ट्रंप ने फोड़ा 70 देशों पर रेसिप्रोकल बम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार (31 जुलाई 2025) को दुनिया के 70 देशों पर 10 फीसदी से 41 फीसदी तक नए रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। 7 अगस्त से ये लागू होगा। राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे व्यापार असंतुलन को कम करने और अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम बताया।

व्हाइट हाउस की ओर से एक फैक्टशीट जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि इससे न सिर्फ आयात शुल्क दरों में बदलाव होगा बल्कि ये कब लागू होगा इसको भी बता दिया गया है। ट्रंप ने पहले टैरिफ के लिए 1 अगस्त का दिन तय किया था लेकिन अब जिन 70 देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया गया है उन्हें 7 अगस्त से ये टैरिफ देना होगा। यानी अगर कोई सामान 7 अगस्त तक अमेरिका के लिए रवाना हो जाए तो उस पर नया टैरिफ लागू नहीं होगा।

नया रेसिप्रोकल टैरिफ क्या है?

व्हाइट हाउस ने गुरुवार को घोषणा की कि अमेरिका में आने वाले सामानों पर रेसिप्रोकल टैरिफ 10% ही रहेगा, जो 2 अप्रैल को लागू किया गया था। लेकिन यह 10% की दर केवल उन देशों के लिए है जिनके साथ अमेरिका का व्यापार फायदे में है। यानी वे देश जिनके साथ अमेरिका आयात कम करता है और निर्यात ज्यादा।

15% टैरिफ उन देशों पर लागू होगा जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा है। इसके अंतर्गत 40 देश हैं, जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा तुलनात्मक रूप से थोड़ा कम है।

15 फीसदी से ज्यादा टैरिफ वाले कुल 26 देश हैं। एक वरिष्ठ अमेरिकी प्रशासनिक अधिकारी के मुताबिक इन देशों का अमेरिका के साथ व्यापार घाटा ज्यादा है। भारत पर 25% टैरिफ लगाया गया है। अमेरिका का कहना है कि भारत उनके सामानों पर ज्यादा टैरिफ वसूलता है, इसलिए ये टैरिफ लगाया गया है।

15 फीसदी से ज्यादा टैरिफ वाले देश

  1. ब्राजील 50%
  2. म्यांमार 40%
  3. लाओस 40%
  4. कंबोडिया 36%
  5. थाईलैंड 36%
  6. बांग्लादेश 35%
  7. सर्बिया 35%
  8. कनाडा 35%
  9. मेक्सिको 30%
  10. दक्षिण अफ्रीका 30%
  11. बोस्निया और हर्जेगोविना 30 %
  12. श्रीलंका 30%
  13. अल्जीरिया 30%
  14. इराक 30%
  15. लीबिया  30%
  16. चीन 30%
  17. भारत 25%
  18. ब्रूनेई 25%
  19. मलेशिया 25%
  20. साउथ कोरिया 25%
  21. वियतनाम 20%
  22. इंडोनेशिया 19%
  23. फिलिपींस 19%

मेक्सिको और कनाडा को उन वस्तुओं पर ज्यादा टैरिफ देना होगा जो अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा मुक्त व्यापार समझौते के तहत छूट में शामिल नहीं हैं। ऐसे वस्तुओं पर 25 फीसदी टैरिफ देना होगा।

भारत पर उम्मीद से ज्यादा टैरिफ

भारत के साथ बातचीत में राष्ट्रपति ट्रंप ने संकेत दिया था कि भारत पर टैरिफ 20 फीसदी से कम रह सकता है लेकिन 25 फीसदी टैरिफ का ऐलान काफी चौकाने वाला है। इससे भारत के निर्यात पर असर पड़ेगा। भारत को वियतनाम से कई प्रमुख सेक्टर्स में चुनौती मिलेगी जिनका सामान 20 फीसदी टैरिफ की वजह से अमेरिका में सस्ता होगा। इनमें कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, सी फूड शामिल हैं। इसी तरह इंडोनिशिया और फिलीपींस की स्थिति भी भारत की तुलना में मजबूत रहेगी जिनका कपड़ा, तेल , ज्वैलरी, पाम ऑयल का निर्यात अमेरिका से होता है।

भारत- अमेरिका वार्ता में क्यों नहीं बनी बात?

भारत के साथ व्यापार वार्ता के दौरान कृषि और डेयरी प्रोडक्ट पर अमेरिका की बात नहीं बन पाई है। हालाँकि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल अगस्त के पहले सप्ताह में नई दिल्ली आने वाले हैं जहाँ अगली बातचीत होगी। अमेरिका चाहता है कि मांस खाने वाले पशुओं के दूध और उसके प्रोडक्ट, जेनेटिकली मोडिफाइड फसलों के लिए भी भारत अपना बाजार पूरी तरह खोल दे, लेकिन भारत उसके लिए तैयार नहीं है।

भारत बातचीत से सुलझाएगा मसला

आज तक के मुताबिक भारत अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा, बल्कि इस मामले में नेगोशिएशन टेबल पर बातचीत करेगा। गुरुवार को लोकसभा में केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच बातचीत का दौर जारी है। टैरिफ को लेकर 10 से 15 फीसदी तक की बात हुई थी। देशहित में जो होगा, सरकार कदम उठाएगी।

ब्राजील ने दी अमेरिका को चेतावनी

सबसे ज्यादा टैरिफ ब्राजील पर लगाया गया है जिसको लेकर ब्राजील के वित्त मंत्री फर्नाडो हद्दाद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि टैरिफ को लेकर अमेरिका से अगर उनकी वार्ता विफल हो जाती है तो वो अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में अपील दायर करेंगे।

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