छांगुर पीर धर्मांतरण कराने के लिए कई तरीके अपनाता था। इनमें सबसे पहला तरीका था मुस्लिम युवकों से हिंदू लड़कियों को दोस्ती कर निकाह कराना। दूसरे में वह नीतू और नवीन का उदाहरण देता था कि कैसे दोनों ने इस्लाम अपनाया और अब अमीर हो गए। लोग उसकी बातों से प्रभावित होकर इस्लाम अपना लेते थे।
ऐसे कई मामलों में छांगुर पीर की धर्मांतरण नेटवर्क का खुलासा हुआ। कई पीड़ितों ने सामने आकर छांगुर के जाल में फँसने की आपबीती सुनाई है।
औरैया की छांगुर ने हिंदू परिवार बर्बाद किया
एक मामला औरैया जिले का है, जहाँ हिंदू लड़की ने सामने आकर छांगुर की सच्चाई बताई है। कैसे छांगुर ने लड़की का परिवार बर्बाद कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 22 साल की हिंदू युवती ने 3 जुलाई 2025 को घर वापसी की। युवती औरैया जिले के बाबरपुर गाँव की रहने वाली है। एक दिन माँ ज्योति शर्मा और पिता अरविंद शर्मा कानपुर गए हुए थे। वहाँ एक लड़के से मुलाकात हुई, उसने अपना नाम रुद्र शर्मा बताया था।
युवती बताती हैं कि तभी माँ ने उससे पिता के शराब की लत के बारे में जिक्र किया। तो रुद्र ने छांगुर पीर के पास इलाज बताया। फिर पूरा परिवार रुद्र शर्मा के साथ छांगुर के पास पहुँचा। छांगुर ने परिवार को ताबीज दिया। इसके बाद से रुद्र शर्मा ने युवती को प्रेमजाल में फँसाया और फतेहपुर की एक मस्जिद में निकाह कर लिया।
युवती को निकाह के बाद रुद्र शर्मा का असली नाम मेराज अंसारी होने की जानकारी लगी। युवती ने बताया कि वह उसका घर छोड़कर आ गई। उसके भाई भी हिंदू लड़कियों को फँसाने का काम करते थे। एक बार उसके अब्बा रियाज और भाई उमर ने भी युवती का शारीरिक शोषण किया।
युवती ने बताया कि एक दिन मेराज उसके घर आया और युवती की छोटी बहन से निकाह करने के लिए कहा। ऐसा न करने पर युवती की आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो वायरल करने की धमकी दी।
इस धमकी के बाद युवती के पिता ने उसके सिर पर लोहे की रॉड से हमला किया, जिसके बाद मेराज की मौके पर ही मौत हो गई। युवती बताती हैं कि मेराज अंसारी की हत्या में उसकी माँ और पापा दोनों जेल में बंद हैं।
हिंदू परिवार को लालच देकर धर्मांतरण कराया
छांगुर पीर का धर्मांतरण का दूसरा तरीका लालच देना था। वह हिंदुओं को पैसे और जिंदगी बदलने लालच देकर इस्लाम कबूल करवाता था।
ऐसा ही एक मामला उजागर हुआ है। एक बार छांगुर के घऱ मजदूर नरेंद्र, जग प्रसाद कश्यप, हरजीत, मालती देवी पहुँची। यहाँ छांगुर ने चारों लोगों को शांति पाठ पढ़ाया। फिर इस्लाम अपनाने के लिए ब्रेनवॉश करने लगा। कहता कि इस्लाम अपनाओगे तो फायदे में रहोगे। छांगुर ने नवीन और नीतू रोहरा का उदाहरण दिया। कहा कि इनके पास बंगला और गाड़ी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नरेंद्र, जग प्रसाद कश्यप और हरजीत ने छांगुर के जाल में फँसकर धर्म परिवर्तन करा लिया। लेकिन मालती देवी ने इनकार कर दिया। इसके बाद छांगुर ने मालती देवी पर चोरी का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराई है। मालती देवी छांगुर की ही साइट में मजदूरी करती थी। अब इस एफआईआर पर ATS जाँच कर रही है।
वहीं, हरजीत ने 03 जुलाई 2025 को घर वापसी कर ली है। हरजीत ने बताया कि छांगुर ने नागपुर में सुपरवाइजर की नौकरी दिलाने का झाँसा देकर धर्मांतरण कराया था। हरजीत बताते हैं कि उन्होंने विरोध किया था, लेकिन छांगुर ने उनके खिलाफ 2 मुकदमे दर्ज कर दिए।
तीसरे तरीके में हिंदू धर्म को बुराई कर धर्मांतरण कराता
छांगुर का धर्मांतरण कराने का तीसरा तरीका था हिंदू धर्म की बुराई करना। वह गरीब और बेसहारा लोगों को निशाना बनाता था। उनसे हिंदू धर्म की बुराई करता और इस्लाम की अच्छा बताता।
