दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को ईंधन देना बंद कर दिया गया है। दिल्ली के 400+ पेट्रोल पम्प पर इन गाड़ियों की पहचान के लिए विशेष कैमरे तैनात किए गए हैं। यहाँ टीमें भी लगाई गई हैं जो इन गाड़ियों को पहचान कर सीज भी कर रहीं हैं। यह पूरी कवायद दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने की पहल के चलते है। इस अभियान के तहत कई लाख गाड़ियाँ प्रभावित होने वाली हैं।
दिल्ली-NCR में कितने साल पुरानी गाड़ियाँ नहीं चलेंगी?
दिल्ली-NCR में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियाँ नहीं चलेंगी। इनको सड़क पर चलने पर सीज किया जाएगा और जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके साथ ही इन्हें स्क्रैप करने के लिए भी भेज दिया जाएगा। यह नियम छोटी गाड़ियों, ट्रकों, बसों और यहाँ तक कि बाइक पर भी लागू होगा।
क्यों दिल्ली-NCR में लगा पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबन्ध?
दिल्ली-NCR में पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबन्ध लगाने का यह निर्णय घटती वायु की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए लिया गया था। दिल्ली की हवा की गुणवत्ता बीते कुछ वर्षों में काफी खराब स्तर पर पहुँच चुकी है। 2014-15 तक इस गुणवता में ठण्ड के दिनों में भारी गिरावट आई थी।
हवा की गुणवत्ता में यह कमी प्रदूषण के चलते थी। रिपोर्ट्स बताती हैं कि गाड़ियों से निकलने वाला धुआँ इस प्रदूषण में 50% से अधिक का हिस्सा रखता है। सबसे ज्यादा प्रदूषण वह वाहन करते हैं जो पुराने हो चुके होते हैं और उनका रखरखाव ढंग से नहीं होता।
इसके अलावा डीजल गाड़ियाँ अधिक प्रदूषण करती हैं क्योंकि उनमें पेट्रोल से अलग तकनीक उपयोग होती है। ऐसे में NGT इन गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था। इसके अलावा पहले ही रजिस्टर की जा चुकी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने का निर्णय भी लिया गया था।
NGT ने कब लगाया पुरानी गाड़ियों पर बैन?
दिल्ली-NCR में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर चल रहा यह अभियान कोई नया फैसला नहीं है। असल में यह 2014 और 2015 में राष्ट्रीय हरित प्राधिकारण (NGT) द्वारा दिए गए एक फैसले के लागू किए जाने का असर ही है।
असल में नवम्बर, 2014 में NGT ने एक फैसले में कहा था कि दिल्ली-NCR के भीतर 10 वर्ष से पुरानी डीजल गाड़ियाँ और 15 वर्ष से पुरानी पेट्रोल गाड़ियाँ नहीं चलेंगी। NGT ने यह भी आगे आदेश दिया था कि इन गाड़ियों को दिल्ली और NCR के आसपास जिलों में पंजीकृत नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने पुरानी गाड़ियों को लेकर क्या क्या था?
NGT के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई थी। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने भी NGT के इस फैसले पर यह मुहर लगा दी थी कि दिल्ली-NCR के भीतर 10 वर्ष पुरानी डीजल और 15 वर्ष पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। तब से दिल्ली में लगातार इन पुरानी गाड़ियों पर एक्शन चल रहा है।
NGT के इस आदेश के बाद वर्ष 2022 में दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया था कि वह अब 10 साल पुरानी सभी डीजल गाड़ियों और 15 साल को डी रजिस्टर करने का निर्णय लिया था। दिल्ली सरकार ने कहा था कि अगर यह गाड़ियाँ सड़कों पर पाई जाएँगी तो इन्हें जब्त कर लिया जाएगा।
दिल्ली-NCR में अब पुरानी गाड़ियों पर क्या एक्शन हो रहा?
