अलीगढ़ में अवैध धर्मांतरण के नेटवर्क का खुलासा हुआ है। इसके झाँसे में आईं करीब 97 महिलाओं का पता नहीं चल पा रहा है। ये महिलाएँ लापता बताई जा रही हैं। खुफिया एजेंसियाँ और यूपी पुलिस की विशेष टीमें जाँच में जुटी हुई हैं।
इसका खुलासा पुलिस को उमर गौतम नाम के शख्स की गिरफ्तारी से हुई है। यहाँ का सरगना उमर गौतम ही था जिसने पूरा नेटवर्क फैला रखा था।
दरअसल मार्च 2025 में 33 साल और 18 साल की दो सगी बहनें लापता हो गईं थी। पुलिस इन्हें ढूँढ रही थी। सोशल मीडिया पर अचानक एक बहन एक-47 के साथ नजर आई। इसके बाद पुलिस के कान खड़े हो गए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक दोनों बहनों को अवैध तरीके से धर्मांतरण कराकर कोलकाता के एक मुस्लिम बहुल इलाके में रखा गया था। यहाँ से दोनों को विदेश भेजने की तैयारी थी।
उमर गौतम की गिरफ्तारी के बाद पता चला है कि 2018 में 33 महिलाओं का धर्मांतरण कराया गया था जिसमें 3 अलीगढ़ की थीं। लेकिन ये नेटवर्क धीरे-धीरे महिलाओं और युवतियों को अपने झाँसे में लेने लगा। यही वजह है कि जनवरी से अब तक 97 महिलाएँ लापता हैं जिनमें से 17 टीन एजर्स हैं।
सोशल मीडिया, विदेशी फंडिंग और आतंकियों से कनेक्शन
पुलिस जाँच में ये बात सामने आई है कि गैंग सोशल मीडिया, मोबाइल ऐप, डार्क वेब और दूसरे तरीके से महिलाओं से संपर्क करता था। उन्हें अपने प्रेम जाल में फँसाता था और फिर धर्मांतरण के लिए दबाव डालता था। इस नेटवर्क का संचालन इतना गुपचुप तरीके से होता था कि पुलिस को इतने सालों में भनक तक नहीं लगी। गैंग के तार पीएफआई, सिमी, लश्कर ए तैयबा से जुड़ने के संकेत भी मिले हैं।
इसकी फंडिंग अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, यूएई जैसे देशों से हो रही थी। यूपी पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण के मुताबिक इस गैंग ने सैकड़ों लोगों को धर्मांतरण करवाया। गैंग में ओडिशा की एसबी कृष्णा उर्फ आयशा, कोलकाता का शेखर राय उर्फ अली हसन, जयपुर का मोहम्मद अली समेत कई लोग शामिल हैं। इनलोगों को 6 अलग अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया है।
यूपी में धर्मांतरण पर कसा शिकंजा
सीएम योगी ने अवैध धर्मांतरण के खिलाफ ‘मिशन अस्मिता’ चलाने का निर्देश दिया है। इसके तहत आगरा पुलिस ने 6 टीमें गठित की हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी खासा नजर रखा जा रहा है।
ये पता चला है कि अवैध धर्मांतरण करा कर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की मुहिम चलाई जा रही है। सोशल मीडिया पर ये लोग मूर्ति पूजा और हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करते हैं। ये लोग उन मंदिरों का जिक्र भी करते हैं जिसे मुस्लिम आक्रांताओं ने तोड़ा था। ये लोग हिन्दू धर्म के पूजा पद्धति और रीति-रिवाजों का विरोध करते हैं और आपत्तिजनक बयान देतें हैं।
50 लोग पुलिस के रडार पर
इस मामले में पुलिस के रडार पर करीब 50 लोग हैं। इनके सोशल मीडिया, मोबाइल और दूसरे अकाउंट की पुलिस जाँच कर रही है। इसमें भारत के लोगों के मन में जहर घोलने की पुष्टि हुई है।
पीएम मोदी के वीडियो को अपने तरीके से इस्तेमाल किया
पुलिस को गोवा की आयशा को कनाडा के सैय्यद दाऊद द्वारा फंडिंग के सबूत मिले। पुलिस को कई वीडियो मिले हैं जिसमें देश विरोधी बातें कही गई हैं। यहाँ तक की पीएम मोदी के मंदिर जाने के वीडियो के साथ तुरंत ताजमहल दिखता है और पीछे से वॉयस आती है कि ये तारीख है इस्लाम से रिश्ते जोड़ने होंगे। बहुत बन चुके सोमनाथ अब तोड़ने होंगे।