अली गोनी गणपति पूजा विवाद

“मेरे मजहब में पूजा करने की इजाजत नहीं है। कुरान में भी यह लिखा है। मैं पहली बार गणपति पूजा में गया था। मुझे मुस्लिम होने के कारण टारगेट किया गया। ये लोग मेरे सामने बोले तो गर्दन काट दूँगा”

ये शब्द हैं अली गोनी के। जी हाँ, वही अली गोनी जो जैसमिन भसीन का बॉयफ्रेंड है। इनके शब्दों और बर्ताव से इस्लामी कट्टरपंथी की सोच साफतौर पर झलकती है। एक वीडियो में अली ‘गणपति बप्पा मोरया’ कहने से परहेज कर रहा है। लपेटे में आता है तो कहने लगता है कि इस्लाम उन्हें ऐसा बोलने की इजाजत नहीं देता।

वाक्या शुरू होता है मुंबई में अंकिता लोखंडे और उनके पति विक्की के घर में गणपति पूजा में शामिल होने से। इसी कार्यक्रम का एक वीडियो सामने आता है, जहाँ अली गोनी की हिंदू गर्लफ्रेंड जैसमिन भसीन ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारे लगाती हैं। वहीं पास में अली गोनी खामोश खड़ा रहता है, चेहरे के भाव में न सम्मान की झलक और न श्रद्धा का भाव।

अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाता है और अली गोनी की चुप्पी पर आपत्ति जताई जाती है तो वह ‘पीड़ित’ बनकर सामने आता है। FilmyGyan के साथ पॉडकास्ट में सफाई देने लगता है,”मैंने इसीलिए नहीं बोला कि कहीं मुँह से कुछ गलत न निकल जाए। ‘लाल झंडे’ वाले सोशल मीडिया पेज मुझे FIR और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।”

तो सुनिए अली गोनी, ‘लाल झंडे’ वाले कहना आपको मंजूर है लेकिन इतना भी क्या परहेज कि आप हिंदू धर्म का नाम तक नहीं ले पा रहे हैं। एक तरफ वह पॉडकास्ट में खुद को सेक्युलर बताने लगता है- “मेरे दिल में हर धर्म के लिए प्यार है।” दूसरी तरफ इस्लाम की दीन देने लगता है- “इस्लाम मजहब में पूजा करने की इजाजत नहीं है।”

यहाँ तक की इस्लामी कट्टरपंथी की सोच दिखाते हुए वह ट्रोलर्स को जान से मारने की धमकी तक दे देता है। अली गोनी कहता है- “मेरे सामने कोई मुझे गाली देकर देखे मैं उसका गला काट दूँगा और पैर काटकर हाथ में दे दूँगा।” यह वही मानसिक सोच है जो एक सामान्य इस्लामी कट्टरपंथ की होती है।

अली गोनी को सिख गर्लफ्रेंड का अबाया पहनना मंजूर

इस पूरे प्रकरण के बीच अली गोनी की गर्लफ्रेंड जैसमिन भसीन का एक पुराना वीडियो वायरल होने लगता है। वीडियो में जैसमिन अबु धाबी के शेख जायद मस्जिद में ‘अबाया’ पहने देखी जा सकती हैं। अली गोनी कहता है कि इस वीडियो के बाद उन्हें ‘लव जिहादी’ और ‘आतंकवादी’ बताया गया।

पॉडकास्ट में इस वीडियो पर भी अली गोनी सफाई देते हुए कहता है- “जैसमिन अबु धाबी टूरिज्म प्रमोट करने गई थी और वहाँ नियम है कि आप मस्जिद में अबाया पहने बिना अंदर नहीं जा सकते हैं।”

‘सेक्युलर’ अली गोनी का दोगलापन

इसमें असली सवाल यह है कि जब उनकी हिंदू गर्लफ्रेंड जैसमिन भसीन मस्जिद में अबाया पहनकर जा सकती हैं तो अली गोनी को गणपति बप्पा बोलने से परहेज क्यों है? क्या उनका सेक्युलरिज्म सिर्फ इतना है कि वह अपने मजहब का प्रचार करता रहे लेकिन हिंदू परंपराओं का सम्मान करने से कतराए?

यहाँ अली गोनी का दोगलापन साफ नजर आता है। सेक्युलर अली गोनी के लिए मस्जिद के नियम जरूरी हैं लेकिन गणपति पूजा में जयकारे लगाने पर वह चेहरे के भाव बिगाड़ लेता है और च्विंगम चबाने लग जाता है। वाह अली साहब यही है आपका सेक्युलरिज्म!

अली गोनी का मजहब इस्लाम है और उनकी गर्लफ्रेंड जैसमिन भसीन सिख हैं। लेकिन जब दोनों गणपति पूजा में जाता है तो सिख जैसमिन को गणपति के जयकारे लगाने में कोई समस्या नहीं होती है। पर अली गोनी खामोश हो जाता है। यही इस्लामी कट्टरपंथी का दोगलापन है, अली गोनी भी इसी का प्रतीक हैं। वह खुद दूसरे धर्म को नहीं मानेंगे लेकिन अपनी गर्लफ्रेंड को मस्जिद जाने पर मजबूर करेंगे।

इसी अली गोनी पर जब लव जिहादी के आरोप लगाए जाते हैं तो वे सोशल मीडिया ट्रोलर्स को जान से मारने की धमकी तक देने लगता है। क्या यह इस्लामी कट्टरपंथ नहीं है? यह वही विचारधारा है जो एक आम इस्लामी कट्टरपंथ अपनाता है और अपनी गर्लफ्रेंड को इस्लाम में ढालना भी वही पैटर्न है जो लव जिहाद मामलों में इस्तेमाल किया जाता है।

अली गोनी जिस सेक्युलरिज्म के तले सफाई देने में लगे है उसका अर्थ है सभी धर्मों का सम्मान करना लेकिन यहाँ अली गोनी की इस्लामी कट्टरपंथी सोच बताती है कि उनके लिए यह सिर्फ दिखावा है। सच तो यह है कि वो हिंदू भावनाओं को ठेस पहुँचाकर खुद को ‘पीड़ित’ साबित करना चाहता है। भारत के लोग अब समझ चुके हैं कि ‘सेक्युलर’ का नकाब पहनकर हिंदू त्योहारों का अपमान करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।



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