अहमदाबाद प्लेन क्रैश को लेकर एअर इंडिया की फ्लाइट-AI171 के प्लेन की AAIB (एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो) की रिपोर्ट सामने आ चुकी है। इसके बाद भी शनिवार (12 जुलाई 2025) को विदेशी मीडिया संस्थानों जैसे रॉयटर्स, बीबीसी, डेली मेल आदि ने इस रिपोर्ट को जानबूझकर गलत तरीके पेश किया।
इस रिपोर्ट में पायलटों की गलती को लेकर कोई बात नहीं कही गई है। फिर भी इन मीडिया संस्थानों ने पायलटों को ही को दोषी ठहराने की कोशिश की। इसके जरिए ये मीडिया संस्थान साफ तौर पर बोइंग कंपनी को बचाने की जुगत में लगे हैं। ये तब है जब बोइंग पर जेटलाइनर्स के खराब इंजन और मैनुफैक्चरिंग डिफेक्ट के लिए जाँच चल रही है।
भारत की विमान दुर्घटना जाँच एजेंसी (AAIB) ने अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए एअर इंडिया फ्लाइट AI171 के हादसे पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है। इस दुर्घटना में प्लेन में सवार 241 लोगों समेत 260 लोगों की मौत हुई थी।
इनमें 19 लोग वे थे जो प्लेन में सवार भी नहीं थे बल्कि प्लेन जिस बिल्डिंग के ऊपर गिरा वहाँ पर थे। अहमदाबाद से लंदन जा रहा यह विमान बोइंग का 787-8 ड्रीमलाइनर था। उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद दोनों इंजन बंद हो गए और विमान एयरपोर्ट के पास घनी आबादी वाले इलाके में क्रैश हो गया।
AAIB की 15 पन्नों की रिपोर्ट में कई अहम तकनीकी जानकारियाँ शामिल की गई हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान भरते समय विमान की गति 180 नॉट्स पर थी। उसी समय दोनों इंजन बंद हो गए। इंजन-1 और इंजन-2 के फ्यूल कटऑफ स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ की स्थिति में एक सेकंड के अंदर पहुँच गए। इसके कारण फ्यूल की आपूर्ति बंद हो गई और दोनों इंजन फेल हो गए।
इसके बाद कुछ सेकेंड के लिए इंजन फिर से चालू हुए, लेकिन वे स्टेब्लाइज (स्थिर) नहीं रह सके। इसी के काण विमान ने उड़ान भरते ही ऊपर जाने के बजाय एयरपोर्ट की दीवार तक भी नहीं पहुँच पाया।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि प्लेन का Ram Air Turbine (RAT) पूरी बिजली बंद होने पर अपने आप सक्रिय हो जाता है, वह भी उड़ान भरते ही चालू हो गया था। इससे यह बात स्पष्ट है कि प्लेन ने पूरी तरह से बिजली और इंजन पावर खो दिया था।
AAIB ने मौके पर जाकर भी निरीक्षण, ड्रोन फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की प्रक्रिया पूरी की है। दोनों इंजनों को सुरक्षित जगह पर रखा गया है और जरूरी हिस्सों की जाँच की जा रही है। इस रिपोर्ट में किसी पक्षी के टकराने की आशंका को भी खारिज कर दिया गया है क्योंकि उस समय किसी भी पक्षी के आसपास उड़ने की एक्टिविटी नहीं पाई गई थी।
पश्चिमी मीडिया ने क्रैश के लिए पायलट को माना जिम्मेदार
रिपोर्ट में शामिल तथ्यों के बावजूद, कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान इस हादसे को पायलटों की गलती दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। पूरी जाँच के निष्कर्ष सामने आने से पहले ही इन संस्थानों ने रिपोर्ट के कुछ चुनिंदा हिस्सों को ही उठाया और कहा कि ये हादसा मानव त्रुटि के कारण हुआ।
