अमेरिका के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक नए रिसर्च से पता चला है कि पाकिस्तान तेजी से अपने परमाणु हथियारों के भंडार को बढ़ा रहा है। ‘बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स’ की रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान के पास फिलहाल 170 परमाणु बम हैं और 2030 तक यह संख्या 200 तक पहुँच सकती है।

इस रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पाकिस्तान ने यह फैसला भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से मिली करारी हार के बाद लिया है। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि पाकिस्तान को यह समझ आ गया है कि पारंपरिक युद्ध में वह भारत का मुकाबला नहीं कर सकता, इसीलिए वह अपनी परमाणु ताकत बढ़ा रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर की कहानी: क्यों घबराया पाकिस्तान?

मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए एक संघर्ष के दौरान, भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया। इस ऑपरेशन में भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस तबाह किए और उन्हें भारी नुकसान पहुँचाया। हमले इतने सटीक थे कि पाकिस्तान की वायुसेना अपने F-16 और मिराज जैसे लड़ाकू विमानों को भी नहीं बचा पाई।

रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान एयरफोर्स और मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज को अपने तबाह हुए सैन्य ठिकानों की मरम्मत के लिए सरकारी ठेके जारी करने पड़े। इस संघर्ष के दौरान, किराना हिल्स पर भी एक धमाका हुआ था। यह जगह पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी हुई है। हालाँकि, भारत ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली और पाकिस्तान ने भी इस बात को दबाने की कोशिश की। इससे यह साफ हो गया कि दोनों देश किसी भी तरह से परमाणु ठिकानों पर हमले की बात नहीं करना चाहते थे।

भारत से मिली हार का नतीजा: परमाणु हथियारों की दौड़

ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को यह साबित करा दिया कि पारंपरिक युद्ध में वह भारत के सामने कमजोर है। भारत की सैन्य क्षमता इतनी मजबूत है कि वह पाकिस्तान के आतंकी और महत्वपूर्ण ठिकानों को भी आसानी से निशाना बना सकती है। इसी डर से पाकिस्तान ने अब अपने परमाणु कार्यक्रम को और तेज कर दिया है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान के पास फिलहाल 170 परमाणु वॉरहेड हैं और वह 2030 तक इसे 200 तक पहुँचाने की कोशिश कर रहा है। इसके साथ ही, पाकिस्तान अपनी मिसाइलों को भी आधुनिक बना रहा है। वह छोटी, मध्यम और बैलिस्टिक मिसाइलों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर चुका है। इसके पास ‘अब्दुल्ला’, ‘बाबर’, ‘शाहीन’ और ‘हत्फ-IX’ जैसी मिसाइलें हैं, जो अलग-अलग दूरी तक हमला कर सकती हैं।

पाकिस्तान की ‘फुल स्पेक्ट्रम डेटरेंस’ नीति

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने अपनी एक नई परमाणु नीति अपनाई है, जिसे वह ‘फुल स्पेक्ट्रम डेटरेंस‘ कहता है। इस नीति का उद्देश्य भारत को हर स्तर पर, चाहे वह रणनीतिक, ऑपरेशनल या टैक्टिकल हो रोकने का है। पाकिस्तान का मानना है कि इस नीति से वह भारत के किसी भी हमले का जवाब दे सकता है, यहाँ तक कि छोटे हमलों का भी। इसका मतलब है कि पाकिस्तान ने ‘पहले हमला नहीं करने’ की नीति को भी छोड़ दिया है।

कुल मिलाकर, इस रिपोर्ट से यह साफ होता है कि भारत की सैन्य ताकत ने पाकिस्तान को इतना डरा दिया है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए अब पूरी तरह से परमाणु हथियारों पर निर्भर हो रहा है।

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