भारत के लिए संयुक्त घोषणापत्र में कही गयी दोनों बातें काफी अहम है, क्योंकि भारत लंबे समय से यूएनएससी में नए देशों को शामिल करने की माँग करता रहा है।
रियो शिखर सम्मेलन के संयुक्त घोषणापत्र में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के साथ दोहरने मापदंडों को खारिज किया गया है। इससे पहले क्वाड देशों ने भी पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की थी।
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ पर चिंता जताते हुए इसे डब्लूटीओ के नियमों का उल्लंघन बताया गया है। साथ ही इससे विकासशील देशों को होने वाले नुकसान की बात कही गई है।
आतंकियों को पनाह देने वालों की आलोचना
ब्रिक्स देशों की ओर से कहा गया है, ‘हम 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें 26 लोग मारे गए और कई घायल हो गए। हम आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, जिसमें आतंकवादियों का सीमा पार आवागमन, आतंकवाद का वित्तपोषण और आतंकियों को सुरक्षित ठिकाने देना शामिल हैं।’
ब्रिक्स देशों ने एकजुट होकर आतंकवाद से लड़ने की इच्छा जताई है। साथ ही यूएन से आतंकवाद पर सम्मेलन बुलाने का आग्रह भी किया गया है। भारत के लिए ब्रिक्स का ज्वाइंट स्टेटमेंट काफी संतोष देने वाला है और इसे भारत की जीत के रूप में लिया जाना चाहिए।
इससे पहले पीएम मोदी ने ब्रिक्स में पीस एंड सिक्योरिटी एंड रिफॉर्म ऑफ ग्लोबल गवर्नेंस सत्र के दौरान पड़ोसी मुल्क पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद पर दोहरे मापदंडों की कोई जगह नहीं है। अगर कोई देश आतंकवाद का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन करता है तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने से किसी देश को हिचकना नहीं चाहिए। आतंकवाद का समर्थन या इसकी मौन सहमति बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी देशों को मिलकर इस पर फैसला करना होगा।
भारत के आर्थिक संबंध सचिव दम्मू रवि ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, “…प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पहलगाम में हुआ हमला पूरी मानवता पर हमला है। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादियों को वित्तपोषित करने, बढ़ावा देने और सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने वालों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए… प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुध्रुवीय विश्व को आकार देने में ब्रिक्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने ब्रिक्स समूह में विज्ञान मऔर अनुसंधान कोष स्थापित करने पर विचार करने के संदर्भ में कुछ सुझाव भी दिए…”
दम्मू रवि ने कहा, ” सभी सदस्यों ने भारत का समर्थन किया है। उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की।”
#WATCH रियो डी जेनेरो, ब्राजील: सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि ने कहा, "…सभी सदस्यों ने भारत का समर्थन किया है। उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले के प्रति एकजुटता और कड़ी निंदा व्यक्त की।" pic.twitter.com/yBQHXlj5K3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 7, 2025
यूएनएससी के विस्तार की माँग
ब्रिक्स सम्मेलन में यूएनएससी में सुधार का समर्थन किया गया है। सुरक्षा परिषद को और लोकतांत्रिक, प्रभावी और कार्यकुशल बनाने के लिए बदलाव की माँग की गई है।
घोषणापत्र में कहा गया है, “हम यूएनएससी के व्यापक सुधार के लिए अपना समर्थन दोहराते हैं, ताकि इसे और अधिक लोकतांत्रिक, प्रतिनिधि, प्रभावी और कुशल बनाया जा सके, और परिषद की सदस्यता में विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जा सके, ताकि यह मौजूदा वैश्विक चुनौतियों का पर्याप्त रूप से जवाब दे सके और ब्रिक्स देशों सहित अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के उभरते और विकासशील देशों की आकांक्षाओं का समर्थन कर सके, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय मामलों में यूएनएससी में अपनी भूमिका निभा सकें। हम अफ्रीकी देशों की आकांक्षाओं को मान्यता देते हैं, जैसा कि एज़ुल्विनी सर्वसम्मति और सिर्ते घोषणा में परिलक्षित होता है।”
The expansion of BRICS clearly shows that BRICS is an organization capable of changing itself with the times. Now, we need to show the same resolve for reforms in institutions like the UN Security Council, WTO, and multilateral development banks.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 6, 2025
इसमें कहा गया है, “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषध में सुधार से विश्वस्तर पर दक्षिण की आवाज पहुँच पाएगी। इसलिए भारत और ब्राजील की आकांक्षाओं को अपना समर्थन देते हैं।”