भारत 15 अगस्त 2025 को अपना 79वां स्वतंत्रता मनाएगा। स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बधाई देते हुए इसे गर्व का क्षण बताया है। साथ ही, राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ को याद करते हुए विभाजन के दौरान हुई हिंसा का शिकार लोगों को श्रद्धांजलि भी दी है।

भारत लोकतंत्र की जननी है: राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, “स्वाधीनता प्राप्त करने के बाद हम एक ऐसे लोकतंत्र के मार्ग पर आगे बढ़े जिसमें सभी वयस्कों को मतदान का अधिकार था। लोकतंत्र को अपनाना हमारे प्राचीन लोकतांत्रिक मूल्यों की सहज अभिव्यक्ति थी। भारत-भूमि, विश्व के प्राचीनतम गणराज्यों की धरती रही है। इसे लोकतंत्र की जननी कहना उचित है। संविधान की आधारशिला पर, हमारे लोकतंत्र का भवन निर्मित हुआ है। हमारे लिए हमारा संविधान और हमारा लोकतंत्र सर्वोपरि हैं।”

उन्होंने कहा, “78 वर्षों में हमने सभी क्षेत्रों में असाधारण प्रगति की है। भारत ने आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने के मार्ग पर काफी दूरी तय कर ली है और प्रबल आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ता जा रहा है।”

देश में अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत: राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “पिछले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की सकल-घरेलू-उत्पाद-वृद्धि-दर के साथ भारत, दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में व्याप्त समस्याओं के बावजूद, घरेलू मांग में तेजी से वृद्धि हो रही है। मुद्रास्फीति पर नियंत्रण बना हुआ है। निर्यात बढ़ रहा है। सभी प्रमुख संकेतक, अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति को दर्शा रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “सुशासन के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। सरकार, गरीबों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। आय की असमानता कम हो रही है। क्षेत्रीय असमानताएं भी कम हो रही हैं।”

कश्मीर में रेल संपर्क पर क्या बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू?

राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कश्मीर घाटी के रेल संपर्क पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा, “हमने भारतमाला परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का विस्तार और सुदृढ़ीकरण किया है। रेलवे ने भी नवाचार को प्रोत्साहन दिया है तथा नवीनतम टेक्नोलॉजी से युक्त नए तरह की रेलगाड़ियों और डिब्बों का उपयोग किया जाने लगा है।”

उन्होंने आगे कहा, “कश्मीर घाटी में रेल-संपर्क की शुरुआत करना एक प्रमुख उपलब्धि है। शेष भारत के साथ घाटी का रेल-संपर्क उस क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा और नई आर्थिक संभावनाओं के द्वार खोलेगा। कश्मीर में इंजीनियरिंग की यह असाधारण उपलब्धि एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।”

मेट्रो, जल जीवन मिशन और आयुष्मान भारत का राष्ट्रपति मुर्मू ने किया जिक्र

राष्ट्रपति मुर्मू ने देश को संबोधित करते हुए मेट्रो रेल सुविधाओं के विस्तार से लेकर 4G कनेक्टिविटी पर बात की है। उन्होंने कहा, “सरकार ने मेट्रो रेल सुविधाओं का विस्तार किया है। पिछले एक दशक के दौरान, मेट्रो रेल-सेवा की सुविधा से युक्त शहरों की संख्या कई गुना बढ़ गई है।”

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “‘जल जीवन मिशन’ के तहत ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचाने में प्रगति हो रही है। विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य-सेवा योजना ‘आयुष्मान भारत’ के तहत 55 करोड़ से अधिक लोगों को सुरक्षा-कवच प्रदान किया जा चुका है। लगभग सभी गांवों में 4G मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध है।”

उन्होंने कहा, “दुनिया में होने वाले कुल डिजिटल लेनदेन में से आधे से अधिक लेनदेन भारत में होते हैं। ऐसे बदलावों से एक गतिमान डिजिटल अर्थव्यवस्था का निर्माण किया गया है।”

