कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने एक बार फिर बुधवार (5 नवंबर 2025) को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ‘वोट चोरी’ का ‘हाईड्रोजन बम’ फोड़ने का फर्जी दावा किया है। बिहार चुनाव से पहले राहुल गाँधी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 का हवाला देते हुए चुनाव आयोग और बीजेपी पर 25 लाख वोटों की चोरी का गंभीर आरोप लगाया। राहुल गाँधी ने ‘एच फाइल्स‘ के नाम से प्रेजेंटेशन देकर दावा किया कि हर आठ में से एक वोटर फर्जी था, जिसकी वजह से कॉन्ग्रेस हारी।

हालाँकि, जब इन आरोपों की पड़ताल की गई और चुनाव आयोग ने तथ्य सामने रखे, तो राहुल गाँधी के दावे एक बार फिर कमजोर और आधारहीन साबित हुए। अब आपको फैक्ट चेक के आधार पर बताते है कि राहुल गाँधी ने क्या आरोप लगाए और उसके जवाब में क्या सच सामने आया।

आरोप नंबर 1: ‘ब्राजीलियन मॉडल’ ने 22 बार डाला वोट

राहुल गाँधी का आरोप: राहुल गाँधी ने आरोप लगाया कि सोनीपत के राई विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में ब्राज़ील की एक मॉडल का फोटो लगा हुआ था। राहुल गाँधी ने बताया कि इस मॉडल ने अलग-अलग नाम (जैसे स्वीटी या सीमा) से 10 बूथों पर 22 बार वोट डाले। राहुल गाँधी के अनुसार, यह ‘वोट चोरी’ की बड़ी साजिश थी।

फैक्ट चेक का सच: पड़ताल के लिए जब राई क्षेत्र के 8 गाँवों (मच्छरौला, मुरथल, बारोटा आदि) में जाँच की गई, तो सामने आया कि वोट किसी मॉडल ने नहीं डाले, बल्कि असली मतदाताओं ने ही डाले थे। 22 में से 13 महिला मतदाताओं ने पुष्टि की कि उन्होंने विधानसभा चुनाव में अपना वोट खुद डाला था।

मतदाताओं (जैसे मच्छरौला की पिंकी और मुनेश) ने बताया कि वोटर लिस्ट में भले ही उनकी जगह किसी और का फोटो लगा था, लेकिन उनका नाम, पति का नाम और पता बिल्कुल सही था। वोट डालते समय उन्होंने अपना पहचान पत्र (जैसे वोटर आई कार्ड) दिखाया, जिसके बाद चुनाव अधिकारियों ने उन्हें वोट देने दिया।

‘ब्राजीलियन मॉडल’ ने क्या कहा: राहुल गाँधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा की वोटर लिस्ट में अपनी तस्वीर दिखने के बाद, ब्राजील की डिजिटल इन्फ्लुएंसर और हेयरड्रेसर ने सोशल मीडिया पर इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने वीडियो जारी कर साफ किया, “मेरी तस्वीर का इस्तेमाल… मुझे नहीं पता कि यह चुनाव है या कुछ और, जहाँ वोटिंग जरूरी है। और… भारत में… सच में?? ये लोग मुझे एक भारतीय महिला के रूप में दिखा रहे हैं ताकि दूसरों को धोखा दिया जा सके, दोस्तों। यह मैं नहीं हूँ, मैं कभी भारत गई भी नहीं हूँ, मैं एक ब्राजीलियन डिजिटल इन्फ्लुएंसर और हेयरड्रेसर हूँ, और मैं भारतीय लोगों से बहुत प्यार करती हूँ।”

आरोप नंबर 2: ‘एक ही घर’ में 501 और 66 वोटर

राहुल गाँधी का आरोप: राहुल गाँधी ने दावा किया कि हरियाणा में एक घर में 501 वोटर और दूसरे घर (मकान नंबर 150) पर 66 वोटर दर्ज थे, और ये घर सिर्फ ‘कागजों पर’ थे।

फैक्ट चेक का सच: होडल विधानसभा क्षेत्र के गुदराना गाँव में मकान नंबर 150 की जाँच में पता चला कि यह कोई छोटा मकान नहीं, बल्कि करीब 1 एकड़ में फैला एक बड़ा पुश्तैनी भूखंड है। यहाँ रहने वाले जिला परिषद के वाइस चेयरमैन उमेश ने बताया कि उनके परिवार में करीब 200 सदस्य और 150 वोटर हैं, क्योंकि उनके दादाजी के चार भाई और पिताजी के 9 भाई थे। पूरा परिवार एक ही नंबर पर रजिस्टर्ड होने के कारण वोटों की संख्या ज्यादा दिखती है। मकान नंबर 265 पर 501 वोटर होने का दावा जाँच में मिला ही नहीं, जिससे यह तथ्य पूरी तरह से झूठा साबित हुआ।

