यमन में मौत की सजा पा चुकी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बचाने के मलयाली मौलाना के दावे झूठे सिद्ध हुए हैं। मौलाना कंथापुरम के निमिषा प्रिया के बचाने के दावों को अब्दुल फतह मेहदी ने नकार दिया है। अब्दुल फतह मेहदी, उस तलाल मेहदी का भाई है जिसकी हत्या के आरोप में निमिषा प्रिया को मौत की सजा दी जा रही है। अब्दुल फतह मेहदी ने कहा है कि वह तलाल के परिजनों से कंथापुरम के सम्पर्क करने की कोई कोशिश कामयाब नहीं होने देगा। उसने कंथापुरम को झूठा भी करार दिया है।
निमिषा प्रिया पर क्या बोला अब्दुल?
ऑनमनोरमा की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब्दुल ने इससे सम्बन्धित दो फेसबुक पोस्ट की हैं। अब्दुल ने कहा, “यह भारतीय मौलाना का कर्तव्य था कि वह पीड़ित के खून का सम्मान करें और इस दौरान सच्चाई को ईमानदारी से रखें। हमने दाम तलाल के माता-पिता के साथ किसी के भी मिलने या बैठक पर रोक लगी हुई है… चाहे यह सीधे हो, कंथापुरम हो या फिर हबीब उमर बिन हाफिज के कार्यालय द्वारा किसी भी माध्यम से हो।”
अब्दुल ने इसके बाद कंथापुरम पर झूठ बोलने का आरोप भी लगाया। अब्दुल ने कहा कि इस्लाम सच्चाई का धर्म है और यहाँ झूठ की कोई गुंजाइश नहीं है। अब्दुल ने स्पष्ट किया कि निमिषा प्रिया की मौत की सजा रोकने या उसके परिवार से कोई डील करने की बात सच नहीं है। अब्दुल ने बताया कि ऐसी खबर अगर सच होती तो पहले ही इसकी घोषणा कर देते। अब्दुल मेहदी ने कहा कि हम खून का बदला खून से लेंगे और इसे कोई बदल नहीं सकता।
निमिषा प्रिया की मौत को भुनाने का आरोप भी अब्दुल ने कुछ लोगों पर लगाया। अब्दुल ने कहा कि जिस त्रासदी से उसका भाई और उसका परिवार गुजरा है, निमिषा प्रिया को मौत की सजा के जरिए उसका बदला पूरा होगा। अब्दुल और उसके परिवार ने यमन के अधिकारियों से बातचीत करके निमिषा की मौत की सजा की डेट जल्द फाइनल करने को कहा है। अब्दुल का यह बयान तब आया है जब कंथापुरम लगातार निमिषा प्रिया को बचाने से जुड़े दावे कर रहे हैं।
कंथापुरम कर रहे बचाने का दावा
मौलाना कंथापुरम ने हाल ही में एक समारोह में दावा किया था कि वह निमिषा प्रिया को मानवीय आधार पर बचा रहे हैं। कंथापुरम ने बोला था कि वह इसके लिए कोई क्रेडिट नहीं चाहते। हालाँकि, यह कोई पहला मौक़ा नहीं है जब उन्होंने या उनके दफ्तर ने यह दावा किया हो कि निमिषा प्रिया को बचा लिया गया है। इससे पहले कंथापुरम के दफ्तर ने दावा किया था कि निमिषा प्रिया की मौत की सजा खत्म कर दी गई है।
इससे पहले 16 जुलाई, 2025 को होने वाली निमिषा प्रिया की मौत की सजा जब टली थी, तब भी कंथापुरम को हीरो की तरह पेश किया गया था। मुस्लिमों के साथ ही वामपंथी मीडिया पोर्टल्स ने यह दिखाने का प्रयास किया था कि निमिषा की मौत की सजा उन्होंने टलवाई। इसको लेकर खूब प्रचार हुआ था। मौलाना के दफ्तर ने भी कई पोस्ट की थीं। इसके पीछे मौलाना का इस्लामी प्रभाव बताया गया था। इसको लेकर लम्बे लम्बे लेख लिखे गए थे। हालाँकि, यह बातें बाद में झूठी साबित हुईं।
निमिषा प्रिया पर बार-बार पकड़ा गया मौलाना का झूठ
निमिषा प्रिया की मौत को लेकर मौलाना कंथापुरम का झूठ कोई पहली बार नहीं पकड़ा गया है। जब मौत की सजा रोकी गई थी, तो भी मौलाना के रोल को भारतीय विदेश मंत्रालय ने नकार दिया था। इसके अलावा जब मौलाना के दफ्तर ने निमिषा प्रिया के मौत की सजा रुकने की बात कही थी तब भी यह झूठ निकला था और मौलाना के दफ्तर के पोस्ट हटानी तक पड़ी थी। अब जब उसने फिर से इससे जुड़ा दावा किया है तो मृतक मेहदी के भाई ने ही इसे नकार दिया है और मौलाना को झूठा तक करार दे दिया है।