुका हैं तो पीटर नवारो की ये बयानबाजी समझ से बाहर लगती है। ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को दोस्त बताते हुए उनके साथ अपने रिश्तों को काफी मजबूत बताया था, लेकिन पीटर नवारो ने अपनी बयानबाजी से इस रिश्ते पर सवाल उठाने का कोई मौका नहीं छोड़ा।
पीटर नवारो की कड़ी आलोचना
पीटर नवारो ने भारत के खिलाफ न सिर्फ राजनीतिक हमले किए हैं, बल्कि कभी-कभी तो जातिवादी टिप्पणियाँ भी की हैं। पीटर नवारों ने आरोप लगाया था कि रूस से भारत जो तेल खरीदता है उसका सबसे ज्यादा लाभ और मुनाफा ब्राह्मण लेते हैं। इस बेहुदा बयान को भारत ने पूरी तरह से खारिज किया।
पीटर नवारो के बयान यह भी उजागर करते हैं कि अमेरिका का रवैया भारत के प्रति कहीं न कहीं दोहरे मापदंडों से भरा हुआ है। जब अमेरिका खुद रूस से कुछ वस्तुएँ खरीद रहा है तो भारत के खिलाफ इतने तीखे बयान क्यों? यह सवाल आज भी खड़ा है।
पीटर नवारो का ये लगातार हमला भारत के खिलाफ सिर्फ एकतरफा और दुर्भाग्यपूर्ण नहीं है, बल्कि यह भारत और अमेरिका के रिश्तों को और भी तनावपूर्ण बना सकता है। ट्रंप का भारत के प्रति दोस्ताना रुख और पीटर नवारो की लगातार आलोचना, यह दोनों ही अलग-अलग चेहरे हैं।