आरोप नंबर 3: ’25 लाख वोट चोरी’

राहुल गाँधी का आरोप: राहुल गाँधी ने दावा किया कि 5 लाख से ज्यादा डुप्लीकेट वोटर और 19 लाख बल्क वोटर्स थे, जिससे कुल 25 लाख वोटों की चोरी हुई। राहुल गाँधी ने चुनाव आयोग (EC) पर मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के बयान को लेकर भी ‘खुलेआम झूठ बोलने’ का आरोप लगाया।

फैक्ट चेक का सच: चुनाव आयोग ने राहुल गाँधी के आरोपों को आधारहीन बताते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस ने मतदाता सूची के रिवीजन (SSR) के दौरान डुप्लीकेट मतदाताओं को हटाने के लिए कोई शिकायत या आपत्ति दर्ज नहीं कराई थी। EC ने कहा कि अगर आरोप सही हैं, तो कॉन्ग्रेस निर्धारित नियमों के अनुसार हर एक आरोप के संबंध में शपथ पत्र दे, जिसके बाद आयोग हर शिकायत पर कार्रवाई करेगा।

EC ने यह भी बताया कि हरियाणा चुनाव से पहले 4,16,408 दावों और आपत्तियों पर सुनवाई हुई थी, लेकिन चुनाव के बाद किसी भी उम्मीदवार द्वारा मतदान या मतगणना पर कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी इसे ‘नाकामी छुपाने का बहाना’ बताया, क्योंकि कॉन्ग्रेस को महाराष्ट्र और हरियाणा में हार मिली।

आरोप नंबर 4: CCTV फुटेज डिलीट और डुप्लीकेट वोटिंग

राहुल गाँधी का आरोप: राहुल गाँधी ने दावा किया कि चुनाव आयोग ने CCTV फुटेज डिलीट कर दिए, ताकि एक ही महिला द्वारा 223 बार वोट डालने जैसे मामले सामने न आ सकें।

फैक्ट चेक का सच: राहुल गाँधी ने अपने आरोपों के समर्थन में कोई पुख्ता सबूत (जैसे डिलीटेड फुटेज का साक्ष्य) पेश नहीं किया, जबकि चुनाव आयोग नियमों से बँधा होता है और हर चरण की निगरानी होती है। चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि वह बिना शपथ पत्र और निर्धारित शिकायत के स्वतः संज्ञान नहीं ले सकता, क्योंकि इससे आधारहीन आरोपों की जिम्मेदारी तय नहीं हो पाती।

आरोप नंबर 5: नायब सिंह सैनी की प्रेस कॉन्फ्रेंस

राहुल गाँधी का आरोप: राहुल गाँधी ने CM सैनी की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का क्लिप दिखाया। इस क्लिप में सीएम सैनी यह कहते दिख रहे हैं कि ‘बीजेपी अकेले सरकार बनाएगी… हमारे पास सारी व्यवस्थाएँ हैं।’ राहुल गाँधी ने सीएम सैनी के ‘मुस्कुराते चेहरे’ और ‘व्यवस्था’ शब्द पर सवाल उठाया। राहुल का दावा था कि सीएम सैनी का इतना आश्वस्त दिखना और ‘व्यवस्था’ शब्द का उपयोग करना यह साबित करता है कि बीजेपी ने वोट चोरी की कोई ‘सेंट्रलाइज्ड साजिश’ रची थी, क्योंकि एग्जिट पोल कॉन्ग्रेस के पक्ष में थे।

फैक्ट चेक का सच: पूरे संदर्भ में जाँच करने पर पता चला कि सीएम सैनी का बयान ‘वोट चोरी’ या चुनावी धांधली से बिल्कुल संबंधित नहीं था। सीएम सैनी से असल में एक रिपोर्टर ने पूछा था कि क्या बीजेपी सरकार बनाने के लिए किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन (गठबंधन की संभावना) करेगी। इसके जवाब में सीएम सैनी ने आत्मविश्वास से कहा था, “हमें किसी भी तरह के गठबंधन की जरूरत नहीं पड़ेगी। मैंने शुरू से ही कहा है कि भाजपा अकेले सरकार बनाएगी। हमारे पास सारे इंतजाम हैं…।”

