एयरफोर्स चीफ AP सिंह, S-400 सुदर्शन

ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तानी रक्षा पंक्ति की कमर तोड़ कर रख दी। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी वायुसेना को भारी नुकसान पहुँचाते हुए 1 अवॉक्स सिस्टम और कम से कम 5 फाइटर जेट्स को तबाह कर दिया। भारत के एयरफोर्स के मुखिया एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बेंगलुरु में 16वें एयर चीफ मार्शल एलएम कात्रे लेक्चर के दौरान इस ऑपरेशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बताया कि इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने रूस निर्मित एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली ( भारत में ‘सुदर्शन’) का इस्तेमाल कर 5 पाकिस्तानी फाइटर जेट और एक बड़ा AEW&C (एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) विमान 300 किलोमीटर की दूरी से मार गिराया। यह अब तक की सबसे लंबी दूरी से हवाई हमले में दर्ज की गई कामयाबी है।

एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा, “हमने कम से कम पाँच फाइटर जेट और एक बड़े विमान को पक्के तौर पर मार गिराया। यह बड़ा विमान या तो ELINT विमान था या AEW&C विमान। इसे 300 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया। यह अब तक का सबसे लंबी दूरी का सतह से हवा में मार करने वाला हमला है।”

पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर भारी तबाही

वायुसेना प्रमुख ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर 7 मई 2025 को शुरू हुआ, जो 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था। इस हमले में पाकिस्तान से जुड़े आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली थी। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए।

एयर चीफ मार्शल सिंह ने बताया कि पाकिस्तान के शहबाज जैकोबाबाद हवाई अड्डे पर हमला किया गया, जहाँ एक F-16 हैंगर को नष्ट कर दिया गया। उन्होंने कहा, “शहबाज जैकोबाबाद हवाई अड्डा, जो एक बड़ा हवाई ठिकाना है, वहाँ F-16 का हैंगर था। इसका आधा हिस्सा पूरी तरह से तबाह हो गया। हमें यकीन है कि वहाँ कुछ और विमान थे, जो नष्ट हो गए।” इसके अलावा मुरिदके और चकलाला जैसे कमांड और कंट्रोल सेंटर, छह रडार और भोलारी में एक AEW&C हैंगर पर भी हमला किया गया। भोलारी में एक और AEW&C विमान के नष्ट होने की पुष्टि हुई है।

सुदर्शन मिसाइल सिस्टम साबित हुआ गेमचेंजर

एयर चीफ मार्शल सिंह ने सुदर्शन (S-400) मिसाइल सिस्टम की तारीफ करते हुए कहा कि यह हथियार भारतीय वायुसेना के लिए गेम-चेंजर साबित हुआ। उन्होंने कहा, “हमारी हवाई रक्षा प्रणालियों ने शानदार काम किया। सुदर्शन सिस्टम ने गेम बदल दिया। इसकी लंबी रेंज की वजह से पाकिस्तानी विमान अपने लंबी दूरी के ग्लाइड बम जैसे हथियारों का इस्तेमाल नहीं कर पाए। वे हमारे सिस्टम में घुसपैठ नहीं कर सके।”

उन्होंने आगे बताया कि पाकिस्तानी विमान आकाश और MRSAM की सीमा के पास भी नहीं आ सके। सभी विमान LRSAM की रेंज में आए और वहीं निशाना बनाए गए। सिंह ने कहा, “उनके विमान हमारी सीमा के पास नहीं आ सके। वे दूर रहने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन फिर भी वे हमारी रेंज में थे। यही मौके थे, जिन्हें हमने भुनाया।”

मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना तबाह

वायुसेना प्रमुख ने मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय पर हमले की तस्वीरें दिखाईं। उन्होंने कहा, “यह उनके वरिष्ठ नेताओं का रिहायशी इलाका था। यहीं उनकी ऑफिस बिल्डिंग थी, जहाँ वे मीटिंग करते थे। हमें हथियारों से वीडियो मिले, क्योंकि यह जगह हमारी रेंज में थी।”

