बिहार के नवादा जिले में एक बेहद गंभीर मामला सामने आया है। यहाँ जुनाब हुसैन नामक व्यक्ति ने नाबालिग हिंदू लड़कियों को झूठे प्रेमजाल में फँसाकर जबरन धर्मांतरण कराया। इनमें से एक लड़की से मस्जिद में निकाह किया और फिर देह व्यापार में धकेल दिया।
जुनाब पश्चिम बंगाल की दो बहनों को ऑर्केस्ट्रा में काम दिलाने के बहाने बिहार लाया था, लेकिन असल में वह उन्हें तस्करी कर नवादा ले आया और एक लड़की से निकाह के बाद जबरदस्ती इस्लाम कबूल कराया।
बाद में पीड़िता गर्भवती हो गई तो उसका जबरन गर्भपात करा दिया गया। पुलिस जाँच में यह भी सामने आया कि जुनाब 2,500 रुपए प्रति रात के हिसाब से इन लड़कियों को ग्राहकों को उपलब्ध कराता था।
यह कोई एकलौता मामला नहीं है। पुलिस ने खुलासा किया है कि जुनाब और उसके गिरोह ने देश के कई राज्यों से 9 से ज्यादा लड़कियों को फँसाकर तस्करी की थी। इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश बिहार पुलिस के बड़े ऑपरेशन ‘नया सवेरा’ के तहत हुआ, जो राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो के निर्देश पर शुरू किया गया था।
यह अभियान बुधवार (13 अगस्त 2025) को सुबह 10 बजे चलाया गया, जिसमें सारण जिले के मसरख और इसुआपुर इलाकों के चार ऑर्केस्ट्रा ग्रुप्स राहुल, संगीता, मुस्कान और विपिन ऑर्केस्ट्रा पर एक साथ छापेमारी की गई।
सांप्रदायिक लैंगिक अपराध
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जुनाब हुसैन नाम का यह आरोपी नाबालिग हिंदू बच्ची और उसकी बहन को प्रेमजाल में फँसा कर ट्रैफ़िकिंग कर के पश्चिम बंगाल से बिहार ले कर आया मस्जिद
में धर्म परिवर्तन करवा कर लड़की के साथ निकाह किया उसको गर्भवती
किया फिर असुरक्षित गर्भपात करवाया… pic.twitter.com/Dbnl0UtKv7
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) August 14, 2025
ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने 10 नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया, जिनमें 6 पश्चिम बंगाल, 1 ओडिशा, 1 झारखंड और 2 बिहार की थीं। काउंसलिंग के बाद उनके परिवारों को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है।
इस कार्रवाई में मुख्य आरोपित जुनाब हुसैन समेत कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया। अन्य गिरफ्तार आरोपितों में सारण जिले का नीरज यादव, तालिब खान, शुभम कुमार, अंकित कुमार, मोहम्मद बिट्टू हाशमी और चंदन कुमार तिवारी शामिल हैं।
इन सभी के खिलाफ महिला थाना में शिकायत दर्ज कराई गई है। इस छापेमारी का नेतृत्व SSP कुमार आशीष ने किया। उन्होंने बताया कि लड़कियों से जबरन डांस करवाया जाता था और उन्हें मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना दी जाती थी।
यह छापेमारी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के आदेश पर चार थानों की टीम बनाकर एक साथ की गई। फिलहाल पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में है और तस्करी, जबरन धर्मांतरण और शोषण के इस नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने की दिशा में काम कर रही है।
साथ ही आम जनता से अपील की गई है कि अगर किसी को ऐसी किसी भी गतिविधि की जानकारी हो तो तुरंत पुलिस को सूचित करें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।