आरोप नंबर 6: मकान नंबर ‘शून्य’ (0) का मतलब फर्जी वोटर

राहुल गाँधी का आरोप: राहुल गाँधी ने दादरी शहर की मतदाता सूची में नरेंद्र नामक एक युवक का उदाहरण दिया, जिसके पास खुद का मकान होने के बावजूद उसका मकान नंबर ‘शून्य’ (0) दिखाया गया था। राहुल गाँधी ने दावा किया कि चुनाव आयोग (CEC) मकान नंबर ‘0’ उन लोगों का दिखाता है, जिनके पास घर नहीं होता (जैसे फुटपाथ या पुल के नीचे सोने वाले), और ऐसा करना मतदाता की जाँच को मुश्किल बनाने का एक तरीका है।

फैक्ट चेक का सच: जमीनी जाँच में पता चला कि यह आरोप भी आधारहीन है और स्थानीय प्रशासनिक समस्या को गलत ढंग से पेश किया गया है। जिस नरेंद्र का जिक्र किया गया, वह अपने परिवार के साथ 30 वर्षों से दादरी में खुद के मकान में रह रहा है।

जाँच में यह सामने आया कि उस वार्ड में नगर परिषद की ओर से कोई मकान नंबर आवंटित यानि अलोट ही नहीं किया गया है। इसी कारण नरेंद्र के ही नहीं, बल्कि उनके माता-पिता और पत्नी के वोटर कार्ड और यहाँ तक कि आधार कार्ड में भी मकान संख्या ‘शून्य’ दर्ज है।

आरोप नंबर 7: वोटर लिस्ट ‘आखिरी मिनट’ मिली

राहुल गाँधी का आरोप: राहुल गाँधी से जब पूछा गया कि आने वाले चुनावों में ‘वोट चोरी’ रोकने के लिए उनकी क्या तैयारी है, तो राहुल गाँधी बोले, “सबसे पहले आपको यह समझना है कि वोटर लिस्ट बहुत मुश्किल से मिलती है।” हरियाणा की वोटर लिस्ट पर राहुल गाँधी ने कहा, “ये जो हरियाणा की वोटर लिस्ट थी, लास्ट मिनट, चुनाव से एकदम पहले हमें दी जाती है, फाइनल लिस्ट।” राहुल गाँधी ने इस दावे का इस्तेमाल यह बताने के लिए किया कि उन्हें तैयारी के लिए समय ही नहीं मिला। वीडियो आप 1:08:29 से सुन सकते हैं।

फैक्ट चेक का सच: राहुल गाँधी के इस दावे पर हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने तुरंत फैक्ट शीट जारी करके सच्चाई सामने रखी। चुनाव आयोग के मुताबिक, हरियाणा चुनाव से लगभग दो महीने पहले (2 अगस्त 2024) ही सभी राजनीतिक दलों के साथ ‘ड्राफ्ट मतदाता सूची’ बाँट दी गई थी।

इसके बाद, आपत्तियों को ठीक करके फाइनल मतदाता सूची भी चुनाव से करीब 40 दिन पहले (27 अगस्त 2024) राजनीतिक दलों के साथ शेयर कर दी गई थी। चुनाव आयोग ने साफ कहा कि राहुल गाँधी का यह दावा कि उन्हें ‘आखिरी वक्त’ पर वोटर लिस्ट दी गई, पूरी तरह गलत है। इसके अलावा, एक और महत्वपूर्ण बात सामने आई। फाइनल वोटर लिस्ट जारी होने के बाद, कॉन्ग्रेस या किसी भी दल ने जिलाधिकारी (DM) के पास एक भी शिकायत या अपील दाखिल नहीं की थी।

आरोप नंबर 8: हरियाणा की महिला वोटर का वीडियो क्लिप

राहुल गाँधी का आरोप: राहुल गाँधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक महिला वोटर की वीडियो क्लिप चलाई। क्लिप का इस्तेमाल करते हुए राहुल ने यह बताने की कोशिश की कि हरियाणा में बड़े पैमाने पर धाँधली हुई है और यह महिला उनकी ‘वोट चोरी’ की थ्योरी का सबूत है।

फैक्ट चेक का सच: ऑपइंडिया ने जब उस महिला वोटर से बात की, तो पता चला कि राहुल गाँधी ने उनके वीडियो का इस्तेमाल गलत संदर्भ में किया था। महिला वोटर का नाम अंजलि त्यागी है और वह सोनीपत, हरियाणा की रहने वाली हैं। अंजलि त्यागी ने ऑपइंडिया के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में राहुल गाँधी के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने साफ कहा, “मेरे वीडियो का गलत संदर्भ में इस्तेमाल किया गया। मैं राहुल गाँधी के आरोपों से सहमत नहीं हूँ।”

दरअसल, राहुल गाँधी का यह ‘हाइड्रोजन बम’ चुनाव आयोग की वैधानिक प्रक्रियाओं की अनदेखी करते हुए, अपनी पार्टी की हार के बाद, राजनीतिक विफलता को बाहर के कारकों पर डालने की एक कोशिश मात्र साबित हुआ है।



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