कर्नाटक सिद्धारमैया मुस्लिम कॉलोनी

कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व में चल रही कॉन्ग्रेस सरकार ने अल्पसंख्यकों की बस्तियों के कथित विकास पर ₹398 करोड़ खर्च करने का फैसला लिया है। नेटिजन्स ने इसे राज्य सरकार की’मुस्लिम तुष्टिकरण’ नीति का हिस्सा बताया है। पूछा है कि इसी तरह हिंदुओं की बस्तियों के विकास के लिए बजट क्यों नहीं आवंटित किया जाता है।

सिद्धारमैया सरकार ने शहरी इलाकों में बेहद पिछड़ी अल्पसंख्यक बस्तियों के विकास के लिए 398 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। खासतौर पर राज्य के उन 22 विधानसभा क्षेत्रों में जो मुस्लिम बाहुल्य इलाके हैं। इन क्षेत्रों में पिछड़ी और मुस्लिम कॉलोनियों को मॉडल कॉलोनियों के रूप में विकसित करने के लिए यह धनराशि जारी की गई है।

साथ ही, पानी और झीलों के विकास पर भी बड़ा खर्च किया गया है। शिगगाँव की नगनूर झील के लिए 105.19 करोड़, बांकापुर की तेवरमल्लीहल्ली झील के लिए 92.84 करोड़ और सावनूर के मोती तालाब के लिए 153.20 करोड़ मंजूर किए गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके अलावा उत्तर कन्नड़ के येल्लापुर में गंगावली नदी पर एक नया पुल बनाया जाएगा, जिस पर 35 करोड़ खर्च रुपए खर्च होगा। वहीं बीजापुर एयरपोर्ट के लिए 618.75 करोड़ की मंजूरी पर विचार हो रहा है और मुख्य सचिव से रिपोर्ट माँगी गई है।

बागलकोट जिले के लोकापुर में कॉन्ग्रेस भवन बनाने के लिए सरकार ने 400.63 वर्ग मीटर जमीन 30 साल के लीज पर देने का फैसला किया है। मंड्या जिले के मलवली और मड्डूर तालुका में नहरों के विकास पर 293.47 करोड़, बेलगावी जिले के खानापुर तालुक में मल्लप्रभा नदी पर बैराज के लिए 50 करोड़ और मंसी तालुक में तुंगभद्रा नदी से सिंचाई परियोजना के लिए 109 करोड़ मंजूर किए गए हैं।

इसके अलावा सरकार की ओर से 35 मोबाइल हेल्थ यूनिट्स को अपग्रेड करने के लिए 12.25 करोड़ और बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल में 1,000-बेड वार्ड्स के फर्नीचर के लिए 20.05 करोड़ मंजूर हुए हैं।

कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर लोगों का कहना है कि मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए कॉन्ग्रेस सरकार धार्मिक आधार पर पक्षपात कर रही है, क्योंकि कॉन्ग्रेस सरकार को हिंदू बस्तियों के विकास के लिए पहले कभी इतने पैसे खर्च कर योजनाओं पे चर्चा करते नहीं देखा गया है।

नेटिजन्स ने कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए सीधे कहा कि हिंदू करदाताओं के टैक्स की रकम का इस्तेमाल उन्हीं पर पत्थर मारने वालों के मकान बनाने पर किया जा रहा है।



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