अहमदाबाद में हादसे का शिकार हुए एअर इंडिया के 787 ड्रीमलाइनर के पीछे के हिस्से यानी ‘टेल’ में अन्दर आग के निशान मिले हैं। जाँच एजेंसी वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (AAIB) अब इस टेल वाले हिस्से की जाँच कर रही है। इसके अलावा जिन गड़बड़ियों को विमान के उड़ने से पहले रिकॉर्ड किया गया था, उन पर भी जाँच एजेंसी अब फोकस कर रही है। AAIB अभी तक यह बता पाई है कि एअर इंडिया का विमान फ्यूल कंट्रोल स्विच के बंद होने के चलते हादसे का शिकार हुआ।
क्या विमान के पीछे के हिस्से में लगी थी आग
इंडियन एक्सप्रेस में रविवार (20 जुलाई, 2025) को प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जाँचकर्ताओं को विमान के पीछे के हिस्से में एक छोटी आग लगने का संकेत मिला है। हालाँकि, यह आग फैली नहीं थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि आग संभवतः कुछ ही पुर्जों तक सीमित थी। उन्हें यह पता इसलिए लग पाया है क्योंकि विमान का यह हिस्सा हादसे में क्षतिग्रस्त होने से बच गया। यह हिस्सा हॉस्टल की छत पर जाकर फंस गया जबकि बाकी हिस्सा हादसे के समय आग लगने के चलते जल गया।
विमान के पीछे के हिस्से को हादसे के कुछ दिन बाद उठा लिया गया था और इसके भीतर से जो भी पुर्जे निकले हैं, उन्हें अहमदाबाद में एक सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। इंडियन एक्सप्रेस से जाँच में जुड़े एक अधिकारी ने बताया है कि इन पुर्जों में विमान के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में हुई गड़बड़ के विषय में जरूरी सूचना हो सकती है। यह इलेक्ट्रिकल गड़बड़ विमान के टेक-ऑफ के समय हुई थी, यह भी सामने आया है।
इंडियन एक्सप्रेस से अधिकारी ने बताया, “इस बात की जाँच करनी पड़ेगी कि क्या विमान की पूँछ में लगी आग उड़ान के दौरान उसके किसी पुर्जे में आई खराबी के कारण लगी थी, जब विमान उड़ान भरने के लिए चलने लगा था, या फिर यह टक्कर के बाद लगी।” यह भी अधिकारी ने बताया कि आग इस दौरान फैली नहीं जबकि यह हिस्सा भी हॉस्टल स जा टकराया था। यह भी कहा गया है कि कहीं आग की ही बझ से तो विमान को आईएएस सिग्नल्स नहीं गए जिससे फ्यूल कंट्रोल स्विच गड़बड़ कर गए हों।
एक ब्लैक बॉक्स का डाटा भी नहीं निकला
AAIB की जाँच के दौरान विमान के दोनों ब्लैक बॉक्स तो बरामद हो गए हैं लेकिन उनमें से एक केवल ही से डाटा डाउनलोड हो सका है। यह डाटा पीछे के हिस्से में रखे जाने वाले ब्लैक बॉक्स से मिला है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पीछे के हिस्से वाला ब्लैक बॉक्स क्षतिग्रस्त हुआ है और उससे डाटा अभी तक नहीं डाउनलोड किया जा सका है। यह भी सामने आया है कि जब पीछे के हिस्से को ब्लैक बॉक्स को डाटा डाउनलोड करने के लिए खोला गया तो उसका मेमोरी कार्ड जला हुआ मिला।
जिस ब्लैक बॉक्स से डाटा बरामद हुआ, उसमें हादसे वाली उड़ान समेत 6 फ्लाइट की जानकारी है। यह पूरा 49 घंटे का डाटा है। इसकी जाँच लगातार चल रही है। जिस ब्लैक बॉक्स से डाटा नहीं निकाला जा सका है, अब उसके लिए विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी क्योंकि हादसे की वजह पता चलने में वह भी अहम रोल निभा सकता है। दोनों ब्लैक बॉक्स में अलग-अलग डाटा होता है, ऐसे में हादसे के बारे में कोई महत्वपूर्ण जानकारी उसमें छुपी हो सकती है, जिसका डाटा डाउनलोड नहीं हो सका है।
विमान के उड़ान से पहले मिली थी गड़बड़
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि हादसे का शिकार होने वाले विमान के पिछले हिस्से में लगे एक सेंसर में गड़बड़ी पायलट ने दर्ज की थी। यह गड़बड़ी दिल्ली से अहमदाबाद जाने के दौरान दर्ज की गई थी और इसे एअर इंडिया के इंजीनियरों ने सुधार दिया था। हालाँकि, पिछले हिस्से में लगी आग का रोल इस सेंसर को लेकर क्या था, यह अब जाँच की जा रही है। फ्लाइट के सेंसर गड़बड़ होना हादसे का कारण बन सकता है।
मामले से जुड़े अधिकारी ने कहा कि विमान के हवा में उड़ने से पहले इलेक्ट्रिकल गड़बड़ी उड़ान सेंसरों में दिक्कत कर सकती है और इससे विमान के ECU (इंजन नियंत्रण इकाई) को गलत डेटा मिल सकता है। अधिकारी ने कहा कि इसके फलस्वरूप इंजन को तेल की सप्लाई भी बंद हो सकती है। इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि विमान को ज्यादा पॉवर देने के लिए APU (औक्सिलरी पॉवर यूनिट) भी चालू किया था। विमान के APU (औक्सिलरी पॉवर यूनिट) को भी बरामद करके जाँच की जा रही है।
मीडिया ने चलाई पायलट के दोष वाली थ्योरी
जहाँ यह हालिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि ना अभी AAIB को दूसरे ब्लैक बॉक्स का डाटा मिला है और ना ही जाँच पूरी हुई है वहीं विदेशी मीडिया संस्थानों ने लगातार पायलटों की गलती वाली थ्योरी चलाई थी। उनकी इस रिपोर्ट्स को अमेरिका के ट्रांसपोर्ट विभाग NTSB ने इन रिपोर्ट्स को नकारा है। हालाँकि, WSJ जैसे संस्थानों ने लगातार कैप्टन सुमीत सभरवाल को दोषी ठहराया था। इस पर उन्हें भारतीय पायलट फेडरेशन (FIP) ने नोटिस भेजा है।