आगरा धर्मांतरण

आगरा मामले में गिरफ्तार धर्मांतरण गिरोह ने धर्मांतरण का शिकार बन चुके लोगों के लिए कोडवर्ड बनाए था। जिन लोगों का धर्मांतरण यह गैंग कर लेता था, उन्हें ‘रिवर्ट नाम दे दिया जाता था। गिरोह के लिए इससे धर्मांतरण किए जा चुकी युवतियों की पहचान करना आसान होता था। उनके सोशल मीडिया पर भी ‘रिवर्ट’ नाम से अकाउंट बना दिए जाते।

इस धर्मांतरण गैंग मामले में पकड़े गए लोगों से पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया कि यह गिरोह केवल ‘बालिग’ युवतियों को निशाना बनाता था। इससे उन्हें अपने साथ ले जाने में परेशानी नहीं होती थी। कोर्ट में भी वह खुद को बालिग बताकर परिवार से दूर जा सकती थी।

इसका फायदा यह भी है बाद में यही युवतियाँ अपने संपर्क में आने वाली बाकी लड़कियों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करती थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, धर्मांतरण के बाद युवतियों का घर वापस जाना मुश्किल हो जाता था। धर्मांतरण कराने से पहले अखबार में विज्ञापन तक दिया जाता था।

यह गैंग इसके बाद कोर्ट में अर्जी लगाकर दस्तावेज तैयार करवा लेता था और यहाँ तक कि निकाह तक करवाता था।

गैंग वाले भी पहले थे हिन्दू

इस धर्मांतरण गैंग में शामिल 10 लोगों में से 6 पहले हिंदू थे। इन्होंने धर्म परिवर्तन कर अपने नाम भी बदल लिए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसबी कृष्णा ने नाम बदलकर आयशा, रुपेंद्र बघेल ने अबु रहमान, मनोज ने मुस्तफा, शेखर रॉय ने अली हसन और पियुष सिंह पँवार ने मोहम्मद अली नाम रख लिया।

इसके बाद यह दूसरों फँसाने लगे। असल में पूरे गैंग का काम करने का तरीका यही था कि पहले यह पढ़ी लिखी महिलाओं को फँसाता और फिर उनसे भी धर्मांतरण का काम करवाता। आगरा में जिस बड़ी बहन को फँसाया गया, वह अभी तक इस धर्मांतरण गैंग के पक्ष में बोल रही है।

पुलिस ने बड़ी बहन से की पूछताछ

कोलकाता की मुस्लिम बस्ती से रेस्क्यू की गई आगरा की दोनों सगी बहनों से पुलिस ने पूछताछ की। उन्होंने घर जाने के लिए शर्त रख दी। कहा कि जब तक पकड़े गए लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा वे घर नहीं जाएँगी। बहनों ने कहा कि पकड़े गए लोगों का कोई कसूर नहीं है। बहनों का कहना है कि यह लोग धर्म के लिए काम करते हैं और अगर वे जेल चले गए तो उन्हें जन्नत भी नसीब नहीं होगी।

कोलकाता में बनाया धर्मांतरण करने वालों के लिए ‘सेफ जोन’

जाँच में यह तक सामने आया है कि आगरा की दो सगी बहनों को कोलकाता तक पहुँचाया गया था। बताया गया कि दोनों बहनें घर से ₹25 हजार और कुछ गहने लेकर भागी थीं। दोनों बस से दिल्ली, मुजफ्फरनगर, समस्तीपुर होते हुए कोलकाता पहुँचीं। कोलकाता में ओसामा नाम के युवक ने बहनों को होटल दिलाया।

फिर कोलकाता की मुस्लिम बस्ती ‘तपसिया’ में कमरा दिलाने में भी मदद की। रिपोर्ट्स में सामने आया कि कमरा ₹6 हजार महीने किराए पर लिया था। ₹30 हजार रुपए एग्रीमेंट में दिए थे। अली हसन ने दोनों बहनों का धर्मांतरण प्रक्रिया शुरू करवाई।

गिरोह ने बहनों को नौकरी की तलाश में भी मदद की। धर्मांतरण में आने वाले लोगों के लिए इसे ‘सेफ जोन’ कहा जाता था। दोनों बहनों को यहाँ दीन की तालीम भी दी गई। धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों का कोलकाता में वोटर आईडी और आधार कार्ड भी बनाए जाते थे। इन्हें वोट डालने का भी अधिकार मिल जाता था।

कश्मीर की साइमा ने बहनों का किया ब्रेनवॉश

दोनों सगी बहनों में 33 साल की बड़ी बहन ने पुलिस को बताया कि वह Msc जूलॉजी से MPhil कर चुकी है। साल 2020 में नेट की तैयारी के लिए कोचिंग में दाखिला लिया था। तभी कश्मीर स्थित उधमपुर निवासी साइमा उर्फ खुशबू से दोस्ती हुई।

साइमा ने ही बड़ी बहन को इस्लाम अपनाने के लिए भड़काना शुरू किया। साइमा ने बुर्का पहनने से लड़कियों की हिफाजत होने की बात कही। इसके अलावा कहा कि इस्लाम अपनाने से जन्नत का रास्ता आसान होता है

12वीं फेल अबु रहमान ने यूट्यूब पर चलाई धर्मांतरण की मुहिम

पुलिस की गिरफ्त में आए 10 आरोपितों में से अबू रहमान इस गैंग का सरगना है। रहमान के यूट्यूब चैनल पर धर्मांतरण कर चुकी युवतियों के वीडियो मिले हैं। इन वीडियो में इस्लाम का प्रचार किया जा रहा है। यूट्यूब चैनल पर 1.69 सबस्क्राइबर्स और 1500 से अधिक वीडियो हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, अबु रहमान सराय ख्वाजा का रहने वाला है। वह जूतों के स्टीकर बनाने का काम करता था। इसके साथ ही यूट्यूब चैनल पर धर्मांतरण की मुहिम भी चला रहा था। रहमान 12वीं फेल है, लेकिन यूट्यूब वीडियो पर वह अंग्रेजी बोलता दिखता है।

जानें पूरा मामला

हाल ही में आगरा में धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ किया गया। इस गिरोह के तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI), सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) और पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से जुड़े हैं। इन्हें कनाडा, UAE और अमेरिका से फंडिंग मिलती थी। यह मामला आगरा की दो लापता बहनों की जाँच से सामने आया।

जाँच में 7 लोगों के खिलाफ सबूत मिले। उनके खिलाफ वारंट जारी हुए। फिर पुलिस ने 11 टीमें छह राज्यों में भेजीं। आगरा पुलिस ने यूपी, गोवा, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, दिल्ली और राजस्थान में छापे मारे। आखिर में कोलकाता की मुस्लिम बस्ती से बहनों को रेस्क्यू किया गया। यहाँ से धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

Source link

Search

Categories

Recent Posts

Tags

Gallery