छांगुर का दूसरा ठिकाना आजमगढ़ था। जिले में देवगाँव थाना क्षेत्र के चिरकिहिट गाँव में पुलिस ने छापेमारी की थी। यहाँ पुलिस को एक मजार में त्रिशुल मिला था, जिस पर फूलों की माला लटकी थी। इस मजार में कव्वाली गई जाती थी। इसके जरिए हिंदू धर्म की मान्यताओं को गलत और खराब बताया जाता था।
छांगुर के जिगरी दोस्त ने उसे पकड़वाया
छांगुर को बड़े अधिकारियों संग उठना बैठना था। उसकी प्रशासन में गहरी पकड़ थी। वह अधिकारियों को ‘नग’ देकर अपनी छवि मजबूत करता था। इसी वजह से उस पर कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन हालात तब बदल गए, जब उसके ही जिगरी दोस्त ने उसके खिलाफ सबूत इकट्ठा करने शुरू किए।
छांगुर के साथ काम करने वाला बब्बू चौधरी ने ही छांगुर की अवैध गतिविधियों से जुड़े दस्तावेज जुटाए। फिर उन दस्तावेजों को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) तक पहुँचा दिया। इसके बाद ही ATS और STF ने मामले में संज्ञान लिया और छांगुर पीर का अवैध धर्मांतरण नेटवर्क का खुलासा हुआ।
दरअसल, साल 2021 में निर्माण कार्य के दौरान छांगुर और बब्बू चौधरी के बीच पैसों के लेन-देन में बात बिगड़ी। नीतू को शक हुआ कि बब्बू ने निर्माण कार्य में ₹2.5 करोड़ की बेईमानी की है। इसके बाद छांगुर ने बब्बू पर पुलिस केस दर्ज कराया। तभी से बात बिगड़ी और बब्बू ने बदला लेने के लिए छांगुर के खिलाफ सबूत जुटाने शुरू कर दिए।
छांगुर ने नीतू की बेटी का निकाह अपने नाती से करा दिया
छांगुर के साथ धर्मांतरण नेटवर्क में काम करने वाली नीतू उर्फ नसरीन और उसके परिवार ने धर्म परिवर्तन कर लिया। इसके बाद नसरीन की बेटी का निकाह छांगुर के नाती अरबाज से करा दिया गया। अरबाज की उम्र करीब 25 वर्ष है। वहीं, नसरीन की बेटी की उम्र पासपोर्ट के मुताबिक केवल 15 वर्ष है।
बलरामपुर में ग्रामीण बताते हैं कि नसरीन की बेटी को स्कूल जाने से रोका गया था। छांगुर उसे घर से बाहर नहीं जाने देते था, इस डर से की कहीं वो उसके राज न खोल दे। इसीलिए अक्सर परिवार के साथ ही रखता था।
क्या है पूरा मामला ?
बलरामपुर में एक बड़े अवैध धर्मांतरण नेटवर्क को चलाने वाला जमालुद्दीन उर्फ छांगुर पीर (जिसे हाजी पीर जलालुद्दीन, पीर बाबा या हजरत बाबा भी कहा जाता है) पुलिस की गिरफ्त में हैं। छांगुर पीर पर हिंदू लड़कियों, गरीब और असहाय लोगों को बहला-फुसलाकर जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप है।
छांगुर पीर का नेटवर्क खाड़ी देशों से ₹100 करोड़ से अधिक की विदेशी फंडिंग प्राप्त करता था। इस फंडिंग से धर्मांतरण की गतिविधियों को अंजमा देता था। गैंग के पास 40 से अधिक बैंक खाते थे, जिनमें बड़े पैमाने पर लेनदेन होता था।
छांगुर पीर इन पैसों से लग्जरी गाड़ियाँ, बंगले और अन्य संपत्तियाँ खरीदता था। गैंग जाति के आधार पर धर्मांतरण के लिए पैसा देता था। गैंग में शामिल मुस्लिम युवक हिंदू पहचान बताकर युवतियों को प्रेमजाल में फँसाते और उनका ब्रेनवॉश कर धर्मांतरण करवाते।
छांगुर पीर के साथ नीतू रोहरा उर्फ नसरीन भी पुलिस की गिरफ्त में है। ATS ने बताया कि पूरा नेटवर्क भारत में फैला है। इस गैंग के 14 अन्य सदस्य फरार हैं, जिनकी तलाश में टीमें जुटी हुई हैं।
फिलहाल छांगुर पीर की अवैध ठिकानों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है और उसके खिलाफ ATS, पुलिस और ED समेत कई एजेंसियाँ जाँच कर रही हैं।
छांगुर पीर का मामला केवल धर्मांतरण का नहीं, बल्कि एक व्यवस्थित आपराधिक गैंग का है। विदेशी फंडिंग और ‘शिजर-ए-तैयबा’ जैसी सामग्री का उपयोग करते हुए, यह रैकेट ‘लव जिहाद’ और लालच के माध्यम से कमजोर वर्गों (खासकर हिंदुओं) को निशाना बना रहा था। एटीएस और ईडी की लगातार कार्रवाई इस गहरी साजिश की परतों को खोल रही है।