तस्वीरों में साफ दिखा कि हमले में आतंकी ठिकाने पूरी तरह तबाह हो गए, लेकिन आसपास की इमारतों को कोई नुकसान नहीं हुआ। सिंह ने कहा, “हमें सैटेलाइट तस्वीरों के साथ-साथ स्थानीय मीडिया से भी तस्वीरें मिलीं, जिनसे हमें अंदर की स्थिति का पता चला।”

पाकिस्तान को बहुत नुकसान पहुँचा

एयर चीफ मार्शल सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने कई हवाई ठिकानों को निशाना बनाया, ताकि पाकिस्तान को यह संदेश जाए कि भारत कहीं भी, कभी भी हमला कर सकता है। उन्होंने कहा, “हमारा मकसद एक हवाई अड्डे को पूरी तरह तबाह करना नहीं था। हम चाहते थे कि उन्हें यह एहसास हो कि हम उनके क्षेत्र में गहराई तक हमला कर सकते हैं।”

पाकिस्तान के सरगोधा हवाई अड्डे पर हमले का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा, “हमारी वायुसेना में हम बचपन से सरगोधा पर हमले का सपना देखते थे। मुझे रिटायर होने से पहले यह मौका मिला। हमने वहाँ हवाई अड्डे पर हमला किया।”

एयर चीफ मार्शल ने आगे बताया कि 80 से 90 घंटे के इस हाई-टेक युद्ध में भारत ने इतना नुकसान पहुँचाया कि पाकिस्तान को समझ आ गया कि अगर वे जारी रखते हैं, तो और भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के DGMO को बातचीत का संदेश भेजा, जिसे भारत ने स्वीकार किया।

सुदर्शन यानी S-400 मिसाइल सिस्टम

भारतीय वायुसेना ने S-400 मिसाइल सिस्टम का नाम ‘सुदर्शन‘ रखा है, जो भगवान कृष्ण के प्राथमिक हथियार सुदर्शन चक्र से प्रेरित है। सुदर्शन चक्र एक बार चलने के बाद अपने लक्ष्य को पूरी तरह नष्ट कर देता है। वायुसेना ने इस सिस्टम को पूरी तरह एकीकृत कर लिया है और इसके तीन स्क्वाड्रन पहले ही तैनात किए जा चुके हैं। भारत ने 2018-19 में रूस के साथ 35,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से 5 स्क्वाड्रन के लिए समझौता किया था। तीन स्क्वाड्रन मिल चुके हैं, और बाकी दो 2026 तक मिलने की उम्मीद है।

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से डिलीवरी में देरी हुई है, लेकिन भारत ने स्वदेशी और इजरायली मिसाइल सिस्टम जैसे प्रोजेक्ट कुशा, आकाश, MRSAM और स्पाइडर क्विक रिएक्शन मिसाइल सिस्टम को भी अपनी सेना में शामिल किया है।

राजनीतिक इच्छाशक्ति ने दिलाई जीत

एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि ऑपरेशन की सफलता का एक बड़ा कारण सरकार की स्पष्ट राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। उन्होंने कहा, “हमें कोई राजनीतिक बाधा नहीं आई। हमें पूरी आजादी दी गई थी। हमने खुद तय किया कि कितना बढ़ाना है। हमने हमले को सोच-समझकर अंजाम दिया, क्योंकि हम परिपक्व तरीके से जवाब देना चाहते थे।”

ऑपरेशन रोकने का फैसला एकदम सही

एपी सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा, “लोगों ने युद्ध में अपने अहंकार को बीच में ला दिया। एक बार जब हमने अपने लक्ष्य हासिल कर लिए, तो हमें रुकने के लिए सभी मौकों को देखना चाहिए था। मेरे कुछ करीबी लोग कह रहे थे, ‘और मारना था।’ लेकिन क्या हम हमेशा युद्ध में रह सकते हैं? देश ने शांति का सही फैसला लिया।”

ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने अपनी ताकत और तकनीकी श्रेष्ठता का शानदार प्रदर्शन किया। सुदर्शन मिसाइल सिस्टम ने न सिर्फ पाकिस्तानी विमानों को दूर रखा, बल्कि उन्हें भारी नुकसान भी पहुँचाया। यह ऑपरेशन भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का प्रतीक बन गया है।



Source link

Search

Categories

Tags

Gallery