उत्तर प्रदेश के संभल में पिछले साल हुई हिंसा के बाद गठित समिति ने गुरुवार (28 अगस्त 2025) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। करीब 450 पन्नों की इस रिपोर्ट में कई अहम दावे किए गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि आजादी के वक्त यहाँ पर करीब 45% हिंदू थे जो अब घटकर 15-20% फीसदी रह गए हैं। रिपोर्ट में मस्जिद में हरिहर मंदिर के साक्ष्य मिलने का भी जिक्र है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस रिपोर्ट में 24 नवंबर 2024 को संभल में हुई हिंसा के बारे में बताए जाने के साथ ही संभल के इतिहास में कब-कब कितने दंगे हुए और उन दंगों में क्या-क्या हुआ, इसके बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई है।
बदल गई संभल की डेमोग्राफी
इस रिपोर्ट में डेमोग्राफी में आए बदलाव को लेकर भी बड़ा खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि संभल नगरपालिका में आजादी के समय 45% हिंदू थे, जो आज घटकर 15% से 20% ही रह गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, दंगे और तुष्टीकरण की राजनीति की वजह से हिंदू आबादी ने यहाँ से पलायन किया। यही वजह है कि डेमोग्राफी में बदलाव देखा गया। संभल में जिस तरह से मुस्लिमों ने हिंदुओं पर अत्याचार किया और दंगे भड़काए, यह हिंदुओं के पलायन की एक मुख्य वजह बनी। स्थानीय लोगों का भी यहीं कहना है कि आज की अपेक्षा संभल में पहले हिंदुओं की आबादी अधिक थी।
संभल पर बनी कमेटी ने CM को सौंपी रिपोर्ट, CM योगी आदित्यनाथ को कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट… रिपोर्ट में डेमोग्राफी बदलाव की बात.. NEWS18 के पास रिपोर्ट की जानकारी मौजूद#Sambhal #CMYogi #BreakingNews pic.twitter.com/C6wUkAfh82
— News18 Uttarakhand (@News18_UK) August 28, 2025
आजादी के बाद संभल में हुए 15 बड़े दंगे
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आजादी के बाद संभल में 15 बड़े दंगे हुए हैं। इसमें बताया गया है कि संभल में 1947, 1948, 1953, 1958, 1962, 1976, 1978, 1980, 1990, 1992, 1995, 2001, 2019 में दंगे हुए थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2019 में सीएए उपद्रव के दौरान चार दिन का कर्फ्यू लगा था। इसके अलावा 1948 में 20 दिन, 1958 में 2 दिन, 1976 में 7 दिन, 1978 में 30 दिन, 1992 में 8 दिन, 2019 में करीब 6 दिन बाजार बंद रहे थे।
आतंकी संगठनों का बना अड्डा, विदेशी हथियार मिले
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि संभल कई सारे आतंकवादी संगठनों का अड्डा बन चुका है। इसमें अलकायदा, हरकत उल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकवादी संगठन शामिल हैं।
संभल में हुए दंगों में विदेशी हथियारों का इस्तेमाल होने की जानकारी भी सामने आई है। इस मामले के लिए बनाए गए न्यायिक आयोग को इस बात के साक्ष्य मिले हैं कि संभल में अमेरिका में बने हथियारों का इस्तेमाल किया गया था।
पूर्व नियोजित थी 24 नवंबर की हिंसा
24 नवंबर 2024 की हिंसा को लेकर रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह हिंसा पूर्वनियोजित और षड्यंत्र का नतीजा थी। सांसद जिया-उर-रहमान बर्क ने नमाजियों को उकसाने के लिए कहा था कि हम इस देश के मालिक हैं। संभल जामा मस्जिदकी इंतेजामिया कमेटी पर इसकी साजिश रचने का आरोप है। हिंसा से पहले बर्क ने भड़काऊ भाषण दिया था।
बर्क ने कहा था, “हम पुलिस प्रशासन सरकार से दबने वाले थोड़ी हैं, अरे हम इस देश के मालिक है नौकर, गुलाम नहीं हैं’। मैं खुले रूप से कह रहा हूं कि मस्जिद थी, मस्जिद है, इंशा-अल्ला मस्जिद रहेगी कयामत तक। जिस तरह अयोध्या में हमारी मस्जिद ले ली गई, वैसा यहां नहीं होने देंगे।”
गौरतलब है कि मामले में उतर प्रदेश सरकार द्वारा तीन सदस्यीय जाँच टीम बनाई गई थी। इसमें हाईकोर्ट के पूर्व सेवानिवृत्त जज देवेंद्र अरोड़ा को अध्यक्ष बनाया गया था। इसके अलावा कमेटी में रिटायर्ड आईपीएस एके जैन और अमित प्रसाद सदस्य के रूप में शामिल किए गए थे।