बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर दनादन नेताओं पर आरोप लगा रहे हैं। सोमवार (29 सितंबर 2025) को प्रशांत किशोर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और मंत्री अशोक चौधरी पर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने जहाँ सम्राट चौधरी को हत्या में अभियुक्त बताया है तो वहीं अशोक चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। हालाँकि, उनके दावों कि हवा थोड़ी दी देर में सम्राट चौधरी ने निकाल दी है।
प्रशांत किशोर ने क्या आरोप लगाए?
प्रशांत किशोर ने केंद्र सरकार, बिहार सरकार और राज्यपाल से सम्राट चौधरी को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर उन्हें पद से बर्खास्त करने की माँग की है। प्रशांत किशोर ने दावा किया कि तारापुर में 1995 में कुशवाहा समाज के 7 लोगों की हत्या हुई थी और उसमें राकेश कुमार उर्फ सम्राट कुमार मौर्य उर्फ सम्राट चौधरी अभियुक्त हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि इस मामले में 1995 में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने नाबालिग होने की वजह से सम्राट चौधरी को जेल से निकाला गया था क्योंकि उन्होंने जो डॉक्यूमेंट दिया था उसके हिसाब से उनकी जन्मतिथि 1981 थी। प्रशांत ने दावा किया कि 2020 में चुनावी हलफनामे में सम्राट चौधरी ने अपनी उम्र 51 वर्ष बताई थी, तो 1995 में इनकी उम्र 26 साल थी। गलत सर्टिफिकेट के आधार पर इन्हें रिहा किया गया था।
प्रशांत किशोर ने कहा, “शिल्पी गौतम रेप और मर्डर केस में, साधु यादव पर आरोप लगा, CBI तक केस गया था। सम्राट चौधरी उर्फ राकेश कुमार उर्फ सम्राट कुमार मौर्य उस केस में संदिग्ध अभियुक्त के तौर पर नामजद थे या नहीं, यह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बात दें।”
उन्होंने सम्राट चौधरी पर सवाल उठाते हुए कहा, “आकर बताइए कि उस केस में अभियुक्त के तौर पर CBI ने आपकी जाँच की थी कि नहीं की थी? आपके सैंपल टेस्ट लिए गए थे कि नहीं लिए गए थे? आपकी उस घटना में क्या संलिप्तता है?”
क्या बोले सम्राट चौधरी?
सम्राट चौधरी ने प्रशांत किशोर को नौसिखिया बताता हुए आरोपों को बेबुनियाद और सनसनी फैलाने की कोशिश बताया है। उन्होंने 1995 के केस को लेकर कहा कि उस केस में मेरे परिवार के 22 लोगों को जेल में डाला गया था।
सम्राट ने कहा, “मेरे घर के अनाज में, चावल में पेशाब कर दिया गया। मानवाधिकार आयोग ने बिहार की तत्कालीन लालू सरकार पर फाइन लगाया और सरकार ने मुआवजा दिया था।” उन्होंने कहा कि कोर्ट ने उस केस में उन्हें बाइज्जत बरी किया था।
वहीं, शिल्पी-गौतम केस को लेकर उन्होंने कहा कि जिस राकेश का प्रशांत किशोर दावा कर रहे हैं, वो हाजीपुर का रहने वाला था और आइसक्रीम बेचता था। उन्होंने कहा, “अब इसको (प्रशांत किशोर) कहाँ-कहाँ से बुद्धि लोग दे रहे हैं। शिल्पी-गौतम कांड में पूरी तरह जाँच CBI ने की, हमलोगों को तो पता भी नहीं है। जिस राकेश की बात वो करते हैं, वो तो हाजीपुर का रहने वाला है। इन्हें बिहार के बारे में कुछ नहीं पता है।”
#WATCH | Patna: On the statement of Jan Suraaj founder Prashant Kishor, Bihar Deputy Chief Minister Samrat Chaudhary says, "…In 1995, we were thrown into jail. 22 members of our family were in jail. Bihar's Chief Minister Nitish Kumar walked 7 kilometres on foot to protest for… pic.twitter.com/ISOsqo4oVk
— ANI (@ANI) September 29, 2025
अशोक चौधरी पर प्रशांत के आरोप?
