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अलीगढ़ में रजबहे पर अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए चला योगी का बुलडोजर, मस्जिद-मदरसे की सीढ़ियाँ तोड़ीं: विरोध के बावजूद हुई कार्रवाई, अब खेतों को मिलेगा पानी


उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर में मुसलमानों की बस्ती के लोगों ने एक रजबहे के ऊपर अवैध रूप से कहीं मकान, कहीं दुकान बनाकर, कहीं मस्जिद व मदरसे की सीढ़ियाँ बनाकर तो कहीं चाय, बिरयानी की रेहड़ी लगाकर उसे पूरी तरह से बँद कर दिया। समाजवादी पार्टी के राज में शुरू हुए रजबहे पर अतिक्रमण के खिलाफ एएमयू के पूर्व छात्र ने जब डीएम से लेकर सीए योगी तक शिकायत की तो विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया।

इसके बाद हुई बुलडोजर की कार्रवाई का मुसलमानों ने विरोध किया। हालाँकि पुलिस ने कायदे से लोगों को बुलडोजर कार्रवाई के फायदे बताते हुए शाँत कर दिया और फिर बुलडोजर की कार्रवाई को जारी रखा। सोमवार दोपहर करीब 12 बजे हल्की फुल्की बारिश के बीच सिंचाई विभाग की टीम तीन बुलडोजर लेकर पुलिस फोर्स के साथ महेशपुर फाटक पहुँच गई। बुलडोजर देख कब्जेधारियों में अफरा-तफरी मच गई। पूर्व में की गई निशानदेही के आधार पर बुलडोजर से अतिक्रमण को हटाया जाने लगा।

इस बीच भीड़ हँगामा करने लगी माहौल बिगड़ते देख पुलिस ने सख्ती से काम लिया और कुछ लोगों को कायदे से समझाते हुए शाँत कर दिया। इसके बाद करीब पाँच घंटे तक चले तीन बुलडोजर ने अधिकांश अतिक्रमण को हटा दिया गया। वहीं शेष कुछ पक्के मकान वाले कब्जेधारियों को अधिकारियों ने स्वयं कब्जा हटाने के लिए 10 दिन का समय दिया है।

अलीगढ निवासी एएमयू के पूर्व छात्र व भाजपा नेता डॉ. निशित शर्मा ने बताया कि गँग नहर बुलंदशहर से निकलने वाला 45 किलोमीटर का रजबहा अलीगढ़ के भरतुआ गाँव(टेल) तक जाकर सेंगुर नदी में मिलता है। इस रजबहे पर कोल विधानसभा क्षेत्र में महेशपुर फाटक से लेकर कमिश्नरी तक करीब 5 किलोमीटर के हिस्से पर अतिक्रमण है और इसी कारण यह रजबहा आज पूरी तरह से बंद है।

इसके चलते भदेशी, कमालपुर, ओछोड़, रूस्तमपुर, गजनीपुर, गडराना, भरतुआ आदि करीब 20 से अधिक गाँव के किसानों की फसल की सिंचाई रजबहे में आने वाले गँग नहर के पानी से नहीं हो पाती थी। डॉ. शर्मा का दावा है कि करीब 15 वर्ष पहले तक इस रजबहे से किसान अपनी फसलों की सिंचाई करते थे और इसमें नहाते भी थे।

सपा के शासनकाल में हुआ सबसे अधिक अतिक्रमण

डॉ. निशित शर्मा ने बताया कि कोल रजबहे पर पिछले करीब 15 वर्षों से कब्जा है। शर्मा का दावा है कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में तत्कालीन कोल विधायक हाजी जमीरउल्लाह की सह पर मुस्लिम समाज के लोगों ने धीरे-धीरे महेशपुर फाटक के पास रजबहे पर अतिक्रमण शुरू कर दिया था। विधायक की सह पर पहले अस्थाई और फिर स्थाई दुकानें व मकान बनाकर जीवनगढ़ की पुलिया तक अतिक्रण कर लिया गया।

यहाँ तक कि इस पाँच किलोमीटर के हिस्से में मौजूद मस्जिद, मदरसे व दरगाह की सीढ़ियाँ भी रजबहे को बँद करके बना ली गईं। इतना ही नहीं तत्कालीन विधायक हाजी जमीरउल्लाह ने विधायक निधि से एक स्वागत द्वार एएमयू सँस्थापक सर सैयद अहमद खाँ के नाम से जीवनगढ़ की पुलिया पर और दूसरा स्वागत द्वार कैप्टन अब्बास अली के नाम से द्धौर्रा माफी की पुलिया पर बनवाया गया।

डॉ. निशित ने पिछले वर्ष डीएम से की थी शिकायत

डॉ. निशित शर्मा को स्थानीय लोगों द्वारा रजबहे पर अतिक्रमण की जानकारी मिली तो उन्होंने सबसे पहले सिंचाई विभाग के द्वारा आरटीआई के माध्यम से रजबहे का नक्शा निकलवाया और फिर पूरी जानकारी जुटाने के बाद निशित शर्मा ने पिछले वर्ष अलीगढ़ जिलाधिकारी से लिखित में शिकायत करके अतिक्रमण को हटाए जाने की माँग की। इस पर तत्कालीन जिलाधिकारी ने एक कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए।

इसके बाद डॉ. निशित शर्मा ने पीड़ित किसानों के बीच जाकर गाँव-गाँव पँचायतें की और किसानों को जागरुक करके अपने साथ जोड़ा। इस बीच योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को पत्र लिखकर रजबहे से अतिक्रण हटाए जाने की माँग की। इस पर फिर से डीएम संजीव रंजन ने एक जांच कमेटी बनाई। जिसमें एडीएम वित्त प्रमोद कुमार ने विशेष भूमिका निभाते हुए विभागीय अधिकारियों के हाथों सभी कब्जेधारियों को नोटिस थमा दिए और लिखित चेतावनी देते हुए रजबहे से कब्जा हटाने के लिए 20 दिन का समय दे दिया।

इस बीच भाजपा नेता डॉ. निशित शर्मा 5 अगस्त को लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान डॉ. शर्मा ने कोल रजबहे पर अतिक्रमण के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। इस मुलाकात का असर इतना तेजी से हुआ कि मुलाकात के चौथे दिन ही अतिक्रमण पर बुलडोजर की कार्रवाई शुरू हो गई। हालांकि पूरा अतिक्रमण हटना अभी बाकी है।

एएमयू के पूर्व छात्र नेता और मौजूदा समय में बीजेपी से जुड़े डॉ. निशित शर्मा ने सरकार और प्रशासन को धन्यवाद दिया। निशित ने कहा, “मेरी शिकायत का संज्ञान लेकर अतिक्रमण की कार्रवाई करने के लिए जिलाधिकारी महोदय का धन्यवाद। ये किसानों के हित की, सामाजिक न्याय की और जल संरक्षण के साथ धार्मिक अतिक्रमण के खिलाफ एक अहम लड़ाई है। यह लड़ाई जब तक जारी रहेगी तब तक कि टेल तक किसानों को पानी नहीं मिल जाता। मुझे योगी सरकार पर पूरा भरोसा है कि वह रजबहे को अतिक्रमण मुक्त कराकर किसानों को न्याय दिलाएगी।”

गौरतलब है कि डॉ. निशित शर्मा की शिकायत के बाद सिंचाई विभाग ने तीन बुलडोजरों के साथ तोड़फोड़ और अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की थी। जिसका भीड़ ने विरोध भी किया, लेकिन पुलिस ने समझाकर शांति बनाए रखी।



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