सोशल मीडिया पर शुक्रवार (1 अगस्त 2025) को एक इंडिगो फ्लाइट में हुए झगड़े को लेकर झूठी खबरें फैलाई गईं। दावा किया गया कि एक हिंदू व्यक्ति ने एक मुस्लिम यात्री पर हमला किया। यह अफवाह खासतौर पर एक्स पर कुछ वामपंथी और इस्लामी हैंडलों द्वारा फैलाई गई, जिन्होंने इसे मुस्लिम पीड़ित की तरह पेश किया।

इन दावों में मुस्लिम पहचान को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया और हमलावर को ‘हिंदू’, ‘संघी’ जैसे शब्दों से जोड़ा गया। लेकिन सच यह है कि झगड़े में शामिल दोनों व्यक्ति मुस्लिम थे। इसके बावजूद, एक खास नैरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए हमलावर की असल पहचान को नजरअंदाज कर दिया गया।

एक्स पर प्रमुख वामपंथियों और इस्लामवादियों द्वारा किए गए ट्वीट्स का स्क्रीनशॉट

यह मामला बताता है कि कैसे सोशल मीडिया पर गलत जानकारियों के जरिए सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिश की जाती है, जबकि हकीकत कुछ और होती है।

असल में क्या था मामला

कोलकाता से मुंबई जा रही इंडिगो की एक फ्लाइट में हुसैन अहमद मजूमदार नाम के एक यात्री के साथ मारपीट हुई। हुसैन, जो असम के कछार जिले का रहने वाला है, उसको उड़ान के दौरान घबराहट का दौरा पड़ा।

इसी वजह से फ्लाइट में देरी हुई, जिससे नाराज होकर एक अन्य यात्री हफीजुल रहमान ने उसे थप्पड़ मार दिया। इस घटना का एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक सहयात्री हमलावर को टोकते हुए कहता है, ‘तुमने उसे थप्पड़ क्यों मारा? तुम्हें किसी को मारने का कोई अधिकार नहीं है।’ इस दौरान हुसैन रोते हुए नजर आते हैं।

घटना के बाद आरोपित हफीजुल रहमान को कोलकाता में विमान से उतार दिया गया और CISF ने उसे हिरासत में ले लिया।

इंडिगो एयरलाइन ने शुक्रवार (1 अगस्त 2025) को इस मामले पर बयान जारी करते हुए कहा, ‘हमारी फ्लाइट में मारपीट की घटना घटी है, जिसे हम पूरी तरह से अस्वीकार्य करते हैं। हम यात्रियों और क्रू की सुरक्षा और सम्मान को सबसे ऊपर रखते हैं। हमारे स्टाफ ने तय नियमों के तहत कार्रवाई की और आरोपित को ‘अनियंत्रित यात्री’ मानते हुए उसे सुरक्षा एजेंसियों को सौंप दिया गया।’

एयरलाइन ने यह भी कहा कि घटना की जानकारी सभी संबंधित नियामक एजेंसियों को दे दी गई है और वे सभी उड़ानों में सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। फिलहाल, पीड़ित हुसैन अहमद मजूमदार घटना के बाद से लापता है, जिससे चिंता और बढ़ गई है।

मुस्लिम पीड़ित बनाम वास्तविकता की कहानी

जैसे ही घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, कुछ जान-पहचान वाले हैंडल्स ने तुरंत मान लिया कि हमला करने वाला व्यक्ति हिंदू है। उन्होंने इस एक घटना के आधार पर भारत की धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाने शुरू कर दिए और देश के भविष्य को लेकर तरह-तरह की नकारात्मक बातें कहने लगे।

हालांकि, उनका ये झूठा और भड़काऊ नैरेटिव ज्यादा देर टिक नहीं सका। ‘द हिंदू’ की पत्रकार जागृति चंद्रा ने सबसे पहले सच्चाई सामने लाई और बताया कि इस झगड़े में शामिल दोनों व्यक्ति एक ही धर्म से हैं, यानी आरोपित और पीड़ित दोनों मुस्लिम हैं। इस खुलासे ने उन लोगों के एजेंडे की सच्चाई को सामने ला दिया, जो इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे थे।

उन्होंने अपनी जानकारी का स्रोत इंडिगो को बताया।

बाद में, अन्य पत्रकारों ने अपराधी का नाम हफीजुल रहमान बताया।

जब यह साफ हो गया कि हमला करने वाला व्यक्ति मुस्लिम है, तो वामपंथी और इस्लामवादी हैंडल्स ने इस मुद्दे पर बात करना अचानक बंद कर दिया।

उन्होंने पहले जिस तरह इस घटना को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था, अब उसी पर चुप्पी साध ली और पीड़ित बनने की नई कहानियाँ गढ़ने के लिए किसी और मुद्दे की तरफ ध्यान मोड़ लिया। यानी जब उनकी बनाई गई झूठी कहानी टिक नहीं पाई, तो उन्होंने चुपचाप रास्ता बदल लिया।



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