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असम सरकार कर रही घुसपैठियों पर कार्रवाई, ममता दीदी ने लगा दिया ‘बंग भाषियों पर अत्याचार’ का आरोप: हिमंता सरमा ने दिखाया आईना – हमें बंगालियों से नहीं, सीमा पार की ‘आबादी’ से दिक्कत


असम में हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार घुसपैठियों और अवैध कब्जे से लोगों को हटाने के लिए अतिक्रमण विरोधी अभियान चला रही है। हालाँकि इसमें ममता दीदी ने ‘बंगालियों पर अत्याचार’ होने का झूठा दावा शुरू कर दिया है। इसके चलते शनिवार (19 जून 2025) को पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और असम सीएम सरमा के बीच सोशल मीडिया पर वाकयुद्ध शुरू हो गया है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर TMC सुप्रीमो ने लिखा कि देश की दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा बांग्ला असम में भी सबसे ज्यादा बोली जाती है। वहाँ की बंगाली जनसंख्या को निशाना बनाने के लिए हिमंता सरकार उत्पीड़न कर रही है। यह भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है।

उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी का यह विभाजन का एजेंडा अपनी सभी सीमाओं को पर कर चुका है और असम के लोग इसके लिए लड़ेंगे।

ममता की इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए असम सीएम ने कहा, “दीदी मैं आपको याद दिला दूँ- असम में हम अपने लोगों से नहीं लड़ रहे। बिना डरे उन मुस्लिम घुसपैठियों को हटा रहे हैं जो हमारी आबादी में बढ़ते चले जा रहे हैं। कई जिलों में अब हिंदू अल्पसंख्यक बन गए हैं।”

हिमंता सरमा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी घुसपैठ को बाहरी आक्रमण कहा है। ऐसे में जब हम अपनी जमीन, संस्कृति, पहचान की रक्षा के लिए कदम उठा रहे हैं तो आप इसे राजनीति का रंग दे रही हैं।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी बांग्ला भाषियों के लिए खुद को मसीहा साबित करने में तुली है ताकि बंगाली हिंदू वोट को भी अपनी ओर खींच सके। इस चक्कर में वह बिना सच्चाई जानें किसी भी आरोप को बेतरतीबी से लोगों के सामने परोस दे रही हैं।



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