उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या को एक आधुनिक ‘सोलर सिटी’ बनाने जा रही है। भगवान राम के सूर्यवंश की राजधानी रही अयोध्या अब सौर ऊर्जा के जरिए अपने गौरवशाली इतिहास को भविष्य से जोड़ेगी। सूर्यवंश का सूर्य देव से गहरा नाता रहा है और इसी प्रेरणा से योगी सरकार इस पवित्र नगरी को स्वच्छ ऊर्जा का मॉडल बनाना चाहती है। यह प्रोजेक्ट देश के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
क्या है सोलर सिटी प्रोजेक्ट?
उत्तर प्रदेश नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग (UPNEDA) इस प्रोजेक्ट को लीड कर रहा है। अयोध्या को सोलर सिटी बनाने का मतलब है कि यहाँ बिजली का बड़ा हिस्सा सौर ऊर्जा से आएगा। इस मॉडल को बाद में प्रदेश के 16 अन्य नगर निगमों और नोएडा में लागू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत अयोध्या में सौर ऊर्जा से चलने वाली कई सुविधाएँ शुरू की जाएँगी।
सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या आज सोलर सिटी के रूप में डेवलप हो रही है: #UPCM @myogiadityanath pic.twitter.com/OpAFjPPkKp
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 12, 2025
अयोध्या सोलर सिटी प्रोजेक्ट की खास बातें
सौर पैनल की स्थापना: अयोध्या के 117 सरकारी इमारतों की छतों पर 2.5 मेगावाट के सौर पैनल लगाए जाएँगे। इसमें राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में 250 किलोवाट, कृषि विश्वविद्यालय में 155 किलोवाट, जिला कोर्ट में 100 किलोवाट, राम कथा संग्रहालय में 58 किलोवाट और कई सरकारी स्कूलों में 50 किलोवाट के सौर पैनल शामिल हैं।
सौर पार्क: सरयू नदी के किनारे 40 मेगावाट का सोलर पार्क बनाया जाएगा, जो अयोध्या की 40% बिजली जरूरतों को पूरा करेगा। यह पार्क रामपुर हलवारा, मांझा क्षेत्र में बन रहा है।
सौर उर्जा से जुड़ी बुनियादी सुविधाएँ: शहर में सौर ऊर्जा से चलने वाली स्ट्रीट लाइट्स, सोलर चार्जिंग पॉइंट, पेयजल कियोस्क और सोलर ट्री लगाए जाएँगे। साथ ही, सरयू नदी में सौर ऊर्जा से चलने वाली नावें भी शुरू होंगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा: सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित कर रही है। लोगों को अपनी छतों पर सौर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी भी दी जाएगी।
कब तक पूरा होगा प्रोजेक्ट?
यह पाँच साल का प्रोजेक्ट है, जो 2023 में शुरू हुआ और 2028 तक पूरा होगा। यह उत्तर प्रदेश की सौर ऊर्जा नीति 2022 का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य 2026-27 तक 22,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करना है। इसमें 14,000 मेगावाट सौर पार्कों से और 8,000 मेगावाट छतों पर सौर पैनलों से आएँगे।
अयोध्या का यह प्रोजेक्ट न सिर्फ पर्यावरण को बचाएगा, बल्कि शहर को एक आधुनिक और स्वच्छ ऊर्जा का केंद्र भी बनाएगा। यह भगवान राम की नगरी को नई पहचान देगा और देश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को अग्रणी बनाएगा।