भारत को 2047 तक Global-AI-Hub बनाने का लक्ष्य

राष्ट्रपति मुर्मू ने बताया कि भारत को 2047 तक Global-AI-Hub बनाने के प्रयासों के साथ सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा, “सरकार ने देश की AI क्षमताओं को मजबूत करने के लिए India-AI मिशन शुरू किया है। इस मिशन के तहत ऐसे मॉडल विकसित किए जाएंगे जो भारत की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करेंगे। हमारी आकांक्षा है कि वर्ष 2047 तक भारत, एक Global-AI-Hub बन जाए।”

युवा, महिला और हाशिए पर रहे समुदाय भारत को आगे बढ़ाएँगे: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर अग्रसर है। समाज के तीन ऐसे वर्ग हैं जो हमें प्रगति के इस मार्ग पर आगे बढ़ाएंगे वे ‘युवा, महिलाएं और वे समुदाय जो लंबे समय से हाशिये पर रहे’ हैं।”

उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से दूरगामी बदलाव किए गए हैं। रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। शुभांशु शुक्ला की International Space Station की यात्रा ने एक पूरी पीढ़ी को ऊंचे सपने देखने की प्रेरणा दी है।”

राष्ट्रपति ने कहा, “हमारी बेटियां हमारा गौरव हैं। वे प्रतिरक्षा और सुरक्षा सहित हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। रोजगार में भी जेंडर गैप कम हो रहा है। ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ से महिला सशक्तीकरण अब केवल एक नारा न रहकर यथार्थ बन गया है।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारे समाज का एक बड़ा हिस्सा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अन्य समुदायों के लोगों का है। इन समुदायों के लोग अब हाशिए पर होने का टैग हटा रहे हैं।”

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर क्या बोलीं राष्ट्रपति?

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “हमें आतंकवाद का दंश झेलना पड़ा। कश्मीर घूमने गए निर्दोष नागरिकों की हत्या, कायरतापूर्ण और नितांत अमानवीय थी। इसका जवाब भारत ने फौलादी संकल्प के साथ निर्णायक तरीके से दिया।”

उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने यह दिखा दिया कि जब राष्ट्र की सुरक्षा का प्रश्न सामने आता है तब हमारे सशस्त्र बल किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम सिद्ध होते हैं। रणनीतिक स्पष्टता और तकनीकी दक्षता के साथ, हमारी सेना ने सीमा पार के आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया। मेरा विश्वास है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंकवाद के विरुद्ध मानवता की लड़ाई में एक मिसाल के तौर पर इतिहास में दर्ज होगा।”

उन्होंने कहा, “विश्व-समुदाय ने भारत की इस नीति का संज्ञान लिया है कि हम आक्रमणकारी तो नहीं बनेंगे लेकिन अपने नागरिकों की रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे।”

बकौल राष्ट्रपति, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ डिफेंस के क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ की परीक्षा का भी अवसर था और भारत सही रास्ते पर हैं। भारत का स्वदेशी विनिर्माण उस निर्णायक स्तर पर पहुंच गया है जहाँ अपनी बहुत सी सुरक्षा-आवश्यकताओं को पूरा करने में भारत आत्मनिर्भर बन गया है।

राष्ट्रपति ने पर्यावरण की रक्षा का किया आग्रह

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोगों से पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रयास करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, “जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के लिए, हमें अपने आप में भी कुछ परिवर्तन करने होंगे।”

उन्होंने कहा, “हमें अपनी आदतें और अपनी विश्व-दृष्टि में बदलाव लाना होगा। हमें अपनी धरती, नदियों, पहाड़ों, पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं के साथ अपने संबंधों में भी परिवर्तन करना होगा। हम सब अपने योगदान से, एक ऐसी पृथ्वी छोड़ कर जाएं जहाँ जीवन अपने नैसर्गिक रूप में फलता-फूलता रहे।”

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