अमेरिका में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। शुक्रवार (22 अगस्त 2025) को एफबीआई (FBI) की टीम ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के घर पर छापा मारा। यह छापा ऐसे समय में पड़ा है जब बोल्टन लगातार ट्रंप की नीतियों की आलोचना करते आ रहे हैं और ट्रैरिफ को लेकर भारत के पक्ष में बोल रहे है। FBI प्रमुख काश पटेल के आदेश पर यह कार्रवाई की गई, जिन्होंने छापे के तुरंत बाद ‘X’ पर एक पोस्ट में लिखा, “कोई भी कानून से ऊपर नहीं है…”
NO ONE is above the law… @FBI agents on mission
— FBI Director Kash Patel (@FBIDirectorKash) August 22, 2025
क्या है पूरा मामला?
यह कार्रवाई सिक्ररेट डॉक्यूमेंट्स की एक पुरानी जाँच से जुड़ी है। बाइडेन प्रशासन ने इस जाँच को बंद कर दिया था, लेकिन अब इसे फिर से शुरू किया गया है। ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए बोल्टन ने अपनी किताब ‘द रूम वेयर इट हैपन्ड’ में कई सिक्ररेट बातें उजागर करने का आरोप लगाया था।
ट्रंप ने यह कहते हुए किताब छपने से रोकने की कोशिश भी की थी कि बोल्टन ने गोपनीयता समझौते का उल्लंघन किया है। हालाँकि, बाइडेन प्रशासन ने उस समय इस मामले को बंद कर दिया था।
वहीं, FBI के मौजूदा चीफ काश पटेल ने इस मामले को फिर से खोला है। उन्होंने छापे से एक दिन पहले पूर्व एफबीआई डायरेक्टर जेम्स कोमी पर भी गोपनीय जानकारियाँ लीक करने का आरोप लगाया था।
बोल्टन और ट्रंप के बीच मतभेद
जॉन बोल्टन लगातार ट्रंप की विदेश और राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों की आलोचना कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर शुल्क लगाने के ट्रंप के फैसले को गलत बताया।
When Trump slapped tariffs on India for buying Russian oil, but not China which also purchases Russia oil, it may have pushed India further into the Beijing-Moscow axis. This lack of focus by the Trump Admin is an unforced error. pic.twitter.com/7lXNpyMg79
— John Bolton (@AmbJohnBolton) August 14, 2025
बोल्टन ने कहा कि रूस से तेल खरीदने के लिए केवल भारत पर शुल्क लगाना एक ‘गलती‘ है। उन्होंने कहा कि चीन भी रूस से तेल खरीदता है, लेकिन उस पर कोई शुल्क नहीं लगाया गया। बोल्टन के अनुसार, ट्रंप के इस कदम से अमेरिका ने भारत को छोड़ दिया है और इससे भारत रूस और चीन के करीब जा सकता है।
बोल्टन का मानना है कि ट्रंप की नीतियों में ‘रणनीतिक सोच की कमी’ है, जिससे भारत रूस के करीब जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के रूस पर लगे प्रतिबंधों से भारत को रूसी तेल खरीदने से कानूनी तौर पर कोई रोक नहीं है।
India has reacted very strongly against Trump’s decision to impose tariffs for purchasing Russian oil and gas, potentially driving India closer to Russia, contrary to US national interests. This unforced US error shows the Administration’s lack of strategic thinking and…
— John Bolton (@AmbJohnBolton) August 15, 2025
यह छापा ऐसे समय में पड़ा है जब भारत रूस और चीन के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को भारत आने का न्योता दिया है। इसके अलावा, वह चीन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भी शामिल होने वाले हैं।