इससे इस बात को लेकर चिंता सामने आई है कि पश्चिमी मीडिया बोइंग जैसी विमान बनाने वाली कंपनियों को बचाने की हरसंभव कोशिश कर रही है और इसके लिए हादसे में जान गँवाने वाले पायलटों को ही जिम्मेदार ठहरा रही है।
द गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया कि उड़ान भरते ही फ्यूल स्विच ‘CUTOFF’ स्थिति में चले गए, लेकिन ये नहीं बताया कि ऐसा किसने किया या क्यों हुआ।
बीबीसी ने बताया कि उड़ान भरते समय ही कॉकपिट के फ्यूल स्विच बंद कर दिए गए, जो केवल आपात स्थिति या लैंडिंग के बाद ही किए जाते हैं। इसके बाद कॉकपिट में असमंजस की स्थिति को लेकर आवाजें सुनाई पड़ी। इसमें एक पायलट दूसरे से पूछता है कि उसने फ्यूल क्यों बंद किया। यह विमान कैप्टन सुमित सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर उड़ा रहे थे। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि आवाज किस पायलट की थी।

डेली मेल ने भी अपनी रिपोर्ट में ये बताया कि वॉयस रिकॉर्डर में कैसे कॉकपिट में असमंजस की स्थिति को सुना गया, जिसमें पायलट एक दूसरे से फ्यूल बंद करने के लेकर सवाल कर रहे थे।

AAIB की रिपोर्ट में यह भी जिक्र किया गया है कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग से हादसे से ठीक पहले के पलों की महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता है, “तुमने कट ऑफ क्यों किया?” इस पर दूसरा पायलट जवाब देता है कि उसने ऐसा नहीं किया।
इसके बाद पायलट ने इंजन को फिर से चालू करने की कोशिश की और स्विच को वापस ‘RUN’ की स्थिति में ले गया। इंजन 1 दोबारा चालू होने की स्थिति में आया, लेकिन इंजन 2 में समस्या जस की तस रही।
इस बातचीत के बाद इस बात के लेकर चिंता जाहिर की गई कि हादसे से पहले के कुछ ही अहम सेकंड्स में या तो पायलटों के बीच गलतफहमी हुई या फिर कोई तकनीकी खराबी सामने आई, जिसके बाद दोनों इंजन बंद हो गए।
बोइंग के फ्यूल लॉक को लेकर FAA की एडवाइजरी
AAIB की रिपोर्ट का एक महत्वपूर्ण पहलू भी है जिसे कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने नजरअंदाज कर दिया है। वह है- FAA (फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन) की बोइंग विमानों में फ्यूल लॉक समस्या से संबंधित एडवाइजरी।
यह तकनीकी खामी बोइंग विमानों में पहले भी देखी गई है और इसे लेकर FAA ने चेतावनी जारी की थी। AAIB की रिपोर्ट में इस पहलू को शामिल किया गया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स ने इसे जानबूझकर नजरअंदाज कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स में यह दिखाया जा रहा है कि कॉकपिट में असमंजस की स्थिति बनी और प्लेन क्रैश पायलटों की गलती से हुआ, जबकि असल में दोनों पायलटों ने फ्यूल स्विच बंद करने से इनकार किया। रिपोर्ट में भी तकनीकी खराबी की आशंका जलाई गई है।
पायलटों पर दोषारोपण करके लोगों को बरगलाने और यहाँ तक कि जाँच में भी पक्षपात किए जाने की आशंका बढ़ जाती है। सच ये है कि AAIB ने अभी तक जाँच का कोई निष्कर्ष नहीं निकाला है। रिपोर्ट में न तो पायलटों को दोषी ठहराया है और न ही बोइंग या इंजन निर्माता को पूरी तरह निर्दोष बताया गया है।
रिपोर्ट में केवल अब तक सिर्फ पहले से ही मिले तथ्यों का उल्लेख किया गया है। साथ ही ये स्पष्ट किया गया है कि जाँच अभी भी जारी है। बिना किसी निष्कर्ष के मृत पायलटों पर दोषारोपण करना न केवल उनके लिए अन्याय है बल्कि सच्चाई के प्रति भी अनादर है।