प्रशांत किशोर ने बिहार के मंत्री अशोक चौधरी पर टेंडर देने में 500 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। प्रशांत किशोर ने इससे पहले भी अशोक चौधरी पर 200 करोड़ रुपए की संपत्ति इकट्ठा करने का आरोप लगाया था।
प्रशांत ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “पिछले आठ महीनों में इन्होंने 20,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का कॉन्ट्रैक्ट दिया है। हर कॉन्ट्रैक्ट में 5% पैसा कमीशन के तौर पर लिया गया है।” उन्होंने इंजीनियर के घर पर जलाए गए पैसों को भी इसी भ्रष्टाचार का पैसा बताया है।
प्रशांत ने शांभवी के पति के परिवार से जुड़े ट्रस्ट पर भी आरोप लगाए हैं। प्रशांत ने दावा किया कि आचार्य किशोर कुणाल के परिवार के ट्रस्ट ‘वैभव विकास न्यास’ के नाम पर एक वर्ष में 100 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति खरीदी गई है। उन्होंने ट्रस्ट के मुख्य पदाधिकारी जियालाल आर्य, किशोर कुणाल की पत्नी अनीता कुणाल और मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की सास से इसका जवाब देने को कहा है।
उन्होंने कहा कि अनीता कुणाल के बेटे सायण कुणाल की मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी (समस्तीपुर सांसद) के साथ सगाई और शादी के बाद ये संपत्तियाँ खरीदी गई हैं।
अशोक चौधरी और शांभवी चौधरी का पलटवार
मंत्री अशोक चौधरी और शांभवी चौधरी ने प्रशांत किशोर के आरोपों पर पलटवार किया है। अशोक चौधरी ने दावा किया है कि प्रशांत किशोर राजनीति को सनसनी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अशोक चौधरी ने कहा कि अगर उनके खिलाफ कोई सबूत है तो प्रशांत किशोर कोर्ट जाएँ, वहां सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
मंत्री ने कहा, “अगर मेरे खिलाफ या फिर मेरे किसी करीबी पर कोई दस्तावेजी प्रमाण है तो वह सामने आए। इससे स्पष्ट हो जाएगा कि असली कौन है और नकली कौन? वह बताएँ कि हमने कहाँ जमीन और पैसा रखा हुआ है?”
साथ ही, उन्होंने कहा कि कमीशन का ऐसे ही आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है। ट्रस्ट को लेकर अशोक चौधरी ने कहा कि वह ट्रस्ट 1985 से काम कर रहा है और उसका उनसे कुछ लेना-देना नहीं है।
अशोक चौधरी की सांसद बेटी शांभवी चौधरी ने प्रशांत किशोर के आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया और कहा कि यह निजी प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास है। शांभवी ने कहा, “आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और चुनाव करीब आते ही इस तरह की बयानबाजी आम हो चुकी है, लेकिन इस बार मामला राजनीति से आगे बढ़कर हमारे परिवार पर निजी हमले का बन गया है।”
उन्होंने कहा कि इस पूरे विवाद में उनके ससुराल पक्ष को घसीटा जाना भी दुर्भाग्यपूर्ण है। शांभवी ने कहा कि यह परिवार की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला हमला है और ऐसे आरोपों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रशांत किशोर पर भ्रष्टाचार के आरोप
सम्राट चौधरी ने प्रशांत किशोर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। सम्राट ने कहा, “कहता है कि हमको 14 करोड़ रुपए चंदा दिया, क्यों दिया? कल तक तुम्हें मेहनताना नहीं मिला था, अब 241 करोड़ रुपए का मेहनताना मिला है। कोई सेल कंपनी जिसकी औकात 10 लाख की है वो 10 करोड़ कैसे चंदा दे सकती है।”
उन्होंने कहा, “आते के साथ ही, पाटलिपुत्र में तुम्हारे पास 32 करोड़ रुपए का जमीन कैसे आ गया। सबका हिसाब होगा, जनता सबका जवाब देगी।” News18 के मुताबिक, सम्राट चौधरी ने कहा, “तुम अपने भ्रष्टाचार का हिसाब दो, तुम 241 करोड़ रुपए कहाँ से लाए। जिसने तुम्हें पैसा दिया, क्या वह तुम्हारा बाप है? तुम कौन हो? अगर तुम अपराध करोगे, तो उसका जवाब देना ही पड़ेगा।”
प्रशांत किशोर के आरोपों के बाद बीजेपी के प्रवक्ता दानिश इकबाल ने उन्हें लीगल नोटिस भेजने की बात भी कही है। जाहिर है कि चुनाव से पहले इस तरह के आरोप लगाना आम बात है लेकिन जो प्रशांत किशोर खुद भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हैं, बिहार के लोग उन पर कितना भरोसा कर पाएँगे यह तो आने वाले चुनावों में ही साफ होगा।