अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश जैसी दुखद आपदा ने सभी को झकझोर दिया। चारों तरफ अफरा-तफरी थी और लोगों के दिलों में दुख की आग जल रही थी। हवाई अड्डे से लेकर देश के कोने-कोने तक मरने वालों के परिवारों के लिए हमदर्दी थी। इस दुखद खबर के बीच कुछ अच्छी खबरें भी थीं, जो लोगों के दिलों को थोड़ा सुकून दे रही थीं। हजारों की चीख-पुकार के बीच लोगों की सेवा भावना भी दिखी।
अहमदाबाद में प्लेन क्रैश की न्यूज बाहर आते ही सरकारी मशीनरी काम में जुट गई और लोगों को बचाने का ऑपरेशन शुरू हो गया। स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में मदद के लिए आगे आए। तभी खबर आई कि घायलों के लिए खून की जरूरत है। कई एनजीओ ने लोगों से रक्तदान करने की अपील की। इसके बाद जो नजारा दिखा, वो गुजरातियों की हिम्मत और जज्बे को साबित करने के लिए काफी था। रक्तदान का एक आवाज उठा और अहमदाबादी सारे काम छोड़कर कैंप में पहुँच गए। सोशल मीडिया पर इसके कई फोटो और वीडियो भी सामने आए।
रक्तदान के लिए लंबी कतारें, NGO बोले- दिखा अहमदाबादियों का सेवा भाव
अहमदाबाद में रक्तदान की घोषणा के बाद लोग ब्लड डोनेशन कैंप में पहुँच गए और खून देने के लिए आगे आए। कैंप के बाहर लंबी-लंबी कतारें दिखीं। लोग अपने आप घायलों की जान बचाने के लिए मैदान में उतर आए। सारे काम छोड़कर रक्तदान करने पहुँच गए। सोशल मीडिया पर खबरें आईं कि कुछ ही घंटों में अहमदाबादियों ने इतना खून दान किया कि सिविल ब्लड बैंक की डॉ. संगीता को कहना पड़ा कि जरूरत से ज्यादा रक्तदाता तैयार खड़े हैं।
सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें भी सामने आईं, जिनमें लोग घंटों तक रक्तदान के लिए इंतजार करते दिखे। ‘सहाय फाउंडेशन’ के संस्थापक जील शाह ने ऑपइंडिया से बातचीत में कहा, “हमारे शहर में जो हुआ, वो बहुत दुखद था। जैसे-जैसे इस घटना की खबरें बाहर आईं, वैसे-वैसे अहमदाबादियों का सेवा भाव सामने आने लगा। हमारे सहाय फाउंडेशन और कई अन्य एनजीओ ने सोशल मीडिया पर रक्तदान की पोस्ट डालीं, और अहमदाबादियों ने तुरंत इसे हाथों-हाथ लिया।”
Power of social media and youth
pic.twitter.com/MWJhfngMHq — Zeal Shah
(@zeal1992) June 13, 2025
जील शाह ने आगे कहा, “हमारे एनजीओ के कार्यकर्ता रेड क्रॉस पहुँचे और वहाँ सेवा भाव से भरे अहमदाबादी जमा होने लगे। पहले दो घंटे में ही करीब 300 लोगों ने हमसे संपर्क किया और वहाँ पहुँच गए। रेड क्रॉस में स्टाफ कम पड़ रहा था, तो हमारे कार्यकर्ता सागर और पार्थिल ने उनकी मदद की। देखते-देखते शाम तक हमने 900 से ज्यादा यूनिट खून जमा कर लिया। यही हाल हर लैब और ब्लड बैंक का था।”
जील शाह ने यह भी कहा, “लोग हमेशा ‘मुंबई स्पिरिट’ की बात करते हैं, लेकिन हम कई सालों से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं, इसलिए जानते हैं कि ‘अहमदाबाद स्पिरिट’ भी उतनी ही मजबूत है।” जानकारी के मुताबिक, सिविल हॉस्पिटल में 600 यूनिट खून था। फिर रेड क्रॉस से 500 यूनिट भेजे गए। इसके अलावा, सिर्फ 2 घंटे में 350 लोग सिविल हॉस्पिटल में रक्तदान के लिए पहुँच गए। घंटों इंतजार के बाद उन्होंने रक्तदान किया।
24 घंटे डटे रहे संघ के स्वयंसेवक
इस दुखद घटना में एक और अच्छी खबर यह थी कि RSS के स्वयंसेवक 24 घंटे सेवा में डटे रहे। अहमदाबाद के एक RSS अधिकारी ने ऑपइंडिया से बातचीत में बताया कि प्लेन क्रैश की खबर आते ही संघ के स्वयंसेवक सेवा के लिए पहुँच गए। उनके मुताबिक, दो चरणों में RSS के स्वयंसेवकों ने सेवा कार्य किया। उन्होंने यह भी कहा कि 176 स्वयंसेवकों ने सीधे तौर पर सेवा की, जबकि 250 से ज्यादा स्वयंसेवक हर समय तैयार रहे।
RSS के स्वयंसेवकों ने क्रैश साइट पर लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इसके अलावा ट्रैफिक मैनेजमेंट की जिम्मेदारी भी उन्होंने संभाली। पोस्टमॉर्टम रूम में डॉक्टरों और पीड़ित परिवारों की सेवा की। DNA सैंपल इकट्ठा करने में भी मदद की।
RSS volunteers are providing relief material and assistance to plane crash victims at Civil Hospital in Karnavati. #AhmedabadPlaneCrash pic.twitter.com/EEko2CZASW
— Friends of RSS (@friendsofrss) June 12, 2025
इसके अलावा ब्लड डोनेशन कैंप भी लगाए गए। सबसे खास बात यह थी कि संघ के स्वयंसेवकों ने पीड़ित परिवारों के लिए चाय-पानी और 2000 से ज्यादा लोगों के लिए खाने का इंतजाम भी किया। RSS पदाधिकारी ने बताया कि कालूपुर स्वामीनारायण मंदिर के सहयोग से लोगों के लिए खाने की व्यवस्था की गई। इसके अलावा स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर भी सेवा की गई।
RSS के अलावा अनंत अंबानी के वनतारा की ओर से भी तुरंत मदद शुरू की गई। वनतारा ने खबर मिलते ही सहायता भेज दी और डॉक्टरों की एक टीम को अहमदाबाद के लिए रवाना कर दिया। वनतारा की एम्बुलेंस सेवा भी अहमदाबाद के लिए खोल दी गई। घटनास्थल पर घायल हुए पशु-पक्षियों को बचाने का काम भी किया गया।