The Congress claimed that there are "far deeper reasons" for #JagdeepDhankhar's resignation as the Vice-President than the health reasons cited by him, and said his resignation speaks highly of him but poorly of those who got him elected to the post.https://t.co/G9ML3g5T5Z
— The Hindu (@the_hindu) July 22, 2025
धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला चुका है कॉन्ग्रेस
कॉन्ग्रेस को जगदीप धनखड़ विपक्ष को साथ लेकर चलने वाले नजर आने लगे हैं। ये वही कॉन्ग्रेस है जिसने देश के इतिहास में पहली बार उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उनका ‘संवैधानिक अपमान’ किया । 72 साल के संवैधानिक इतिहास में धनखड़ पहले ऐसे उपराष्ट्रपति रहे जिनके खिलाफ प्रमुख विपक्षी पार्टी कॉन्ग्रेस की अगुवाई वाली इंडी गठबंधन ने दिसंबर 2024 में सदन में महाभियोग प्रस्ताव लेकर आया था।
उस वक्त धनखड़ पर ‘पक्षपातपूर्ण तरीके’ से सदन चलाने और विपक्ष को ‘बोलने का मौका नहीं ‘देने का आरोप लगाया था। हालाँकि तकनीकी कारणों से महाभियोग प्रस्ताव खारिज हो गया। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
लेकिन आज उपराष्ट्रपति धनखड़ कॉन्ग्रेस को सभी दलों को मिला कर चलने वाले नेता नजर आने लगे हैं। कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने यहाँ तक कहा है कि धनखड़ सत्ता पक्ष और विपक्ष को मिलाकर चलना चाहते थे और दुनिया में भारत के लोकतंत्र की बेहतर छवि प्रस्तुत करना चाहते थे।
धनखड़ की मिमिक्री का मामला
उपराष्ट्रपति धनखड़ को विपक्ष ने आहत भी किया है। याद कीजिए मोदी सरकार 2.0 का वो आखिरी शीतकालीन सत्र जब सदन में हंगामे की वजह से राज्यसभा के 45 सांसदों समेत कुल 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। सभी निलंबित सांसद संसद भवन की सीढ़ियों पर बैठकर निलंबन का विरोध कर रहे थे।
इसी दौरान टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी उठे और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने लगे। उनके बात करने और शारीरिक संरचना की खिल्ली उड़ाई। इस दौरान कॉन्ग्रेस नेता राहुल गांधी खड़े होकर हँसते और मिमिक्री का वीडियो बनाते नजर आए।
#WATCH | TMC MP Kalyan Banerjee mimics Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar in Parliament premises pic.twitter.com/b835BUGRoR
— ANI (@ANI) December 19, 2023
इस पर जगदीप धनखड़ ने अपनी नाराजगी भी जताई। उन्होंने संसद में कहा था कि एक सांसद चेयरमैन का मजाक बनाता है और कॉन्ग्रेस के बड़े नेता हँसते हैं और उसका वीडियो बनाते हैं। उन्होंने इसे व्यक्तिगत और जाति आधारित अपमान बताया था। उन्होंने कहा था कि उनकी जाट पहचान और किसान बैकग्राउंड का मजाक उड़ाया गया। ये पूरे जाट समुदाय का अपमान है।
सांसद कल्याण बनर्जी ने इसके बाद भी कई बार जगदीप धनखड़ की मिमिक्री बनाई और कहा कि वो 1000 बार ऐसा करेंगे।
हाथ धोकर पीछे पड़ी रही टीएमसी
विपक्ष के हर उस दांव में टीएमसी साथ देती रही जो धनखड़ के खिलाफ थी। दरअसल उपराष्ट्रपति की मुखर आलोचक टीएमसी के साथ धनखड़ का रिश्ता उस वक्त से खराब रहा था, जब वह बंगाल के राज्यपाल थे। 2019 से 2022 के बीच राज्यपाल धनखड़ ने बंगाल की ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार की कई मुद्दों पर आलोचना की।
उन्होंने कहा था कि राज्य में संविधान का शासन नहीं है और अराजकता,गुंडागर्दी का बोलबाला है। इसको सीएम ममता बनर्जी ने राज्य का अपमान बताया था। उन्होंने सरकार के कामकाज में दखलंदाजी के आरोप भी लगाए। ऐसे में जब जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार बने तो उनका जमकर विरोध किया।
सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी को लेकर धनखड़ और विपक्ष के बीच बहसबाजी
सुप्रीम कोर्ट को लेकर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा था कि संसद के बनाए कानूनों को अगर कोर्ट रोक देती है तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। धनखड़ के इस बयान का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया था। टीएमसी ने कहा था कि यह व्यक्ति बीजेपी का एजेंडा चला रहा है वहीं कॉन्ग्रेस ने कहा था, “उपराष्ट्रपति संवैधानिक मर्यादाओं को तोड़ रहे हैं।” अब वही कॉन्ग्रेस उपराष्ट्रपति का गुणगान करती नजर आ रही है।
विश्वविद्यालयों पर धनखड़ की टिप्पणी पर विपक्ष हुआ था आग-बबूला
मार्च 2023 में जब शैक्षणिक संस्थानों और छात्र राजनीति पर राज्यसभा में बहस चल रही थी तो सभापति धनखड़ ने कहा था, “कुछ विश्वविद्यालय देशविरोधी विचारधाराओं को प्रश्रय देते हैं।” उनका इशारा जेएनयू की तरफ था। इस पर कॉन्ग्रेस और वामपंथी पार्टियों ने उपराष्ट्रपति की भाषा को ‘संघी एजेंडा’ करार दे दिया और बयान वापस लेने पर अड़े रहे। इस दौरान संसद में कई दिनों तक व्यवधान रहा।
विपक्ष ने लगाया बीजेपी प्रवक्ता होने का आरोप
दिसंबर 2023 में शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष ने धनखड़ पर विपक्षी सांसदों को नहीं बोलने का आरोप लगाया था। इस दौरान कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था, “ये उपराष्ट्रपति नहीं, बीजेपी प्रवक्ता की तरह बर्ताव कर रहे हैं।” आज वही कॉन्ग्रेस उनकी तारीफ के पुल बाँध रही है और ‘लोकतंत्र का सच्चा सिपाही’ कह रही है।
2022 में उपराष्ट्रपति बनने का भी विपक्ष ने किया था विरोध
मोदी सरकार ने 2022 में बंगाल के राज्यपाल से सीधे केन्द्र में उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया। इंडी गठबंधन ने कॉन्ग्रेस नेता मार्गेट अल्वा को अपना उम्मीदवार बनाया था। धनखड़ ने 725 में से 528 वोट पाकर जीत दर्ज की थी और 11 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति बने।