दिल्ली में अब 400 से अधिक पेट्रोल पम्पों पर ऐसी गाड़ियों को ईंधन नहीं दिया जाएगा। यह कार्रवाई 459 पेट्रोल पम्प पर की जा रही है। इनमें से 350 पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी की तैनाती की गई है। इसके अलावा 100 पेट्रोल पम्प पर पुलिस कर्मी तैनात हैं। इसके अलावा 59 पर दिल्ली परिवहन विभाग की टीमें तैनात की गई हैं।
इन पेट्रोल पम्प पर पुरानी गाड़ियों की पहचान के लिए विशेष कैमरे लगाए गए हैं। यह कैमरे गाड़ी का नम्बर देख कर उसका वाहन पोर्टल के डाटा से मिलान करेगा। इस डाटा के अनुसार, यदि कोई 15 वर्ष पुरानी पेट्रोल या 10 वर्ष पुरानी डीजल गाड़ी होगी तो यह पेट्रोल पम्प के कर्मचारी को अलर्ट कर देगा।
ऐसी गाड़ियों को इसके बाद ईंधन नहीं दिया जाएगा। इसके इन पर ₹10 हजार तक का जुर्माना और जब्ती की कार्रवाई भी हो सकती है। दिल्ली के पट्रोल पम्प पर यह एक्शन चालू भी हो गया है। कई पेट्रोल पम्प पर गाड़ियाँ और बाइक भी सीज की गई हैं।
पुरानी गाड़ियों का अब क्या होगा?
सवाल उठता है कि दिल्ली-NCR में रहने वाले जिन लोगों के पास पुरानी गाड़ियाँ हैं वह अब क्या करेंगे और उनकी गाड़ियों का क्या होगा। दरअसल, इन गाड़ियों के मालिकों के लिए दो विकल्प मौजूद हैं। या तो वह अपनी गाड़ी स्क्रैप कर दें यानी कबाड़ी को बेच दें या फिर उन्हें ऐसे राज्यों में बेचें जहाँ पर इन्हें चलने की अनुमति अभी दी गई है।
स्क्रैप में पुरानी गाड़ियों को लेकर क्या नीति?
दिल्ली सरकार ने 2024 में पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने को लेकर एक नीति भी बनाई थी। इसके तहत पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने पर उनके मालिकों को नई गाड़ी के पंजीकरण पर छूट का ऐलान किया गया था। इसके तहत उन्हें प्रमाण पत्र दिखाने पर 10%-20% तक की छूट देने का प्रावधान है।
दूसरे राज्यों में बेचने को लेकर क्या नियम?
दिल्ली-NCR में अब जिन गाड़ियों को चलने देने की अनुमति नहीं है, उन्हें दूसरे राज्यों में बेचा सकता है। हालाँकि, इस मामले में भी उस राज्य के नियमों का पालन करना होगा। दिल्ली- NCR की सड़कों से हटाई जाने वाली गाड़ियाँ दूसरे राज्यों के उन जिलों में बेचीं जा सकती है जहाँ इन्हें रजिस्टर करने की अनुमति है। उत्तर प्रदेश के NCR एवं कुछ जिलों को छोड़ कर यह किया जा सकता है। इसके अलावा बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में इनकी बिक्री हो सकती है।
दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने पुरानी गाड़ियों पर एक्शन को लेकर क्या कहा?
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस मामले में बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली में कोर्ट और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार इस बात के लिए कह रहे हैं कि कि पुरानी गाड़ियों को सड़क से हटाया जाए।
#WATCH | Delhi Chief Minister Rekha Gupta says, "In the light of pollution in Delhi, the Supreme Court and pollution control bodies, including CAQM, have consistently stated that End-of-Life Vehicles (ELVs) should be phased out. Such vehicles should not be provided with petrol.… pic.twitter.com/UuFWXPGHVd
— ANI (@ANI) June 30, 2025
उन्होंने कहा कि सरकार इस फैसले को प्रभावी ढंग से लागू करने पर प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी कहा है कि पेट्रोल पम्प पर कैमरा लगाने की योजना को लेकर भी काम चल रहा है।