नेपाल में हिंसा के बाद काठमांडू एयरपोर्ट बंद कर दिया गया था। इसकी वजह से बड़ी संख्या में भारतीय फँसे हुए हैं। यहाँ करीब 7 लाख भारतीय रहते हैं। इसके अलावा घूमने-फिरने आने वाले भारतीयों की संख्या भी काफी है। सिर्फ काठमांडू एयरपोर्ट पर 400 लोगों के फँसे होने की जानकारी मिली है। इनलोगों को वापस लाने के लिए नेपाली सेना से भारत लगातार संपर्क में है। इसके अलावा लोगों को दूतावास से संपर्क करने के लिए कहा गया है।

भारत सरकार ने इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। भारतीय दूतावास वहाँ मौजूद लोगों से संपर्क कर रहा है। भारतीय नागरिक +977-9808602881 और +977-9810326134 पर कॉल कर मदद की गुहार लगा सकते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ये जानकारी दी है। नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल समेत सभी राज्यों की सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गई है। सीमा के अंदर सिर्फ भारतीयों को आने की अनुमति दी जा रही है।

भारत-नेपाल सीमा पर 3000 से ज्यादा ट्रक फँसे हुए हैं। ट्रक चालकों ने हालात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि घंटों से बॉर्डर पर फँसे हुए हैं। कई ट्रकों पर पेट्रोल-डीजल लदे हुए हैं। बॉर्डर पर ऐसे कई लोग भी फँसे हुए हैं, जो दिन में कामकाज के लिए भारत आते हैं और शाम को वापस चले जाते हैं।

भारतीय महिला ने की थी बचाने की अपील

एक भारतीय महिला ने जनरेशन-जी के विरोध प्रदर्शनों के बीच मदद और बचाव की तत्काल अपील थी। महिला का नाम उपासना गिल है, जो एक वॉलीबॉल टूर्नामेंट के लिए नेपाल गई थी। उपासना ने बताया कि उनके होटल को भीड़ ने आग लगा दी, जिससे उन्हें अपना सामान छोड़कर भागना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह बड़ी मुश्किल से उस भीड़ से बच पाईं जो बड़े-बड़े डंडे लेकर उनका पीछा कर रही थी।

नेपाल में मौजूदा संकट की शुरुआत 4 सितंबर 2025 को सोशल मीडिया पर बैन के बाद शुरू हुआ। ‘जेन जी’ युवाओं ने सड़क पर उतरकर हिंसा, आगजनी और विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन तेजी से सरकार के भ्रष्टाचार और जवाबदेही की कमी के खिलाफ व्यापक आंदोलन में बदल गया। इसके बाद राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत कई मंत्रियों ने इस्तीफा दिया।

अंतरिम सरकार के गठन के प्रयास तेज

यूट्यूब, व्हाट्सएप, फेसबुक समेत सभी सोशल मीडिया पर बैन खत्म कर दिया गया है, लेकिन युवाओं का गुस्सा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। नेपाली सेना ने पूरे हालात को संभाला है। अंतरिम सरकार बनाने के लिए ऑनलाइन वोटिंग के जरिए रायशुमारी की जा रही है। जेन जी के युवाओं ने बढ़चढ़कर इसमें हिस्सा लिया है। पूर्व जज सुशीला कार्की और पूर्व मेयर बालेन शाह का नाम सबसे ऊपर है।

भारत ने भी नेपाल की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। वहाँ मौजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर कई कदम उठाए गए हैं। विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर नागरिकों को दूतावास के संपर्क में रहने के लिए कहा है।

नेपाल में जेन जी के हिंसक प्रदर्शनों में तीन सुरक्षाकर्मियों समेत अब तक 30 लोगों के मारे जाने की खबर है। जेन जी के इस आंदोलन को करीब 3 करोड़ लोगों का समर्थन मिला। काठमांडू समेत कई जगहों पर फिलहाल शांति है। लेकिन दूर-दराज के इलाकों में छिटपुट हिंसा हो रही है।



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